District Health: जिला आवासीय विद्यालयों में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन, जानिए छात्रों की सेहत पर प्रशासन का फोकस
जिला प्रशासन के निर्देशानुसार आवासीय विद्यालयों में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। जानें कैसे छात्रों की सेहत पर ध्यान देकर उनकी शिक्षा को और बेहतर बनाया जा रहा है।
जमशेदपुर: जिले के आवासीय विद्यालयों में स्वास्थ्य और शिक्षा का एक अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग ने जिले भर में स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए हैं। इन शिविरों का उद्देश्य केवल छात्रों की सेहत का ख्याल रखना नहीं, बल्कि उनकी शिक्षा को भी एक नई दिशा देना है।
शिविर का आयोजन: जानिए क्या है खास
दूसरे दिन कुल 4 आवासीय विद्यालयों में शिविर का आयोजन हुआ, जहां 1651 छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इस शिविर में मलेरिया, टीबी, सिकल सेल और लेप्रोसी जैसी बीमारियों की जांच के अलावा 1151 विद्यार्थियों का हीमोग्लोबिन टेस्ट किया गया। साथ ही, आभा कार्ड और आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए आवेदन भी जमा किए गए।
शिविर में विशेष चिकित्सीय दल और पारा मेडिकल स्टाफ को नियुक्त किया गया, जो पूरी तत्परता से जांच कार्य में जुटे। यह आयोजन छात्रों के स्वास्थ्य की व्यापक मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने का एक सराहनीय प्रयास है।
इतिहास: स्वास्थ्य शिविर और शिक्षा का जुड़ाव
स्वास्थ्य और शिक्षा के बीच संबंध को लंबे समय से अहम माना गया है। 1986 में शुरू हुई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने पहली बार छात्रों की समग्र भलाई पर जोर दिया था। वर्तमान समय में, झारखंड जैसे राज्यों में यह पहल खासतौर पर महत्वपूर्ण हो जाती है, जहां आदिवासी और दूरदराज क्षेत्रों के बच्चों को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है।
आवासीय विद्यालयों में स्वास्थ्य जांच शिविर इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल छात्रों के शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी सशक्त करता है।
शिविर में क्या-क्या हुआ?
- मलेरिया और टीबी जांच:
शिविर में 514 छात्रों का मलेरिया और 68 छात्रों का टीबी परीक्षण किया गया। - सिकल सेल और लेप्रोसी स्क्रीनिंग:
441 छात्रों का सिकल सेल और 478 का लेप्रोसी स्क्रीनिंग हुआ। - हीमोग्लोबिन टेस्ट:
खून की कमी जैसी समस्या की पहचान के लिए 1151 छात्रों का हीमोग्लोबिन परीक्षण किया गया। - आभा और आयुष्मान कार्ड:
छात्रों को सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए कार्ड बनवाने की प्रक्रिया भी शुरू की गई।
जिला प्रशासन का बड़ा कदम
बालिका आश्रम विद्यालय, अर्जूनबेड़ा और राजकीय अनुसूचित जनजाति आवासीय विद्यालय, सिंहपुरा में शिविर का निरीक्षण जिला कल्याण पदाधिकारी शंकराचार्य समद ने किया। उन्होंने छात्रों से संवाद कर उनकी पढ़ाई और सुविधाओं की जानकारी ली।
उन्होंने कहा, “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। यह शिविर सुनिश्चित करता है कि हमारे छात्र स्वस्थ और सक्रिय रहें, ताकि वे पढ़ाई में अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकें।”
छात्रों के लिए क्या फायदे?
- स्वास्थ्य पर नियमित निगरानी:
इन शिविरों से छात्रों की सेहत पर नियमित नजर रखी जा सकेगी। - बीमारियों की शुरुआती पहचान:
समय पर जांच और इलाज से गंभीर बीमारियों को रोका जा सकता है। - सरकारी योजनाओं का लाभ:
आयुष्मान कार्ड जैसे लाभ छात्रों और उनके परिवारों के लिए वरदान साबित हो सकते हैं। - शिक्षा और स्वास्थ्य का संतुलन:
स्वस्थ छात्रों की पढ़ाई में रुचि बढ़ती है, जिससे उनके परिणाम बेहतर होते हैं।
क्यों है यह शिविर खास?
झारखंड जैसे राज्य में, जहां कई गांव आज भी स्वास्थ्य सेवाओं से दूर हैं, वहां छात्रों के लिए इस तरह के शिविर वरदान साबित हो रहे हैं। आवासीय विद्यालयों में रहने वाले बच्चों को अक्सर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जो उनकी पढ़ाई पर भी असर डालती हैं। जिला प्रशासन का यह प्रयास न केवल छात्रों की सेहत को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि उनके उज्ज्वल भविष्य का भी निर्माण करेगा।
नागरिकों से अपील
जिला प्रशासन ने इस पहल को सफल बनाने के लिए सभी से सहयोग की अपील की है। उपायुक्त अनन्य मित्तल ने कहा, “छात्र देश का भविष्य हैं। उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। यह शिविर उन्हीं प्रयासों का हिस्सा है।”
स्वास्थ्य जांच शिविर ने यह साबित कर दिया है कि जिला प्रशासन छात्रों की समग्र भलाई के लिए कितना प्रतिबद्ध है। यह पहल न केवल उनके वर्तमान को सुरक्षित बनाएगी, बल्कि उनके उज्ज्वल भविष्य की नींव भी रखेगी।
क्या आपके क्षेत्र में भी ऐसा कोई शिविर आयोजित हो रहा है? अपने नजदीकी विद्यालयों में जाकर इस पहल का हिस्सा बनें और इसे सफल बनाने में मदद करें।
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