Bareilly Poetry Event: 'तीखे आखर' का भव्य विमोचन, कवियों की रचनाओं ने बांधा समां!
बरेली में डॉ. शालिनी शर्मा 'मुक्ता' के काव्य संग्रह 'तीखे आखर' का भव्य विमोचन हुआ। इस मौके पर साहित्यकारों को सम्मानित किया गया और कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। पढ़ें पूरी रिपोर्ट!

बरेली: साहित्यिक जगत में जब कोई नई कृति प्रकाशित होती है, तो वह केवल एक किताब नहीं होती, बल्कि लेखक की वर्षों की साधना और समाज को कुछ नया देने की कोशिश होती है। ऐसा ही एक खास अवसर रहा, जब बरेली में चर्चित कवयित्री डॉ. शालिनी शर्मा 'मुक्ता' के काव्य संग्रह 'तीखे आखर' का भव्य विमोचन किया गया। इस आयोजन में देशभर के साहित्यकारों और कवियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिससे यह कार्यक्रम एक ऐतिहासिक साहित्यिक संगोष्ठी में तब्दील हो गया।
'तीखे आखर' का विमोचन – एक यादगार शाम!
अखिल भारतीय काव्यधारा, बरेली मंडल के तत्वावधान में आयोजित यह कार्यक्रम स्थानीय खुशलोक सभागार में आयोजित किया गया, जहां साहित्य प्रेमियों का जमावड़ा लगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार और काव्यधारा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र कमल आनंद ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में मशहूर शायर विनय सागर जायसवाल मौजूद रहे।
इस अवसर पर मंचासीन विशिष्ट अतिथियों—डॉ. शिव शंकर यजुर्वेदी, डॉ. नितिन सेठी, रणधीर प्रसाद गौड़ धीर और प्रदीप राजपूत माहिर—ने डॉ. शालिनी शर्मा 'मुक्ता' के काव्य संग्रह 'तीखे आखर' का औपचारिक विमोचन किया। यह संकलन हिंदी साहित्य में एक नई दिशा देने का प्रयास है, जिसमें कवयित्री ने अपनी भावनाओं को तीखे और प्रभावशाली शब्दों में पिरोया है।
सम्मान समारोह: जब साहित्य के दिग्गजों को मिला सम्मान
विमोचन के बाद कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में साहित्यिक योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर निम्न साहित्यकारों को विभिन्न उपाधियों से नवाजा गया—
विनय सागर जायसवाल – काव्य महारथी
डॉ. शिव शंकर यजुर्वेदी – काव्य महारथी
डॉ. नितिन सेठी – काव्यधारा काव्य महारथी
राजबाला धैर्य – काव्यधारा सुधा
डॉ. शालिनी शर्मा 'मुक्ता' – काव्यधारा सुधा
राज शुक्ल 'ग़ज़लराज' – काव्यधारा काव्यरथी
डॉ. शरद अग्रवाल – काव्यधारा काव्यरथी
इसके अलावा, नगर एवं अन्य शहरों से आए 21 साहित्यकारों को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस सम्मान समारोह में बरेली मंडल अध्यक्ष डॉ. महेश मधुकर और महासचिव उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने सभी साहित्यकारों को शॉल, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया।
कवि सम्मेलन: जब कवियों ने समां बांधा!
कार्यक्रम के तृतीय सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें सुप्रसिद्ध कवियों और शायरों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस कवि सम्मेलन का संचालन राज शुक्ल 'ग़ज़लराज' ने किया और उनकी बेहतरीन प्रस्तुति ने माहौल को और भी खुशनुमा बना दिया।
इस मौके पर राजबाला धैर्य, रणधीर प्रसाद गौड़ धीर, प्रदीप राजपूत माहिर, राजवीर सिंह राज, दीपक मुखर्जी दीप, राधा सिंह, मीता गुप्ता, रश्मि दुबे, रेनू बाधवा, सुभाष रावत राहत बरेलवी, ध्रुव कुमार निर्भीक, रामकुमार अफरोज, एस.के. कपूर, लक्ष्मेश्वर राजू, प्रकाश निर्मल, ए.के. सिंह तन्हा, राम शंकर शर्मा प्रेमी, रामस्वरूप गंगवार मौज, अवजीत अवि और रितेश साहनी सहित कई प्रतिष्ठित साहित्यकारों ने भाग लिया और अपनी रचनाओं से सभी को मोहित कर दिया।
'तीखे आखर' की विशेषता – क्यों पढ़नी चाहिए यह किताब?
'तीखे आखर' केवल एक काव्य संग्रह नहीं है, बल्कि यह एक आईना है, जिसमें समाज के कई अनछुए पहलू उभरकर सामने आते हैं। डॉ. शालिनी शर्मा 'मुक्ता' की लेखनी की खासियत है उनकी भावनाओं की तीव्रता और समाज के प्रति उनकी गहरी सोच।
- इस संग्रह की कविताएं समसामयिक मुद्दों को उठाती हैं।
- हर कविता में एक संदेश छिपा है, जो पाठकों को सोचने पर मजबूर करता है।
- शब्दों का चयन और शैली इतनी प्रभावशाली है कि पाठक इसे पढ़ने के बाद आसानी से भूल नहीं पाते।
बरेली में बढ़ रही साहित्यिक गतिविधियां!
बरेली साहित्य और संस्कृति के मामले में हमेशा समृद्ध रहा है। ऐसे साहित्यिक आयोजनों से यह शहर न केवल अपनी साहित्यिक पहचान को और मजबूत कर रहा है, बल्कि नई पीढ़ी को भी साहित्य की ओर आकर्षित कर रहा है।
क्या ऐसे आयोजनों से हिंदी साहित्य को मिलेगा बढ़ावा?
'तीखे आखर' का विमोचन केवल एक किताब का लोकार्पण नहीं था, बल्कि यह हिंदी साहित्य के प्रति लोगों की बढ़ती रुचि का प्रमाण भी था। इस तरह के आयोजन यह साबित करते हैं कि आज भी कविता और साहित्य की गूंज समाज में सुनाई देती है।
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