अमित शाह से मिली आदिवासी हो समाज की टीम, हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की उठी मांग!
आदिवासी हो समाज के प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग रखी। अमित शाह ने सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया।
असम के मुख्यमंत्री और झारखंड प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी हिमंता बिस्वा शर्मा के नेतृत्व में एक 8 सदस्यीय आदिवासी हो समाज युवा महासभा और ऑल इंडिया हो लैंग्वेज एक्शन कमिटी के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार (15 सितंबर 2024) को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रतिनिधिमंडल ने हो भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए एक मांग पत्र सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री को हो समाज की भाषाई पहचान और अधिकारों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करना, आदिवासी समाज के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। इससे उनकी संस्कृति और भाषा को संरक्षित किया जा सकेगा। गृह मंत्री अमित शाह ने प्रतिनिधिमंडल की मांगों को गंभीरता से सुना और सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया। उन्होंने इस मुद्दे पर विचार करने और आवश्यक कदम उठाने का विश्वास दिलाया।
इस बैठक में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और झारखंड प्रदेश भाजपा की प्रवक्ता एवं पूर्व सांसद गीता कोड़ा भी मौजूद थीं। गीता कोड़ा ने इस मौके पर कहा कि हो समाज के अधिकारों और उनकी भाषाई पहचान को मान्यता देने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने आदिवासी समाज की इस मांग को समर्थन देने पर गृह मंत्री का आभार व्यक्त किया।
हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की यह मांग लंबे समय से चली आ रही है। इससे हो भाषा को सरकारी मान्यता मिलने के साथ ही शैक्षणिक और सामाजिक क्षेत्रों में इसका अधिक उपयोग हो सकेगा।
गृह मंत्री से मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने आशा व्यक्त की कि सरकार उनकी मांगों पर जल्द ही ठोस निर्णय लेगी। हो समाज के नेताओं ने कहा कि यह सिर्फ एक भाषाई मुद्दा नहीं है, बल्कि उनकी सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा हुआ है।
आदिवासी समाज के इस प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री अमित शाह के सकारात्मक रुख की सराहना की और आशा जताई कि यह वार्ता हो समाज के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।
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