Mango Garbage Crisis: कचरे का कहर, जनता में बढ़ी चिंता, प्रशासन की चुप्पी से हालात हुए बदतर
मांगो में कचरा डंपिंग और इससे जुड़े मुद्दों को लेकर जन आंदोलन तेज़ हो गया है। एनजीटी द्वारा कचरा डंपिंग पर रोक के बाद स्थिति और भी बिगड़ गई। जानिए, मानगो नगर निगम के कचरे का संकट और समाधान के प्रयास।
जमशेदपुर, 16 दिसंबर 2024: झारखंड के जमशेदपुर के मानगो नगर निगम क्षेत्र में इन दिनों कचरे का संकट गहरा गया है। सोनारी मरीन ड्राइव के पास स्थित कचरा डंपिंग साइट पर कचरे की बड़ी मात्रा में जमा होने के कारण एक हफ्ते पहले आग लग गई थी, जिससे जहरीला धुंआ फैल गया और 20,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए थे। इस हादसे के बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने कचरा डंपिंग पर पूरी तरह से रोक लगा दी, जिससे मानगो नगर निगम के सामने एक गंभीर समस्या खड़ी हो गई।
मानगो नगर निगम की नींद उड़ गई
NGT के आदेश के बाद से मानगो नगर निगम की जिम्मेदारी बढ़ गई है। हालांकि, यह नगर निगम अब तक कचरा डंपिंग के लिए कोई वैकल्पिक स्थल नहीं ढूंढ पाया है। पहले, एक करोड़ों रुपए की योजना के तहत कचरा डंपिंग के लिए एक स्थान चिन्हित किया गया था, लेकिन वहां के ग्रामीणों ने विरोध जताया और जिला प्रशासन को इस योजना से पीछे हटना पड़ा। अब तक कोई नया स्थल चिन्हित नहीं किया गया है, जिसका नतीजा यह हुआ कि कचरे का अंबार पूरे इलाके में फैल गया है।
कचरा उठाओ अभियान पर संकट
मानगो में पिछले चार दिनों से कचरा उठाने का अभियान पूरी तरह से ठप हो गया है। डोर-टू-डोर कचरा उठाने की सेवा भी बंद कर दी गई है, जिससे पूरे इलाके में गंदगी का साम्राज्य फैल गया है। अब स्थिति यह है कि हर घर के बाहर कचरा पड़ा है, और चौक-चौराहों पर भी कचरे के ढेर लगे हुए हैं। क्षेत्रवासियों के बीच बीमारी फैलने का डर बढ़ गया है, और लोग प्रशासन से तत्काल समाधान की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
बीजेपी ने किया कड़ा विरोध
इस मुद्दे पर भाजपा ने पुरानी सरकार और पूर्व मंत्री की नाकामी पर निशाना साधा है। भाजपा के नेताओं का कहना है कि पूर्व सरकार ने केवल वादे किए थे, लेकिन उन वादों को लागू करने में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। इसके परिणामस्वरूप आज जनता कचरे के संकट का सामना कर रही है। भाजपा ने आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन की असंवेदनशीलता और जिम्मेदारी से बचने के कारण यह समस्या आज विकराल रूप में सामने आई है।
विधायक सरयू राय का समाधान प्रयास
वहीं, एनडीए के विधायक सरयू राय ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए जिला प्रशासन से वार्ता की है। उन्होंने कहा है कि वह इस मुद्दे पर शीघ्र ही समाधान दिलवाने की पूरी कोशिश करेंगे। हालांकि, स्थानीय प्रशासन की ओर से कचरा उठाने की कोई योजना सामने नहीं आई है, जिससे जनता में गुस्सा बढ़ रहा है।
जनता का आक्रोश बढ़ा, अल्टीमेटम दिया गया
स्थानीय जनता ने अब अपना गुस्सा जाहिर करना शुरू कर दिया है। अगर जल्द ही कचरा उठाने का अभियान शुरू नहीं हुआ, तो जनता ने कचरा निगम कार्यालय के अंदर फेंकने की चेतावनी दी है। भाजपा नेताओं ने भी इसे लेकर प्रशासन को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है, और कहा है कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो वे और सख्त कदम उठाने को मजबूर होंगे।
इससे स्पष्ट है कि मानगो के नागरिक अब और अधिक इंतजार नहीं करना चाहते। उनका कहना है कि अगर जल्द से जल्द कचरे का समाधान नहीं किया गया, तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है, और स्वास्थ्य संकट पैदा हो सकता है।
समस्या का समाधान कब होगा?
मानगो में कचरे का संकट केवल एक नगरपालिका समस्या नहीं है, बल्कि यह सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण की भी गंभीर चुनौती बन चुकी है। इलाके में गंदगी के कारण जलजनित बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय प्रशासन और नेताओं को चाहिए कि वे इस गंभीर मुद्दे को प्राथमिकता दें और एक स्थायी समाधान खोजें, ताकि मानगो और आसपास के क्षेत्रों के लोग गंदगी और बीमारियों से बच सकें।
वर्तमान में, यह देखा जा सकता है कि मानगो नगर निगम के पास कचरा प्रबंधन की दिशा में कोई ठोस योजना नहीं है, और ऐसे में स्थिति को जल्द से जल्द नियंत्रण में लाने की आवश्यकता है।
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