Bokaro Fire: झुमरा पहाड़ के जंगल में भयानक आग, वन्यजीवों पर संकट!
Bokaro के झुमरा पहाड़ के जंगल में भीषण आग! 4-5 KM तक फैली आग से वन्यजीव और कीमती लकड़ियों को भारी नुकसान। पढ़ें पूरी खबर।

Bokaro: झारखंड के बोकारो जिले में स्थित झुमरा पहाड़ के जंगलों में भीषण आग लग गई है, जिससे हजारों कीमती लकड़ियां और वन्यजीव खतरे में हैं! आग इतनी विकराल है कि चार से पांच किलोमीटर के रेडियस में जंगल जल रहा है। गर्मी और तेज़ हवा के चलते आग लगातार फैल रही है, जिससे स्थानीय ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों में भारी चिंता है।
सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र गोमिया प्रखंड के जरा और भोलेथान के आसपास का जंगल बताया जा रहा है।
जंगल की आग – बड़ी तबाही की ओर!
अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है, लेकिन इसकी लपटें तेज़ी से पूरे जंगल में फैल रही हैं।
सरया पानी, चमटा जरा और सरया कोचा जैसे इलाकों में भी आग ने विकराल रूप ले लिया है।
स्थानीय ग्रामीण आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन संसाधनों की कमी और तेज़ हवाओं के कारण स्थिति बेकाबू होती जा रही है।
जंगल में आग का असर – वन्यजीवों पर संकट!
झारखंड के जंगल जैव विविधता के लिए जाने जाते हैं, लेकिन हर साल लगने वाली आग से वन्यजीवों और पर्यावरण को भारी नुकसान होता है।
क्या हो सकता है नुकसान?
कीमती साल, सखुआ और महोगनी के पेड़ जल सकते हैं।
हिरण, जंगली सुअर, खरगोश और पक्षियों के घोंसले जल सकते हैं।
जंगलों में रहने वाले आदिवासी समुदायों के जीवन पर खतरा बढ़ सकता है।
अगर जल्द ही आग पर काबू नहीं पाया गया, तो यह एक बड़े जंगल विनाश में तब्दील हो सकता है!
कौन कर रहा है आग बुझाने की कोशिश?
स्थानीय युवक अपनी जान जोखिम में डालकर आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं।
विश्वनाथ महतो, अनिल कुमार, कामेश्वर महतो, चुकदर महतो, कपिल महतो, मनोज महतो और टेकलाल महतो जैसे दर्जनों लोग इस भीषण आग को रोकने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
इन युवाओं ने सोमवार रात करीब 4-5 घंटे तक आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण सफलता नहीं मिली।
वन विभाग की सुस्ती – कब होगा एक्शन?
जब इस मामले पर जिला वन पदाधिकारी (DFO) रजनीश कुमार से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा –
वन विभाग को जंगल में आग की सूचना नहीं थी।
हर रेंज में 6 वनकर्मियों की टीम गठित की गई है।
सूचना मिलते ही वनकर्मी आग बुझाने के लिए भेजे जाएंगे।
पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि वन विभाग को पहले से सतर्क रहना चाहिए था, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके!
झारखंड के जंगलों में आग – कोई नई बात नहीं!
झारखंड में जंगलों में आग लगने की घटनाएं आम हो चुकी हैं। हर साल गर्मी के मौसम में यहां के घने जंगल आग की चपेट में आ जाते हैं।
पिछले कुछ सालों में हुए बड़े जंगल हादसे –
2021: पलामू टाइगर रिजर्व में भीषण आग लगी, जिससे सैकड़ों हेक्टेयर जंगल राख हो गया।
2022: नेतरहाट के जंगल में आग लगने से वन्यजीवों को भारी नुकसान हुआ।
2023: सिंहभूम के जंगलों में आग लगने से हजारों पेड़ जल गए थे।
हर साल जंगल जलते हैं, लेकिन सरकार और वन विभाग की तरफ से ठोस कदम नहीं उठाए जाते!
अब आगे क्या होगा?
स्थानीय प्रशासन को तत्काल फायर ब्रिगेड भेजना चाहिए।
वन विभाग को जागरूकता अभियान चलाकर आग से बचाव के उपाय करने चाहिए।
अगर आग को जल्दी नहीं रोका गया, तो हजारों पेड़ और वन्यजीव नष्ट हो सकते हैं।
अब सवाल यह उठता है कि सरकार और वन विभाग इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए क्या कदम उठाएंगे? या फिर यह मामला भी सिर्फ चर्चा तक ही सीमित रह जाएगा?
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