Power Plant Scam : 244 करोड़ की ठगी, कोहिनूर पावर के डायरेक्टर फरार – आखिर कहां गया जनता का पैसा?
कोहिनूर पावर लिमिटेड पर 244 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले का आरोप। सरायकेला-खरसावां जिले में बिजली प्लांट बनाने के नाम पर भारी लोन लिया गया लेकिन प्लांट शुरू ही नहीं हुआ। जानिए पूरा मामला और कैसे डायरेक्टर फरार हो गए।

जमशेदपुर, सरायकेला-खरसावां। झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले से एक बड़ा बैंक घोटाला सामने आया है। खबर के अनुसार, कोहिनूर पावर लिमिटेड के डायरेक्टर्स ने बिजली प्लांट लगाने के नाम पर बैंकों से 244 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। लेकिन आज तक यह बिजली प्लांट खुल ही नहीं पाया।
इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब कोलकाता हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच का आदेश दिया। बैंक अधिकारियों की मिलीभगत की भी आशंका जताई जा रही है।
कागजों पर प्लांट, जमीन पर सन्नाटा
कोहिनूर पावर लिमिटेड ने दावा किया था कि वे जिले में बिजली प्लांट शुरू करेंगे। इसके लिए बड़े-बड़े कर्ज लिए गए। लेकिन हकीकत यह है कि साइट पर न कोई निर्माण हुआ और न ही कोई मशीनरी लगाई गई। सिर्फ कागजों पर दिखाकर करोड़ों रुपये निकाल लिए गए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले यहां स्टील और पावर प्लांट चलता था। लेकिन पिछले पांच साल से पूरा प्लांट बंद पड़ा है। अब यह साफ हो गया है कि डायरेक्टर्स ने केवल बैंक लोन लिया और पैसे को दूसरी जगह डायवर्ट कर दिया।
डायरेक्टर फरार, बैंक अधिकारी भी शक के घेरे में
घोटाले के बाद कोहिनूर पावर लिमिटेड का मुख्य डायरेक्टर फरार हो चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई ने बैंक अधिकारियों पर भी नजर रखी है। आशंका है कि बिना अधिकारियों की मदद के इतना बड़ा घोटाला संभव नहीं था।
कोलकाता हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीधे सीबीआई जांच का आदेश दिया है। कोर्ट का कहना है कि यह जनता के पैसों से जुड़ा बड़ा मामला है, इसलिए जांच निष्पक्ष और तेज होनी चाहिए।
सवालों के घेरे में बैंकिंग सिस्टम
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर 244 करोड़ रुपये का इतना बड़ा कर्ज कैसे पास हुआ? क्या बैंक अधिकारियों ने पूरी जांच किए बिना लोन मंजूर कर दिया? या फिर जानबूझकर अनदेखी की गई?
लोगों में गुस्सा है कि जनता का पैसा बर्बाद हुआ और इसके जिम्मेदार लोग खुलेआम घूम रहे हैं। सीबीआई की कार्रवाई से उम्मीद है कि दोषियों को सजा मिलेगी और रकम की वसूली होगी।
What's Your Reaction?






