Latehar Scam: मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में बड़ा घोटाला, 42 हजार फर्जी लाभुकों का खुलासा!
Jharkhand की मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में बड़ा घोटाला! 42,432 फर्जी लाभुक पकड़े गए, सरकारी कर्मचारी भी कर रहे थे गलत फायदा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

Latehar: झारखंड सरकार की मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है! जांच में पाया गया कि हजारों अमीर, नौकरीपेशा और पेंशनधारी लोग इस योजना का गलत तरीके से फायदा उठा रहे थे। लातेहार जिला प्रशासन ने जांच के बाद 42,432 अपात्र लाभुकों को सूची से हटा दिया है।
सबसे ज्यादा धांधली बालूमाथ प्रखंड में हुई, जहां 7,078 फर्जी लाभुक मिले।
सरकारी योजना में गड़बड़ी, कैसे हुआ घोटाला?
यह योजना झारखंड सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के लिए चलाई जा रही थी, लेकिन इसका लाभ शिक्षकों, पुलिसकर्मियों, आंगनबाड़ी सेविकाओं, संविदा कर्मियों और यहां तक कि पेंशनधारियों ने भी उठा लिया।
योजना के तहत लातेहार जिले में कुल 1.48 लाख लाभुकों को शामिल किया गया था, लेकिन जांच में 42 हजार से ज्यादा नाम फर्जी पाए गए।
किस प्रखंड में कितने फर्जी लाभुक मिले?
जिले के 11 प्रखंडों में सबसे ज्यादा घोटाला बालूमाथ में हुआ, जहां 7,078 फर्जी लाभुक मिले। इसके अलावा -
लातेहार – 7,038
बरवाडीह – 4,803
चंदवा – 5,072
मनिका – 4,963
महुआडांड़ – 4,417
बारियातू – 2,954
हेरहंज – 2,348
गारू – 1,559
लातेहार शहरी क्षेत्र – 1,513
सरयू – 687
कौन-कौन ले रहा था गलत लाभ?
सरकारी पेंशनधारी, शिक्षकों और पुलिसकर्मियों की पत्नियां भी इस योजना का लाभ उठा रही थीं। जांच में कई नाम सामने आए, जिनमें से कुछ प्रमुख ये हैं –
अनुपमा टोप्पो – सरकारी पेंशनधारी (महुआडांड़)
बिलासी देवी – पारा शिक्षक (हेरहंज)
विमला देवी – पुलिसकर्मी की पत्नी (गड़गोमा)
जीतन देवी – शिक्षक की पत्नी (बालूमाथ)
नूरजहां – कल्याण विभाग कर्मचारी (चंदवा)
नेहा कुमारी – पुलिसकर्मी की पत्नी (मनिका)
कविता देवी – स्वास्थ्य सहिया (लातेहार)
सरोज कुमारी – शिक्षिका (बरवाडीह)
सवाल यह उठता है कि जब ये सभी पहले से सरकारी नौकरी या पेंशनधारी थे, तो इन्हें इस योजना का लाभ लेने की जरूरत ही क्यों पड़ी?
प्रशासन की सख्ती, अब होगी कार्रवाई!
लातेहार जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इस घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भविष्य में इस तरह की धांधली न हो, इसके लिए जांच प्रक्रिया को और सख्त किया जाएगा।
इस योजना के लिए 122 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई थी। अब सही लाभुकों के खातों में जल्द ही पैसा भेजा जाएगा।
ऐसे घोटालों का इतिहास झारखंड में पुराना!
झारखंड में सरकारी योजनाओं में घोटाले की खबरें पहले भी आती रही हैं।
2021 में राशन कार्ड घोटाले में कई हजार अपात्र लोगों का नाम जुड़ा था।
2022 में पेंशन घोटाले में सैकड़ों फर्जी लाभुक मिले थे।
2023 में प्रधानमंत्री आवास योजना में भी अपात्र लोगों के नाम सामने आए थे।
इस बार भी वही पैटर्न देखने को मिला – असल जरूरतमंदों को छोड़कर सरकारी कर्मचारी और संपन्न लोग इस योजना का फायदा उठा रहे थे!
अब आगे क्या होगा?
अयोग्य लाभुकों को हटाने के बाद सही लोगों को योजना का लाभ दिया जाएगा।
जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
भविष्य में इस तरह की धांधली रोकने के लिए प्रशासन निगरानी बढ़ाएगा।
अब देखना यह होगा कि क्या सरकार इन दोषियों से वसूली करेगी या यह मामला भी सिर्फ जांच तक ही सीमित रह जाएगा?
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