जमशेदपुर में महिला ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, निसंतान होने के कारण थी डिप्रेशन में
जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र में गीता महतो ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। डिप्रेशन से ग्रस्त गीता निसंतान थी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
जमशेदपुर में मंगलवार सुबह एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई जब एक महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना परसुडीह थाना क्षेत्र के बावनगोड़ा की है, जहां 36 वर्षीय गीता महतो ने बगल के कमरे में साड़ी का फंदा बनाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मृतका गीता महतो का विवाह 17 साल पहले हुआ था, लेकिन निसंतान होने के कारण वह लंबे समय से डिप्रेशन में थी। परिवार में उनके सास-ससुर और पति हैं। गीता की मानसिक स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने जीवन को समाप्त करने का इतना कठोर कदम उठाया।
पुलिस को परिजनों ने घटना की सूचना दी थी। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने स्थिति का जायजा लिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है और आत्महत्या के कारणों का पता लगाने का प्रयास कर रही है।
इस हृदयविदारक घटना ने पूरे इलाके को शोक और चिंता में डाल दिया है। गीता महतो के परिवार के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है और समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी। डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारियों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए और समय रहते उचित उपचार और सहारा मिलना चाहिए।
इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह आवश्यक है कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए और ऐसे व्यक्तियों को समय पर सहायता और सहयोग प्रदान किया जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की त्रासदियों को रोका जा सके।
इस दुखद घटना के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। गीता महतो के आत्महत्या ने समाज के समक्ष कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं, जिनका उत्तर ढूंढना अत्यंत आवश्यक है।
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