Giridih News: साइबर अपराधी गिरफ्तार, चार शातिर ठग रंगे हाथ पकड़े गए, जानें कैसे कर रहे थे ठगी!
गिरिडीह पुलिस ने साइबर अपराधियों के एक गिरोह को गिरफ्तार किया। जानें कैसे ये अपराधी फर्जी बैंक अधिकारी बनकर लोगों से ठगी कर रहे थे और क्या मिला पुलिस को।
गिरिडीह: गिरिडीह पुलिस ने रविवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए चार साइबर अपराधियों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी गिरिडीह जिले के टुंडी रोड स्थित बड़कीटांड़ के समीप उसरी नदी के किनारे की गई। पुलिस द्वारा की गई इस छापेमारी में गिरफ्तार हुए अपराधी न केवल साइबर अपराध में लिप्त थे, बल्कि वे बैंक अधिकारियों का फर्जी रूप धारण कर आम लोगों से ठगी कर रहे थे।
कैसे काम करते थे ये साइबर अपराधी?
साइबर अपराधियों का यह गिरोह फर्जी बैंक अधिकारी बनकर लोगों को व्हाट्सएप पर केवाईसी अपडेट करने से संबंधित फाइल भेजते थे। इन फाइलों में बैंक के केवाईसी से संबंधित जानकारी होती थी, जिससे आम लोग धोखे में आकर अपने बैंक खाते की जानकारी अपराधियों को दे देते थे। जैसे ही ये अपराधी किसी व्यक्ति के बैंक डिटेल्स प्राप्त करते थे, वे तुरंत उस खाते से सारे पैसे निकाल लेते थे।
पुलिस ने खुलासा किया कि ये अपराधी न केवल इस तरीके से पैसे चुराते थे, बल्कि गर्भवती महिलाओं को मातृत्व लाभ दिलाने का झांसा देकर भी ठगी करते थे। इन अपराधियों का यह गिरोह पहले से ही सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बना चुका था।
गिरफ्तार अपराधी कौन थे?
गिरफ्तार अपराधियों में अहलियापुर थाना क्षेत्र के पहरमा गांव निवासी विकास मंडल (21), पेरहेता गांव निवासी संदीप राय (19), सुधीर पंडित (21) और अजय राय (20) शामिल हैं। पुलिस ने इन अपराधियों से सात मोबाइल फोन, नौ सिम कार्ड और एक बाइक जब्त की है।
कैसे पकड़े गए अपराधी?
यह जानकारी पुलिस अधीक्षक डॉ. विमल कुमार ने एक प्रेस वार्ता में दी। गुप्त सूचना मिलने के बाद साइबर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। साइबर डीएसपी आबिद खान के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर इन चारों अपराधियों को रंगे हाथ पकड़ लिया। इन अपराधियों की गिरफ्तारी गिरिडीह पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि इनकी गिरफ्तारी से कई अन्य साइबर अपराधों का पर्दाफाश हो सकता है।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस की कार्रवाई
गिरफ्तारी के बाद, साइबर पुलिस ने अपराधियों से कई महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की, जो आने वाले समय में साइबर अपराधों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई में सहायक साबित हो सकती है। पुलिस ने बताया कि इन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और इनसे जुड़े अन्य साथियों की पहचान भी की जा रही है।
क्या सीख सकते हैं हम?
यह घटना हमें यह सिखाती है कि साइबर ठगों के जाल में फंसने से बचने के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है। हमें कभी भी अंजान नंबर से आए व्हाट्सएप संदेशों पर भरोसा नहीं करना चाहिए और किसी भी तरह की व्यक्तिगत जानकारी को साझा करने से पहले पूरी तरह से सतर्क रहना चाहिए।
क्या अब साइबर अपराध पर काबू पाया जा सकेगा?
गिरफ्तारी के बावजूद साइबर अपराध की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। हालांकि पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने एक बड़ा नेटवर्क तोड़ दिया है, लेकिन साइबर अपराधियों के नए-नए तरीके अब भी लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं। क्या गिरिडीह पुलिस इन अपराधियों के नेटवर्क को और अधिक पकड़ पाएगी? यह सवाल आने वाले समय में और भी महत्वपूर्ण हो जाएगा।
क्या आप भी साइबर अपराध से जुड़े किसी मामले से परिचित हैं? हमसे जुड़ें और अपनी राय हमें बताएं।
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