Chaibasa Demand: कोल्हान विश्वविद्यालय के B.Ed शिक्षकों ने वेतन और अनुबंध विस्तार के लिए राज्यपाल प्रतिनिधि से लगाई गुहार
चाईबासा के कोल्हान विश्वविद्यालय B.Ed शिक्षकों ने अनुबंध विस्तार और वेतन विसंगति को लेकर राज्यपाल प्रतिनिधि डॉ. रंजीत प्रसाद से मुलाकात की। जानिए उनकी प्रमुख मांगें और आगे की रणनीति।
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चाईबासा: कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा के ग्रेजुएट कॉलेज B.Ed विभाग के शिक्षकों ने अपनी वेतन और अनुबंध विस्तार की समस्याओं को लेकर महामहिम राज्यपाल झारखंड सरकार के प्रतिनिधि एवं विश्वविद्यालय सिंडिकेट सदस्य डॉ. रंजीत प्रसाद से मुलाकात की। शिक्षकों ने पिछले 6 महीनों से अनुबंध विस्तार न होने और अन्य विश्वविद्यालयों के समान वेतन न मिलने की समस्या पर चिंता जताई।
6 महीनों से अनुबंध विस्तार लंबित, शिक्षकों में आक्रोश
शिक्षकों के अनुसार, पिछले 6 महीनों से अनुबंध विस्तार लंबित है, जिससे शिक्षक मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान हैं। उन्होंने मांग की कि विश्वविद्यालय और राजभवन जल्द हस्तक्षेप कर अनुबंध विस्तार को सुनिश्चित कराएं। शिक्षकों का कहना है कि अगर जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो उनकी गरिमा प्रभावित होगी।
डॉ. रंजीत प्रसाद ने शिक्षकों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और आश्वासन दिया कि वह इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति से चर्चा करेंगे। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे अपने कर्तव्यों का आदर्श पालन करते रहें।
B.Ed शिक्षकों की प्रमुख मांगें
- अनुबंध विस्तार: शिक्षकों ने 6 महीनों से लंबित अनुबंध विस्तार की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने की मांग की।
- समान वेतन: शिक्षकों ने अन्य विश्वविद्यालयों के समान वेतन देने की भी मांग रखी।
- मानसिक और आर्थिक तनाव: अनुबंध विस्तार में देरी से शिक्षकों को मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
B.Ed शिक्षा का महत्व और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
B.Ed (Bachelor of Education) को शिक्षण क्षेत्र में प्रवेश के लिए अनिवार्य योग्यता माना जाता है। 1970 के दशक में भारत में B.Ed पाठ्यक्रम की शुरुआत शिक्षकों की गुणवत्ता सुधारने के लिए की गई थी। आज के समय में शिक्षकों की भूमिका सिर्फ शिक्षा देने तक सीमित नहीं है, बल्कि वे समाज के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
राज्यपाल प्रतिनिधि का आश्वासन
डॉ. रंजीत प्रसाद ने शिक्षकों की मांगों को गंभीरता से लेते हुए कहा, “मैं इस मुद्दे को विश्वविद्यालय प्रशासन और राजभवन के समक्ष उठाऊंगा। जल्द ही नियम संगत निर्णय लिया जाएगा।” उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वे अपने शिक्षण कार्य को पूरी निष्ठा से करते रहें।
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन शामिल थे?
शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल में कई प्रमुख शिक्षक और शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं, जिनमें शामिल हैं:
- डॉ. विशेश्वर यादव
- डॉ. पूनम ठाकुर
- डॉ. श्वेता बागडे
- प्रो. दीपिका कुजूर
- डॉ. जया शर्मा
- डॉ. रानी सिंह
- प्रो. प्रेमलता पुष्प
- प्रो. इदू सिंहा
आगे की रणनीति और शिक्षक समुदाय की एकजुटता
शिक्षकों ने एकजुट होकर स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आगे भी अपने अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखेंगे। उन्होंने शिक्षा प्रणाली में सुधार और शिक्षकों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय और राजभवन से त्वरित हस्तक्षेप की मांग की।
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