रांची के कर्बला टैंक रोड से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां आरोपी फिरोज अली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। फिरोज अली, जो एक एसी रिपेयरिंग का काम करता था, पिछले एक महीने से रांची के अपर बाजार स्थित कन्या पाठशाला की छात्राओं को टारगेट बना रहा था। सुबह-सुबह स्कूटी पर बैठकर वह उन छात्राओं के पास जाता और उन्हें परेशान करता। अब आरोपी खुद को लोअर बाजार थाने में सरेंडर कर चुका है, लेकिन क्या उसकी गिरफ्तारी के पीछे कोई बड़ा राज़ है?
क्या था फिरोज अली का उद्देश्य?
पुलिस पूछताछ में फिरोज अली ने अपने अपराध को स्वीकार किया और कहा कि यह उसकी जीवन की सबसे बड़ी गलती थी। उसने वादा किया कि अब वह कभी ऐसी हरकत नहीं करेगा। हालांकि, उसके इस बयान से एक सवाल उठता है—क्या उसने इसे बस एक गलती समझा, या इसके पीछे कोई और कारण था? इस प्रकार के अपराधों की जड़ें अक्सर कहीं न कहीं मानसिक और सामाजिक दबावों में छिपी होती हैं। फिरोज का कहना था कि अब वह इस गलती के बाद अपनी जिंदगी को सही दिशा में ले जाएगा।
फिरोज अली का परिवार और उनके ऊपर आया सदमा
वहीं, फिरोज के परिवार को इस घटना से गहरा सदमा लगा है। फिरोज का भाई इसरार अपनी गलती का ठीकरा पुलिस पर फोड़ते हुए कहता है कि उसने जो कुछ भी किया, उसकी सजा पुलिस ने उन्हें दी। इसरार का आरोप था कि पुलिस ने उसे बेरहमी से पीटा और उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। क्या पुलिस की कार्यशैली में कोई कमी रही? यह सवाल अब भी बाकी है।
फिरोज के पिता, कुर्बान अली, जो एक रिटायर फौजी हैं, ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उनका बेटा पूरी तरह से शर्मनाक काम में लिप्त है। अपने बेटे के किए गए इस अपराध से उन्हें गहरा दुख है, और अब वे चाहते हैं कि पुलिस उसे कड़ी से कड़ी सजा दिलाए। उनके शब्दों में साफ देखा जा सकता था कि एक पिता के लिए इस स्थिति को स्वीकार करना कितना मुश्किल है।
फिरोज की मां का दुख: "घर उजड़ गया"
फिरोज की मां अजमेरी खातून ने बताया कि उनका बेटा जिस अपराध में लिप्त था, उसने उनका जीवन ही तबाह कर दिया है। वे किराए के मकान में रहते हैं और घर का खर्चा फिरोज की कमाई से ही चलता था। अब इस अपराध के कारण उनका घर उजड़ गया है, और पूरी तरह से परिवार में निराशा का माहौल है। मां का कहना था कि अब उनके बेटे को कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि यह हादसा किसी और के साथ न हो।
क्या हो सकता है भविष्य?
फिरोज की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया। अब यह देखना होगा कि कोर्ट इस मामले में क्या निर्णय देता है और फिरोज को किस तरह की सजा मिलती है। एक तरफ जहां फिरोज के परिवार वालों ने उसकी गलती को समझा, वहीं दूसरी तरफ समाज में इस घटना को लेकर गहरी चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं। इस प्रकार की घटनाएं समाज में न केवल कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाती हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि किशोरावस्था में बढ़ते अपराधों की तरफ सरकार और समाज को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
क्या फिरोज की गिरफ्तारी से समाज में कोई बदलाव आएगा, या यह महज एक और घटना बनकर रह जाएगी? इस सवाल का जवाब आने वाला वक्त ही दे सकता है।