Bokaro Mystery: प्लांट के पीछे मिला शव, वेदांता कर्मचारी की संदिग्ध मौत ने मचाया हड़कंप
बोकारो स्थित वेदांता इलेक्ट्रोस्टील प्लांट में कार्यरत महेश्वर सोरेन का शव प्लांट के पीछे संदिग्ध स्थिति में मिला। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल, मुआवजा और नियोजन की मांग पर गरमाया मामला। जानिए पूरी कहानी।

बोकारो के सियालजोरी स्थित इलेक्ट्रो स्टील वेदांता प्लांट से सोमवार की रात एक रहस्यमयी खबर सामने आई, जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। प्लांट में कार्यरत महेश्वर सोरेन (उम्र 50 वर्ष) का शव प्लांट परिसर के अंदर भागाबांध के एक प्राथमिक विद्यालय के पीछे संदिग्ध परिस्थिति में पाया गया। इस घटना ने न सिर्फ प्लांट की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि मृतक के परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।
रात के अंधेरे में मिली लाश, गांव में मची अफरा-तफरी
सोमवार रात करीब 11 बजे कुछ ग्रामीणों की नजर स्कूल के पीछे पड़े एक शव पर पड़ी। पहचान हुई कि यह शव इलेक्ट्रो स्टील वेदांता में ब्लास्ट फर्नेस 2 में कार्यरत महेश्वर सोरेन का है। तुरंत सियालजोरी थाना पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए बोकारो भेज दिया गया।
परिवार का विलाप और उठते सवाल
मंगलवार सुबह जब परिजनों को घटना की जानकारी मिली तो उनका रो-रो कर बुरा हाल हो गया। मृतक की पत्नी अनिता सोरेन (40), पुत्र रतन कुमार सोरेन (16) और पुत्री प्रतिमा कुमारी (19) थाना पहुंचे। महेश्वर की कुल तीन बेटियां और एक बेटा है, जिनमें से दो की शादी हो चुकी है।
परिजन मुआवजा और परिवार के किसी सदस्य को नौकरी देने की मांग को लेकर थाना में डटे रहे। 12 बजे कंपनी के अधिकारियों की मौजूदगी में त्रिपक्षीय वार्ता शुरू हुई जिसमें पुलिस, कंपनी अधिकारी और मृतक के परिजन शामिल थे।
महेश्वर की ड्यूटी और ससुराल कनेक्शन
महेश्वर सोरेन टीपीएल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से इलेक्ट्रो स्टील वेदांता के ब्लास्ट फर्नेस सेक्शन में कार्यरत थे। हर बुधवार को उन्हें साप्ताहिक छुट्टी मिलती थी और मंगलवार की शाम वे अपने ससुराल सिंदरी, शहरपुरा (धनबाद) जाने की तैयारी में थे। बताया जा रहा है कि वे अक्सर अपने ससुराल में रहकर ही ड्यूटी करते थे। मूल रूप से वह धनबाद जिले के टुंडी थाना क्षेत्र के लाहबेरा रूपन गांव के निवासी थे।
क्या है Electrosteel Vedanta की कहानी?
बोकारो जिले में स्थित यह प्लांट वेदांता ग्रुप का एक प्रमुख स्टील निर्माण इकाई है। Electrosteel Steels Limited की स्थापना 1990 के दशक में हुई थी, और बाद में 2018 में वेदांता ग्रुप ने इसे अधिग्रहित कर लिया था। इसके बाद से यहां बड़े स्तर पर औद्योगिक विस्तार हुआ, लेकिन साथ ही श्रमिकों की सुरक्षा, वेतन और नियोजन से जुड़े मुद्दे समय-समय पर चर्चा में रहे हैं।
नेताओं और संगठनों ने उठाई आवाज
घटना की जानकारी मिलते ही झारखंड लेबर कल्याण मंच (JKKM) के नेता अर्जुन रजवार, भाजपा नेता संतु राय, और समाजसेवी लालू अंसारी समेत कई नेता थाना पहुंचे। सभी ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच और पीड़ित परिवार को शीघ्र मुआवजा व नौकरी की मांग की। इलेक्ट्रो स्टील के अधिकारी भी वार्ता में शामिल हुए और भरोसा दिलाया कि मामले की जांच होगी और उचित कदम उठाए जाएंगे।
सवाल अभी बाकी हैं…
महेश्वर सोरेन की मौत एक हादसा थी या इसके पीछे कोई साजिश? यह सवाल अभी भी हवा में हैं। पुलिस की जांच जारी है, लेकिन इस घटना ने यह जरूर साबित कर दिया कि औद्योगिक इकाइयों में श्रमिकों की सुरक्षा अब भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
क्या यह मामला भी फाइलों में दब जाएगा या पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा? यह आने वाला वक्त बताएगा।
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