Bhilai Plant: बड़ा हादसा, गैस रिसाव से तीन मजदूर बेहोश, जांच जारी
भिलाई स्टील प्लांट में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस के रिसाव से तीन मजदूरों की हालत गंभीर, राहत कार्य जारी। जानिए कैसे यह हादसा हुआ और क्या प्रशासन ने की है जांच।
दुर्ग, 13 नवंबर: छत्तीसगढ़ के भिलाई स्टील प्लांट में एक गंभीर हादसा सामने आया है, जहां ब्लास्ट फर्नेस 6 में रिपेयरिंग कार्य के दौरान कार्बन मोनोऑक्साइड गैस का रिसाव हो गया। इस हादसे में तीन मजदूर बेहोश हो गए, जिन्हें तुरंत अस्पताल भेजा गया। गैस के रिसाव से संबंधित घटना ने भिलाई स्टील प्लांट में हड़कंप मचा दिया है।
गैस रिसाव के बाद मच गया हड़कंप
जानकारी के अनुसार, प्लांट के स्टोव नंबर 18 में रिपेयरिंग कार्य के दौरान अचानक कार्बन मोनोऑक्साइड गैस का रिसाव होने लगा। गैस का स्तर अत्यधिक बढ़ने से वहां मौजूद तीन मजदूर मोहम्मद मेराज, हरिचरण और मोहन लाल गुप्ता बेहोश हो गए। गैस की चपेट में आने के बाद इन मजदूरों को तुरंत रेस्क्यू कर मेन मेडिकल पोस्ट लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें पंडित जवाहर लाल नेहरू अस्पताल सेक्टर 9 रिफर कर दिया।
मेडिकल टीम का कहना है कि तीनों मजदूरों में से एक की हालत ज्यादा गंभीर है। गैस के रिसाव के कारण उत्पन्न हुई यह स्थिति बेहद खतरनाक थी, और अगर राहत कार्य में और देरी होती, तो इनकी जान भी जा सकती थी।
क्या है कार्बन मोनोऑक्साइड गैस का खतरा?
भिलाई स्टील प्लांट में गैस रिसाव का यह हादसा एक गंभीर सुरक्षा मुद्दा बनकर सामने आया है। सामान्यत: कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) गैस का स्तर 50 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) होना चाहिए, लेकिन अचानक गैस के रिसाव के कारण इसका स्तर 150 पीपीएम तक पहुंच गया, जिससे यह एक अत्यधिक खतरनाक स्थिति बन गई। यह गैस बिना रंग और गंध के होती है और मनुष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती है, खासकर उच्च सांद्रता में।
प्रशासन ने शुरू की जांच प्रक्रिया
गैस रिसाव की जानकारी मिलते ही भिलाई स्टील प्लांट के प्रबंधन के आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और जांच प्रक्रिया शुरू कर दी। हालांकि, अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि गैस के रिसाव का कारण क्या था। प्रशासन ने इस घटना के बाद सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाने की बात कही है।
इस बीच, भिलाई स्टील प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों ने इस तरह के हादसों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की मांग की है। उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाए जाएंगे।
हादसे के बाद राहत कार्य में तेजी
गैस रिसाव के तुरंत बाद बचाव कार्य में लगे कर्मचारियों और मेडिकल टीम ने घायलों को प्राथमिक उपचार देने के साथ-साथ तुरंत अस्पताल भेजने की प्रक्रिया को सुनिश्चित किया। इस हादसे ने प्लांट में काम कर रहे सभी कर्मचारियों को सुरक्षा को लेकर सोचने पर मजबूर कर दिया है। कई कर्मचारियों ने प्रशासन से अपील की है कि ऐसे हादसों से बचने के लिए सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू किया जाए।
भविष्य में सुरक्षा की बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता
इस हादसे ने एक बार फिर उद्योगों में कार्यस्थल सुरक्षा के महत्व को उजागर किया है। भिलाई स्टील प्लांट जैसे बड़े औद्योगिक स्थल पर काम करते समय कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है। हादसों से बचने के लिए स्टील प्लांट के प्रबंधन को अब और सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने की आवश्यकता है।
भिलाई स्टील प्लांट में हुए इस गैस रिसाव की घटना ने पूरी स्टील इंडस्ट्री को फिर से सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता महसूस कराई है। ऐसे हादसों से बचने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपकरणों का होना, कर्मचारियों की सुरक्षा ट्रेनिंग, और नियमित सुरक्षा निरीक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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