अग्निपथ योजना 2022 : कैसे होगी भर्ती, ट्रेनिंग, सैलरी और पेंशन | Agneepath Yojana 2022 in hindi

अग्निपथ योजना 2022 : कैसे होगी भर्ती, ट्रेनिंग, सैलरी और पेंशन | Agneepath Yojana 2022 in hindi  | अग्निपथ योजना 2022: ऑनलाइन आवेदन, पात्रता व Agneepath Yojana चयन प्रक्रिया | Agneepath Bharti Yojana 2022; अग्निपथ योजना 2022, कुल पद, सैलरी, आयु सीमा, सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में पढ़े

Jun 16, 2022 - 04:09
Jun 16, 2022 - 05:03
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अग्निपथ योजना 2022 : कैसे होगी भर्ती, ट्रेनिंग, सैलरी और पेंशन | Agneepath Yojana 2022 in hindi
अग्निपथ योजना 2022 : कैसे होगी भर्ती, ट्रेनिंग, सैलरी और पेंशन | Agneepath Yojana 2022 in hindi

अग्निपथ योजना 2022

केंद्र ने तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना 2022 लॉन्च की है। भारतीय सेना की भर्ती प्रक्रिया में आमूल-चूल बदलाव करने वाली इस योजना का मकसद युवाओं को सेना की ओर आकर्षित करना है। अग्निपथ योजना 2022 योजना के तहत ऑफिसर रैंक के नीचे की भर्ती की जाएगी। ज्यादातर युवाओं को चार साल के लिए नियुक्त किया जाएगा। अग्निवीरों की भर्ती के दौरान इस लेवल की सेना की रूटीन भर्ती नहीं होगी। माना जा रहा है कि इस योजना के लागू होने से भारतीय सेनाओं की औसत उम्र 32 से घटकर 26 वर्ष हो जाएगी।

अग्निपथ योजना 2022 आर्म्ड फोर्सेज के लिए एक देशव्यापी शॉर्ट-टर्म यूथ रिक्रूटमेंट स्कीम है। अग्निपथ योजना 2022 के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा। अग्निवीरों की तैनाती रेगिस्तान, पहाड़, जमीन, समुद्र या हवा, समेत विभिन्न जगहों पर होगी।इस नई स्कीम में ऑफिसर रैंक के नीचे के सैनिकों की भर्ती होगी। यानी इनकी रैंक पर्सनेल बिलो ऑफिसर रैंक यानी PBOR के तौर पर होगी। इन सैनिकों की रैंक सेना में अभी होने वाली कमीशंड ऑफिसर और नॉन-कमीशंड ऑफिसर की नियुक्ति से अलग होगी।

अग्निपथ योजना 2022 के तहत साल में दो बार रैली के जरिए भर्ती होगी|  इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती होगी, लेकिन इस दौरान सेना के तीनों अंगों में इस स्तर की आर्मी भर्ती नहीं होगी। अग्निवीर बनने के लिए 17.5 साल से 21 साल का होना जरूरी है। अग्निवीर बनने के लिए कम से कम 10वीं पास होना जरूरी है। अग्निवीर अधिकतम 4 साल तक नौकरी कर सकेंगे। यानी अग्निवीर अधिकतम 25.5 साल की उम्र में वापस एक सामान्य नागरिक बन जाएंगे।

यानी सभी अग्निवीरों की नियुक्ति 4 साल के लिए होगी। इनमें से 25% अग्निवीरों को परमानेंट भर्ती के लिए चुना जाएगा। यह 15 साल के लिए होगा। इस स्कीम के तहत भर्ती का स्टैंडर्ड सेना की भर्ती जैसा ही होगा। इस स्कीम से जुड़ी वैकेंसी और जॉइनिंग प्रोसेस संबंधित आर्म्ड फोर्सेज की वेबसाइट्स पर उपलब्ध होगा।

ये वेबसाइट्स हैं:

joinindianarmy.nic.in

joinindiannavy.gov.in

careerindianairforce.cdac.in

 

चुने जाने के बाद अग्निवीरों की 6 महीने की ट्रेनिंग होगी और उसके बाद साढ़े तीन साल के लिए नियुक्ति होगी। महिलाएं भी अग्निवीर बन सकती हैं। हालांकि उनकी संख्या पुरुषों के बराबर नहीं होगी। उनकी संख्या आने वाले सालों में धीरे-धीरे बढ़ाई जाएगी। नई स्कीम के तहत हर साल 45-50 हजार सैनिकों की भर्ती होगी।
अग्निवीरों को शुरुआत में 30 हजार रुपए महीना मिलेंगे, चौथे साल में यह बढ़कर 40 हजार रुपए महीने हो जाएंगे।

वैसे शुरुआत में इनका कुल सालाना पैकेज 4.76 लाख रुपए होगा और चौथे साल में 6.92 लाख रुपए का सालाना पैकेज हो जाएगा।

इसमें से 30% पैसा एक फंड में जमा होता रहेगा। सरकार हर महीने अपनी तरफ से इसके बराबर पैसा फंड में डालती रहेगी। यह एक तरह का प्रोविडेंट फंड होगा। रिटायरमेंट के समय अग्निवीरों को 11.7 लाख रुपए मिलेंगे। अग्निवीर सैनिकों की ट्रेनिंग नियमित आर्म्ड फोर्सेज के सैनिकों की तरह ही होगी, जिसमें कड़ी मिलिट्री ट्रेनिंग शामिल होगी। हालांकि इनकी ट्रेनिंग की अवधि कम होगी। आम सैनिकों को 11 महीने की ट्रेनिंग दी जाती है, जबकि अग्निवीर सैनिकों की ट्रेनिंग 6 महीने की होगी।

अग्निपथ योजना 2022 के ट्रेनिंग स्टैंडर्ड को आर्म्ड फोर्सेज में सीनियर ऑफिसर मॉनिटर करेंगे। ये योजना 14 जून को लॉन्च हुई है और इसके लिए भर्ती की प्रक्रिया 90 दिन के अंदर शुरू होगी।जिन 75% सैनिकों को 4 साल की सेवा के बाद रिटायर कर दिया जाएगा, उन्हें सेवा निधि पैकेज के तहत 11.71 लाख रुपए की एकमुश्त रकम दी जाएगी, जो कि टैक्स फ्री होगी।

Key Highlights Of अग्निपथ योजना  2022

योजना का नाम अग्निपथ योजना 2022
किसने आरंभ की भारत सरकार
लाभार्थी भारत के नागरिक
उद्देश्य युवाओं को सेना में भर्ती करना
आधिकारिक वेबसाइट जल्द लॉन्च की जाएगी
आवेदन के लिए न्यूनतम एवं अधिकतम आयु 17.5 से 21 वर्ष
साल 2022
आवेदन का प्रकार ऑनलाइन/ऑफलाइन

अग्निपथ योजना 2022 के सैनिकों को 4 वर्षों के दौरान 48 लाख रुपए का लाइफ इंश्योरेंस कवर मिलेगा।

किसी अग्निपथ योजना 2022 के सैनिक के शहीद होने पर उसे 1 करोड़ रुपए का कवर मिलेगा। साथ ही उसकी बची हुई सर्विस की सैलरी भी मिलेगी। नहीं, अग्निवीरों की कोई अलग रेजिमेंट या यूनिट नहीं होगी। अग्निवीर भले ही एक अलग कैटेगरी के जवान होंगे। या यूं कहें कि उनका कैडर अलग होगा, लेकिन वो सेना, नौसेना और वायुसेना की अलग-अलग रेजिमेंट, स्क्वाड्रन और यूनिटों में शामिल होंगे। जैसे इन्फैंट्री रेजिमेंट, मिसाइल यूनिट आदि।

यह अफसर नहीं होंगे, इसलिए वायुसेना में पायलट जैसे बेहद टेक्निकल काम इनसे नहीं लिए जाएंगे।

अग्रिवीरों को रेगुलर जवानों की तरह रिटायरमेंट के बाद न ही पेंशन मिलेगी और न एक्स सर्विसमैन वाले दूसरे फायदे, जैसे- मिलिट्री कैंटीन और मेडिकल सुविधाएं।

यानी रिटायरमेंट के बाद अग्निवीर एक सामान्य नागिरक ही होंगे।
अग्निवीरों को रिटायरमेंट के समय उनकी कुल सैलरी से कटने वाले 30% हिस्से और इसके बराबर सरकारी हिस्से को मिलाकर करीब 11.7 लाख रुपए मिलेंगे।

सबसे खास बात यह कि अग्निपथ योजना 2022 बनने की मिनिमम एजुकेशन 10वीं पास है। ऐसे में जो अग्रिनवीर चार साल की नौकरी पूरी करके रिटायर होगा, उसे 12वीं पास माना जाएगा और उन्हें इसका सर्टिफिकेट भी मिलेगा। केवल 25% अग्निवीर सैनिकों को ही सेना में स्थायी नियुक्ति दी जाएगी। ये उनकी मेरिट और परफॉर्मेंस के आधार पर तय होगा। बाकी 75% अग्निवीर सैनिकों को 4 साल की सर्विस के बाद रिलीज कर दिया जाएगा।
4 साल की अग्निपथ योजना 2022  के बाद सेना में परमानेंट सर्विस के लिए जुड़ने वाले सैनिकों के उन 4 वर्षों की सर्विस को नहीं गिना जाएगा।

सेना को इससे क्या फायदा होने वाला है?

  • रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इससे 2030 तक हमारी सेना की औसत उम्र 32 से घटकर 24 से 26 साल हो जाएगी।
  • दो साल से रुकी हुई भर्ती को छोड़ दें तो इससे पहले तक हर साल तीनों सेनाओं में करीब 60 हजार जवानों की भर्ती होती थी, क्योंकि तकरीबन इतने ही फौजी रिटायर हो जाते थे।
  • सेना अगले 10 सालों में युवा और अनुभवी फौजियों के अनुपात को 1:1 तक लाना चाहती है। मतलब साफ है कि अगले 10 सालों में हमारी तीनों सेनाओं में आधे अग्निपथ योजना 2022  होंगे। इससे हमारी सेना ज्यादा युवा, ज्यादा फिट और ट्रेनिंग देने लायक हो जाएगी।
  • अगर 2022-23 के रक्षा बजट को देखें तो यह 5.25 लाख करोड़ था। इसमें से 1.19 लाख करोड़ रुपए केवल पेंशन में खर्च हो जाएंगे और तकरीबन इतने ही रुपए सैलरी पर खर्च होंगे।
  • करीब पौने तीन लाख करोड़ से सेना की बाकी जरूरतें पूरी होंगी।
  • अग्निवीर योजना से पेंशन और सैलरी पर होने वाले खर्च का एक बड़ा हिस्सा बचेगा जिसे सेना को अच्छे हथियार और टेक्नोलॉजी देने में खर्च किया जा सकेगा।