Hazaribagh Watercrisis: मकरसंक्रांति पर भी जल संकट, लाखों लोग परेशान
हजारीबाग में छड़वा डैम से जलापूर्ति ठप होने के कारण दो दिनों से जल संकट बना हुआ है। पाइपलाइन टूटने के कारण लाखों लोग परेशान हैं। जानिए पूरा मामला।
हजारीबाग में पिछले दो दिनों से पानी की भारी किल्लत बनी हुई है। पेलावल में सड़क निर्माण के दौरान छड़वा डैम से आने वाले मुख्य पाइप के टूट जाने के कारण जलापूर्ति बाधित हो गई है। मकरसंक्रांति जैसे महत्वपूर्ण पर्व के दौरान भी लाखों लोगों को स्वच्छ जल के लिए जूझना पड़ रहा है।
क्या है पूरा मामला?
12 और 13 जनवरी को हजारीबाग नगर निगम क्षेत्र में जल आपूर्ति पूरी तरह ठप रही। पाइपलाइन टूटने के कारण शहर में दो दिनों से जल संकट गहराया हुआ है।
- छड़वा डैम, जो हजारीबाग के लाखों लोगों की पेयजल जरूरतों को पूरा करता है, वहीं से पानी की आपूर्ति बाधित है।
- सोमवार शाम तक भी पानी की आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी थी।
- मकरसंक्रांति के अवसर पर भी पानी संकट बने रहने की आशंका जताई जा रही है।
पाइप टूटने के बाद क्यों नहीं हो पा रही जलापूर्ति?
पेलावल में सड़क निर्माण के दौरान छड़वा डैम से आने वाली मुख्य पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई।
- पाइपलाइन की मरम्मत में देरी होने के कारण जल संकट और बढ़ता जा रहा है।
- स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही मरम्मत कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
स्थानीय नेताओं ने क्या कहा?
जल संकट के मुद्दे पर सीपीएम जिला सचिव गणेश कुमार सीटू, ईश्वर महतो, तपेश्वर राम भुइयां और सुरेश कुमार दास ने मिलकर हजारीबाग उपायुक्त को पत्र लिखकर तुरंत जलापूर्ति बहाल करने की मांग की।
- नेताओं का कहना है कि 1954 में छड़वा डैम का निर्माण हजारीबाग की आबादी के अनुसार किया गया था, लेकिन 70 वर्षों में जनसंख्या कई गुना बढ़ चुकी है।
- डैम की जलधारण क्षमता घटती जा रही है, लेकिन जल आपूर्ति का उचित विस्तार नहीं किया गया।
छड़वा डैम: क्या है इसका ऐतिहासिक महत्व?
छड़वा डैम का निर्माण 1954 में हजारीबाग शहर की जल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया गया था।
- इस डैम से जुड़े फिल्टर प्लांट को भी दशकों पुराना बताया गया है।
- 70 वर्षों में हजारीबाग की जनसंख्या में भारी वृद्धि हुई, लेकिन जलापूर्ति का विस्तार नहीं हुआ।
आरोप: ठेकेदारी व्यवस्था बनी परेशानी?
नेताओं ने आरोप लगाया कि:
- नगर निगम द्वारा जल आपूर्ति के लिए ठेकेदारी व्यवस्था लागू होने के बाद समस्याएं बढ़ी हैं।
- बिना फिल्टर किए पानी सप्लाई करना और समय पर जलापूर्ति नहीं करना आम हो गया है।
- इसके बावजूद, नगर निगम द्वारा जल कर वसूला जा रहा है।
जनता की परेशानी
पानी की किल्लत के कारण:
- लाखों लोग पीने के पानी के लिए परेशान हैं।
- कई इलाकों में हैंडपंप और कुओं पर लंबी कतारें देखी गई हैं।
- महिलाओं और बच्चों को पानी लाने के लिए घंटों मशक्कत करनी पड़ रही है।
क्या कह रहे हैं प्रशासनिक अधिकारी?
नगर निगम और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने आश्वासन दिया है कि:
- पाइपलाइन की मरम्मत का कार्य शीघ्र पूरा किया जाएगा।
- जल संकट को हल करने के लिए वैकल्पिक स्रोतों की व्यवस्था की जा रही है।
समाधान के लिए उठाए गए कदम
- जल टैंकरों की व्यवस्था की गई है।
- आवश्यक क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर जल आपूर्ति दी जा रही है।
- पाइपलाइन मरम्मत का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
स्थानीय नेता आंदोलन की चेतावनी पर अडिग
सीपीएम नेताओं ने चेतावनी दी है कि:
- यदि जल्द जल संकट का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।
- प्रशासन को जनता के प्रति जवाबदेह बनना होगा।
जनता के लिए सुझाव
- पानी का संचयन करें।
- जल संकट के दौरान पानी का मितव्ययता से उपयोग करें।
- समस्या होने पर स्थानीय प्रशासन को सूचित करें।
समाधान की ओर उम्मीदें
हजारीबाग का यह जल संकट प्रशासनिक लापरवाही का संकेत देता है। हालांकि, नगर निगम और पेयजल विभाग ने त्वरित समाधान का आश्वासन दिया है। यह आवश्यक है कि स्थायी समाधान के लिए छड़वा डैम के विस्तार और आधुनिक जल प्रबंधन प्रणालियों को अपनाया जाए।
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