EPFO Revolution: अब निकालिए पूरा पैसा! EPFO का ऐतिहासिक फैसला, 7 करोड़ से ज्यादा सदस्यों को मिली 'आर्थिक आज़ादी', 100% PF निकासी की मिली इजाज़त, 13 जटिल नियमों को समेटा 3 श्रेणियों में, विश्वास स्कीम से मुकदमेबाजी खत्म!

EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने बड़ा फैसला लेते हुए सदस्यों को जरूरत पड़ने पर 100% PF निकासी (Withdrawal) की अनुमति दी है। जटिल 13 नियमों को अब सिर्फ 3 श्रेणियों में समेटा गया है। सेवा की अनिवार्य अवधि 5 साल से घटाकर 12 महीने कर दी गई है। 'ईज ऑफ लिविंग' की दिशा में यह बड़ा कदम है।

Oct 13, 2025 - 21:09
 0
EPFO Revolution: अब निकालिए पूरा पैसा! EPFO का ऐतिहासिक फैसला, 7 करोड़ से ज्यादा सदस्यों को मिली 'आर्थिक आज़ादी', 100% PF निकासी की मिली इजाज़त, 13 जटिल नियमों को समेटा 3 श्रेणियों में, विश्वास स्कीम से मुकदमेबाजी खत्म!
EPFO Revolution: अब निकालिए पूरा पैसा! EPFO का ऐतिहासिक फैसला, 7 करोड़ से ज्यादा सदस्यों को मिली 'आर्थिक आज़ादी', 100% PF निकासी की मिली इजाज़त, 13 जटिल नियमों को समेटा 3 श्रेणियों में, विश्वास स्कीम से मुकदमेबाजी खत्म!

भारत में सामाजिक सुरक्षा और कर्मचारी कल्याण के इतिहास में आज एक युगांतकारी फैसला लिया गया हैकर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने 7 करोड़ से ज्यादा सदस्यों के लिए 'आर्थिक आज़ादी' की घोषणा करते हुए यह निश्चित कर दिया है कि अब जरूरत पड़ने पर कर्मचारी अपने पीएफ खाते से 100% तक रकम निकाल सकेंगेश्रम मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में लिए गए ये निर्णय वास्तव में लोगों के "ईज़ ऑफ लिविंग" यानी जीवन को आसान बनाने की दिशा में बड़ा सुधार है

भारत में कर्मचारी भविष्य निधि का इतिहास बेहद पुराना है, जो कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू हुआ थालेकिन समय के साथ, इसके जटिल नियम और दीर्घकालिक सेवा की शर्तें अक्सर जरूरत के वक्त कर्मचारियों के लिए बाधा बन जाती थींशिक्षा, शादी या बीमारी जैसी आवश्यकताओं के लिए भी पैसा निकालना एक लंबी और थकाऊ प्रक्रिया हुआ करता थानए फैसलों ने इन सभी जटिलताओं को खत्म कर दिया है

13 जटिल नियम सिर्फ 3 श्रेणियों में समेटे गए

श्रम मंत्री की अध्यक्षता में हुई इस अहम बैठक में सबसे बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव आंशिक निकासी (Partial Withdrawal) के नियमों में किया गया हैपहले निकासी के लिए 13 अलग-अलग और जटिल नियम थे, जिन्हें अब सिर्फ तीन सरल श्रेणियों में बांट दिया गया है

  • आवश्यक जरूरतें: बीमारी, शिक्षा और शादी जैसी जीवन की बुनियादी जरूरतें

  • हाउसिंग जरूरतें: घर बनाने या खरीदने से संबंधित आवश्यकताएँ

  • विशेष परिस्थितियां: प्राकृतिक आपदा, महामारी, बेरोजगारी या लॉकआउट जैसे मामले

सबसे बड़ी सुविधा यह है कि अब कर्मचारी और नियोक्ता दोनों हिस्से सहित 100% रकम निकाल सकेंगेशिक्षा के लिए निकासी की सीमा को 10 गुना और शादी के लिए 5 गुना तक बढ़ा दिया गया है

5 साल की सेवा शर्त घटी, 'मिनिमम बैलेंस' सुरक्षित

आर्थिक आज़ादी की दिशा में एक और बड़ा कदम सेवा की अनिवार्य अवधि को घटाना है

  • 12 महीने में निकासी: पहले किसी भी आंशिक निकासी के लिए कम से कम 5 साल की सेवा जरूरी थी, जिसे अब घटाकर सिर्फ 12 महीने कर दिया गया है

  • 25% मिनिमम बैलेंस: हालांकि, खाते में हमेशा 25% रकम "मिनिमम बैलेंस" के रूप में बनी रहेगीइससे यह सुनिश्चित होगा कि सदस्यों को 8.25% ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज (कंपाउंडिंग) का फायदा मिलता रहे और उनका रिटायरमेंट फंड पूरी तरह से खत्म हो

"स्पेशल सर्कमस्टैंसेस" वाले मामलों में अब सदस्यों को वजह बताने की बाध्यता भी खत्म कर दी गई है, जिससे दावे खारिज होने की संभावना कम होगी

विश्वास स्कीम और डिजिटल क्रांति

EPFO ने अपनी प्रशासनिक प्रक्रियाओं को भी सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैंअब आंशिक निकासी के 100% दावे ऑटोमैटिकली सेटेल हो सकेंगे, वो भी बिना किसी डॉ क्युमेंटेशन के

  • विश्वास स्कीम: बैठक में "विश्वास स्कीम" को भी मंजूरी दी गई है, जिसका उद्देश्य पेनल्टी मामलों में मुकदमेबाजी घटाना हैदेर से जमा किए गए पीएफ पर अब पेनल्टी सिर्फ 1% प्रति माह होगीइससे 6,000 से ज्यादा लंबित मामले सुलझ सकेंगे

  • EPFO 3.0: "EPFO 3.0 डिजिटल फ्रेमवर्क" को भी मंजूरी मिली है, जिससे पीएफ सेवाएं अब पूरी तरह से डिजिटल, ऑटोमेटेड और बैंकिंग की तरह तेज होंगी

श्रम मंत्री मांडविया ने कहा कि ये फैसले करोड़ों कर्मचारियों को सीधा फायदा दिलाएंगे और ईपीएफओ की सेवाओं को पारदर्शी और तेज बनाएंगे

आपकी राय में, पीएफ निकासी के नियमों को सरल बनाने और 'मिनिमम बैलेंस' रखने के EPFO के इस दोहरे कदम से कर्मचारियों के अल्पकालिक आर्थिक हित और दीर्घकालिक रिटायरमेंट सुरक्षा के बीच किस तरह का संतुलन बन पाएगा?

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।