रांची के देवड़ी मंदिर पर ताला! आदिवासी समूह ने किया बड़ा विरोध, पूजा-अर्चना बंद
रांची के देवड़ी मंदिर में आदिवासी समूह ने गुरुवार सुबह ताला लगा दिया, पूजा-अर्चना बंद हो गई। स्थानीय लोगों का सरकार के हस्तक्षेप पर विरोध, जानिए पूरी घटना।
रांची के देवड़ी मंदिर पर आदिवासी समूह का ताला, पूजा-अर्चना बंद
रांची: तमाड़ स्थित देवड़ी मंदिर में गुरुवार सुबह बड़ा विवाद खड़ा हो गया। आदिवासी समूह ने सुबह 5 बजे मंदिर के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया। इस घटना के बाद से मंदिर में पूजा-अर्चना बंद हो गई है। मंदिर के पुजारी और पाहन (स्थानीय धार्मिक पुरोहित) को भी मंदिर के बाहर ही रोक दिया गया है।
आदिवासी समूह का दावा - "यह देवड़ी नहीं, दिवड़ी दिरी है"
आदिवासी समूह ने इस कदम को उठाते हुए दावा किया कि यह स्थान देवड़ी मंदिर नहीं बल्कि दिवड़ी दिरी है। उनका कहना है कि मंदिर पर सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। वे चाहते हैं कि मंदिर पहले की तरह बिना किसी सरकारी हस्तक्षेप के चले।
सौंदर्यीकरण का काम रोका गया
मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए 8 करोड़ रुपये की लागत से काम होना था, लेकिन इसे भी रोक दिया गया है। स्थानीय लोगों और आदिवासी समूह का मानना है कि इस काम में सरकार का हस्तक्षेप गलत है।
राजनीतिक खेल और शिकायत
इस मामले में देवड़ी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष बुंडू के एसडीओ हैं। राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए आदिवासी समूह ने विरोध तेज कर दिया है। इसके साथ ही काम रोकने को लेकर संवेदक ने तमाड़ थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
तनावपूर्ण माहौल
आदिवासी समूह द्वारा उठाए गए इस कदम से मंदिर और उसके आसपास के इलाके में तनाव बढ़ गया है। स्थानीय लोग इस मामले को लेकर चिंतित हैं, और पुलिस स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
मंदिर पर ताला लगाए जाने और पूजा बंद होने से क्षेत्र में धार्मिक और सामाजिक माहौल पर असर पड़ा है। इस विवाद के जल्द समाधान की उम्मीद जताई जा रही है।
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