Jamshedpur News: जमीन विवाद में देवर ने भाभी पर किया चापड़ से हमला, क्या है पूरी सच्चाई?
जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र में जमीन विवाद के कारण देवर ने भाभी पर चापड़ से हमला किया। जानें इस दर्दनाक घटना की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई।
जमशेदपुर: जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र के सरजामदा निधि टोला में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां जमीन विवाद के कारण एक देवर ने अपनी भाभी पर चापड़ और डंडे से हमला कर दिया। यह घटना शनिवार रात करीब 12 बजे हुई, जिसमें भाभी कलावती सरदार गंभीर रूप से घायल हो गईं। यह हमला न केवल उनकी शारीरिक स्थिति के लिए खतरे का कारण बना, बल्कि एक पारिवारिक विवाद को भी सार्वजनिक रूप से उजागर कर दिया।
क्या था हमले का कारण?
घायल महिला, कलावती सरदार के बेटे रवि सरदार ने इस संबंध में जानकारी दी कि उनके चाचा अजय सरदार से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। शनिवार की रात, जब कलावती ने अपने घर का ताला बंद किया, तो अजय नशे की हालत में घर आया और दरवाजा खोलने में देरी को लेकर विवाद करने लगा। कलावती ने उसे बताया कि रात हो चुकी थी, इसलिए उसने ताला बंद किया था। लेकिन अजय इस बात से नाराज हो गया और गुस्से में आकर चापड़ से कलावती के चेहरे पर हमला कर दिया।
नशे में हुआ था हमला
रवि सरदार के अनुसार, अजय ने न केवल चापड़ से हमला किया, बल्कि डंडे से भी मारा, जिससे उनकी मां को गंभीर चोटें आईं। यह हमला पूरी तरह से बिना किसी चेतावनी के हुआ, और अजय की नशे की हालत ने इसे और भी भयावह बना दिया। कलावती को तत्काल एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उसे चेहरे पर गंभीर चोटें आई हैं, लेकिन फिलहाल वह खतरे से बाहर है।
पुलिस की कार्रवाई
इस घटना के बाद, कलावती ने परसुडीह थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने बताया कि यह हमला जमीन विवाद के कारण हुआ। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू कर दी है। परसुडीह पुलिस ने इस बात की पुष्टि की कि यह झगड़ा देवर-भाभी के बीच का था और जमीन को लेकर विवाद था। पुलिस ने कहा कि अजय ने ताला खोलने में देरी को लेकर गुस्से में आकर कलावती को बैटरी फेंक कर मारा, जिससे वह घायल हो गई।
ऐसे मामलों से क्या सिखने को मिलता है?
यह घटना एक गंभीर संदेश देती है कि कैसे घरेलू विवादों को लेकर लोग हिंसक हो सकते हैं। पारिवारिक विवादों में हिंसा का यह कोई पहला मामला नहीं है। इतिहास में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां पारिवारिक मुद्दों ने हिंसक रूप ले लिया है। यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि कैसे शराब और नशे की हालत में लोग अपने गुस्से को काबू नहीं कर पाते और नतीजा किसी के लिए जानलेवा बन सकता है।
क्या होगा आगे?
इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन क्या अजय सरदार को सजा मिल पाएगी? क्या यह घटना अन्य परिवारों के लिए चेतावनी का कारण बनेगी? अब सवाल यह उठता है कि क्या इस तरह के विवादों को हल करने के लिए कोई स्थायी उपाय मौजूद है या फिर यह घटनाएं बढ़ती ही जाएंगी?
यह मामला सिर्फ एक पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि समाज में बढ़ती घरेलू हिंसा की ओर भी इशारा करता है।
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