Hazaribagh Violence: लाउडस्पीकर विवाद ने भड़काई हिंसा, 200 पर केस दर्ज, जानें पूरा मामला

हजारीबाग के डुमरौन गांव में लाउडस्पीकर विवाद के चलते हिंसा भड़क गई। प्रशासन ने 45 नामजद समेत 200 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया। जानें पूरी खबर।

Feb 28, 2025 - 09:20
 0
Hazaribagh Violence: लाउडस्पीकर विवाद ने भड़काई हिंसा, 200 पर केस दर्ज, जानें पूरा मामला
Hazaribagh Violence: लाउडस्पीकर विवाद ने भड़काई हिंसा, 200 पर केस दर्ज, जानें पूरा मामला

झारखंड के हजारीबाग में बुधवार को हुए लाउडस्पीकर विवाद ने बड़ा रूप ले लिया। इचाक के डुमरौन गांव में दो पक्षों के बीच झड़प के बाद हालात बेकाबू हो गए। प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए 45 नामजद समेत 200 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज कर लिया है। वहीं, गुरुवार को तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के पीछे का सच क्या है? चलिए, जानते हैं पूरी कहानी।

कैसे भड़की हिंसा?

बुधवार की सुबह डुमरौन गांव में महाशिवरात्रि के अवसर पर लाउडस्पीकर लगाने को लेकर दो समुदायों में विवाद हो गया। धीरे-धीरे यह विवाद इतना बढ़ गया कि देखते ही देखते पत्थरबाजी और आगजनी शुरू हो गई। स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। पूरे इलाके में तनाव फैल गया, और प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की।

प्रशासन की सख्ती और गिरफ्तारी

गुरुवार को पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जबकि 45 नामजद और 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। जिन लोगों पर केस दर्ज किया गया है, उन पर धार्मिक उन्माद फैलाने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और विधि-व्यवस्था भंग करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।

क्या निर्दोष भी फंसे?

हजारीबाग जिला परिषद अध्यक्ष उमेश मेहता के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने डीसी नैंसी सहाय से मुलाकात की और आरोप लगाया कि कुछ निर्दोष लोगों को भी इस मामले में फंसा दिया गया है। बताया गया कि नामजद किए गए कुछ लोग घटना के दिन गांव में मौजूद ही नहीं थे, बल्कि रांची गए हुए थे। इस पर डीसी ने आश्वासन दिया कि मामले की समीक्षा की जाएगी और उचित कार्रवाई होगी।

विधानसभा में उठा मामला

हजारीबाग सदर विधायक प्रदीप प्रसाद ने इस मामले को विधानसभा में उठाया और इसे बेहद संवेदनशील बताया। उन्होंने आशंका जताई कि अगर इसे गंभीरता से नहीं लिया गया तो जिले में शांति व्यवस्था भंग हो सकती है। उन्होंने सरकार के एक मंत्री पर भी भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाया, जिससे हालात और तनावपूर्ण हो सकते हैं।

पुलिस की मुस्तैदी, जारी है फ्लैग मार्च

डुमरौन के पेपरटोला में पुलिस ने कैंप लगा रखा है, और लगातार फ्लैग मार्च कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है। प्रशासन ने सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचने की सलाह दी है। डीसी नैंसी सहाय ने बयान जारी कर कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और पुलिस प्रशासन अपना काम कर रहा है।

इतिहास में भी हुए हैं ऐसे विवाद

यह पहली बार नहीं है जब धार्मिक आयोजनों से जुड़े विवादों ने हिंसक रूप लिया हो। इतिहास में कई बार देखा गया है कि धार्मिक आयोजनों में लाउडस्पीकर, जुलूस या अन्य मुद्दों पर विवाद हिंसा में तब्दील हो जाता है। 2017 में पश्चिम बंगाल के बशीरहाट में सोशल मीडिया पोस्ट के चलते बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। वहीं, 2018 में बिहार के भागलपुर में रामनवमी जुलूस के दौरान दंगे भड़क गए थे। ऐसे मामलों में प्रशासन की तत्परता और राजनीतिक बयानबाजियों की भूमिका हमेशा चर्चा में रही है।

आगे क्या होगा?

फिलहाल, पुलिस जांच में जुटी हुई है और स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है। प्रशासन निर्दोषों को बचाने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने का दावा कर रहा है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि धार्मिक आयोजनों के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है, ताकि किसी भी तरह की हिंसा को रोका जा सके।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।