पूर्व मुख्यमंत्री से दीपावली पर खास मुलाकात: प्रशांत मोहंती का अनोखा संकल्प, बिना जूते-चप्पल के करेंगे चंपई सोरेन की जीत की प्रतीक्षा

जमशेदपुर के प्रशांत मोहंती ने चंपई सोरेन के प्रति निष्ठा दिखाने का लिया अनोखा संकल्प। सोरेन की जीत तक रहेंगे नंगे पैर। पढ़ें पूरी कहानी और जानें कैसे मोहंती की निष्ठा ने पूर्व मुख्यमंत्री का ध्यान खींचा।

Nov 1, 2024 - 12:31
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पूर्व मुख्यमंत्री से दीपावली पर खास मुलाकात: प्रशांत मोहंती का अनोखा संकल्प, बिना जूते-चप्पल के करेंगे चंपई सोरेन की जीत की प्रतीक्षा
पूर्व मुख्यमंत्री से दीपावली पर खास मुलाकात: प्रशांत मोहंती का अनोखा संकल्प, बिना जूते-चप्पल के करेंगे चंपई सोरेन की जीत की प्रतीक्षा

जमशेदपुर: विधानसभा चुनावी माहौल में नेताओं और उनके समर्थकों का उत्साह चरम पर है, और इस बार इस जुनून का एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया है जमशेदपुर के प्रशांत मोहंती उर्फ गोपी ने। अपनी गहरी निष्ठा और प्रेम के प्रतीक के रूप में प्रशांत मोहंती ने एक संकल्प लिया है: जब तक झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन चुनाव नहीं जीतते, तब तक वह अपने पैरों में कुछ भी नहीं पहनेंगे और हर रोज नंगे पैर ही अपनी दिनचर्या करेंगे।

चंपई सोरेन के प्रति अनोखा समर्थन: मन्नत से पूर्व मुख्यमंत्री तक का सफर

दीपावली के दिन जब पूरा देश रोशनी में सराबोर था, प्रशांत मोहंती के लिए यह अवसर अपने आदर्श नेता के प्रति समर्पण को दिखाने का था। इस अवसर पर मोहंती को पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अपने आवास पर बुलाया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उनका समर्थन किया। यह मुलाकात खुद एक यादगार क्षण बन गई, जो मोहंती की निष्ठा और अपने नेता के प्रति असीम प्रेम का प्रतीक थी। इस मुलाकात में दीपक भंडारी, बिशु महतो, कुंदन थापा, टॉय मान, सतीश कुमार, लालू चंद्रवंशी और सुकुमार दे भी उपस्थित रहे, जो मोहंती के संकल्प और समर्पण से बेहद प्रभावित नजर आए।

अनोखी मन्नत का आयोजन: हांथी खेदा मंदिर में संकल्प

प्रशांत मोहंती ने हाथी खेदा मंदिर में चंपई सोरेन की जीत की कामना के लिए मन्नत ली थी। यह मन्नत एक साधारण मान्यता न होकर उनकी गहरी आस्था को दर्शाती है। उनकी मन्नत थी कि वे अपने पैरों में कोई भी जूते या चप्पल तब तक नहीं पहनेंगे जब तक चंपई सोरेन की जीत सुनिश्चित नहीं होती। उन्होंने इस संकल्प को अपने नेता के प्रति अटूट आस्था का प्रतीक मानते हुए कहा कि यह सिर्फ एक व्यक्तिगत कदम नहीं है, बल्कि उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। इस कदम ने स्थानीय समुदाय में भी खासा उत्साह भर दिया है, और कई समर्थकों ने उनके साथ मिलकर चंपई सोरेन की जीत की कामना की।

चंपई सोरेन: झारखंड के आदिवासी नेता

चंपई सोरेन, झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता हैं, जिन्होंने झारखंड की राजनीति में विशेष भूमिका निभाई है। आदिवासी समाज के कल्याण के प्रति समर्पित इस नेता का करिश्मा उनके समर्थकों में गहरी आस्था का कारण बन गया है। उनके विचार और योजनाएं हमेशा झारखंड के आदिवासी समाज की बेहतरी की दिशा में रही हैं, और यही कारण है कि प्रशांत मोहंती जैसे समर्थक उनके प्रति इतना प्रेम और सम्मान महसूस करते हैं।

प्रशांत मोहंती का समर्थन और संकल्प: एक प्रेरणा का स्रोत

मोहंती का यह कदम उन समर्थकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है, जो अपने नेताओं के प्रति प्रेम और सम्मान जताना चाहते हैं। मोहंती के मुताबिक, यह उनके जीवन का सबसे बड़ा संकल्प है, और जब तक चंपई सोरेन जीत नहीं जाते, तब तक वह इस संकल्प को निभाएंगे।

मोहंती के अनुसार, इस संकल्प ने उन्हें अपने नेता के प्रति आस्था को और मजबूती दी है। दीपावली के शुभ अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री से मुलाकात ने उनके संकल्प को और पुख्ता किया है। उनके दोस्तों और परिवारजनों ने भी मोहंती की इस निष्ठा का समर्थन किया है, और स्थानीय समुदाय में मोहंती के इस कदम की सराहना की जा रही है।

राजनीति में निष्ठा और समर्थन का महत्व

चुनावी माहौल में अक्सर हम राजनीति को केवल वादों और नारों के आधार पर आंकते हैं, लेकिन प्रशांत मोहंती का यह कदम यह दिखाता है कि राजनीति में समर्थन और निष्ठा भी एक बड़ा स्थान रखते हैं। उनके इस संकल्प ने झारखंड के राजनैतिक परिदृश्य में एक नया संदेश छोड़ा है: कि असली समर्थन वह होता है जो अपने नेता की नीतियों और विचारों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलता है।

प्रशांत मोहंती का यह समर्थन और संकल्प अन्य समर्थकों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है कि राजनीति में निष्ठा और समर्पण का अपना एक विशेष स्थान है। स्थानीय समर्थकों का कहना है कि मोहंती का यह कदम न केवल उनके नेता के प्रति प्रेम को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि समर्थन केवल बातें नहीं बल्कि वास्तविक कदमों से भी दिखाया जा सकता है।

स्थानीय समुदाय में मोहंती के कदम का असर

मोहंती के इस कदम ने स्थानीय समुदाय में खासा प्रभाव डाला है। कई लोगों ने उनके साथ चंपई सोरेन की जीत की कामना की, और यह चर्चा पूरे क्षेत्र में फैल गई। यह प्रेरणा का स्रोत बन गया है, और लोगों को उनके नेताओं के प्रति एक नए तरीके से समर्थन दिखाने का मौका दिया है।

इस तरह के कदम चुनावी माहौल में यह बताने के लिए काफी हैं कि असली राजनीति केवल चुनावी वादों तक सीमित नहीं होती, बल्कि उसमें जनता का समर्थन और आस्था का भी बड़ा महत्व होता है।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।