Deoghar Tragedy: जसीडीह रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से गिरकर रेलवे कर्मी की दर्दनाक मौत, परिजनों में मचा कोहराम

जसीडीह रेलवे स्टेशन पर हुई रेलवे कर्मी की दर्दनाक मौत, हावड़ा मोकामा पेसेंजर ट्रेन से गिरकर हुई घटना, जानिए मृतक की पहचान और परिवार का दुख।

Dec 26, 2024 - 15:25
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Deoghar Tragedy: जसीडीह रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से गिरकर रेलवे कर्मी की दर्दनाक मौत, परिजनों में मचा कोहराम
Deoghar Tragedy: जसीडीह रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से गिरकर रेलवे कर्मी की दर्दनाक मौत, परिजनों में मचा कोहराम

जसीडीह रेलवे स्टेशन (Jasidih Railway Station) पर गुरुवार की सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जब हावड़ा मोकामा पेसेंजर ट्रेन (Howrah Mokama Passenger Train) से गिरकर एक रेलवे कर्मी की मौत हो गई। मृतक की पहचान 38 वर्षीय राजेश कुमार के रूप में हुई है, जो देवघर जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के तपोवन जमुआ का निवासी था। यह घटना न केवल रेलवे के कर्मचारियों के लिए, बल्कि पूरे इलाके के लिए एक दुखद अनुभव बन गई।

राजेश कुमार की दर्दनाक मौत

राजेश कुमार, जो पश्चिम बंगाल के आसनसोल अंडाल में रेलवे गार्ड के तौर पर कार्यरत था, अपने घर लौटते हुए हावड़ा मोकामा पेसेंजर ट्रेन से यात्रा कर रहा था। जसीडीह स्टेशन पर उतरने के दौरान अचानक उसे कोई गहरी चोट आई और वह प्लेटफार्म से गिरकर ट्रेन के नीचे आ गया। ट्रेन से गिरने के कारण उसे गंभीर चोटें आईं। उसे तुरंत जसीडीह आरपीएफ द्वारा देवघर सदर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां ऑन ड्यूटी डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

घटना के बाद, जैसे ही मृतक के परिवार को इस बारे में सूचित किया गया, वे अस्पताल पहुंचे। अस्पताल के परिसर में महिलाओं की चीत्कार और रोने की आवाजें सुनकर हर कोई गमगीन हो गया। परिवार के अन्य सदस्य उन्हें संभालने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन यह स्थिति पूरे अस्पताल परिसर में दुख और मायूसी का कारण बन गई।

परिवार पर दुखों का पहाड़

राजेश कुमार के परिवार में उसकी पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं। मृतक के बच्चे एक 5 साल का और एक साल का है, जिन्हें अभी अपने पिता की कमी का एहसास नहीं था, लेकिन इस दर्दनाक हादसे ने उनके जीवन को हिला कर रख दिया। यह घटना न केवल उसके परिवार के लिए, बल्कि पूरे मोहल्ले और रेलवे कर्मचारियों के लिए भी एक गहरा सदमा थी।

राजेश कुमार की रेलवे गार्ड के रूप में कार्यरत होने की शुरुआत 2013 में हुई थी। इसके बाद वह लगातार अपनी ड्यूटी निभाता रहा, लेकिन इस हादसे ने उसकी मेहनत और समर्पण को दुखद अंत दे दिया। रेलवे के कर्मचारी हमेशा अपनी जान जोखिम में डालकर यात्रियों की सेवा करते हैं, और यह हादसा उस समर्पण की एक और दुखद मिसाल बनकर सामने आया है।

क्या हुआ था उस दिन?

सूत्रों के अनुसार, राजेश कुमार हावड़ा मोकामा पेसेंजर ट्रेन से अपने घर लौट रहा था। जसीडीह स्टेशन पर ट्रेन से उतरने के दौरान वह प्लेटफार्म पर असंतुलित हो गया और अचानक गिर पड़ा। ट्रेन के नीचे आने से उसे गंभीर चोटें आईं। उसकी हालत इतनी गंभीर थी कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया।

यह घटना न केवल परिवार के लिए कष्टकारी रही, बल्कि समाज में भी एक चेतावनी देने वाली बन गई है। रेल हादसों के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह सवाल उठता है कि क्या रेलवे अधिकारियों को यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए और अधिक कदम उठाने की आवश्यकता नहीं है?

रेलवे कर्मियों की सुरक्षा पर सवाल

यह हादसा रेलवे कर्मियों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है। रेलवे विभाग के लिए यह चिंता का विषय होना चाहिए कि किस प्रकार से इन कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं कम से कम हो। राजेश कुमार जैसे कर्मी अपने परिवार को छोड़कर रोज़ाना अपनी ड्यूटी पर जाते हैं, लेकिन जब उनकी सुरक्षा की बात आती है, तो इस तरह के हादसों से उनकी जान जोखिम में पड़ जाती है।

राजेश कुमार की मौत एक दुखद घटना है, जो रेलवे कर्मचारियों की सुरक्षा और यात्रा के दौरान होने वाले हादसों की गंभीरता को उजागर करती है। पूरे देवघर क्षेत्र और उसके परिवार के लिए यह हादसा एक गहरी हानि है, लेकिन यह भी एक संकेत है कि हमें ऐसे हादसों से बचने के लिए और अधिक कदम उठाने की आवश्यकता है। इस दुखद घटना के बाद, हम उम्मीद करते हैं कि रेलवे विभाग कर्मचारी और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।