Potka Raid: जंगल में चल रहा था अवैध शराब का खेल, प्रशासन की बड़ी कार्रवाई!

पोटका थाना क्षेत्र के लोवाडीह गांव में प्रशासन ने अवैध शराब के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। जंगल किनारे चल रहे शराब निर्माण केंद्र पर छापा मारकर 210 लीटर अवैध शराब और 16,000 किलो जावा महुआ जब्त किया गया। जानिए पूरी खबर!

Mar 7, 2025 - 16:40
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Potka Raid: जंगल में चल रहा था अवैध शराब का खेल, प्रशासन की बड़ी कार्रवाई!
Potka Raid: जंगल में चल रहा था अवैध शराब का खेल, प्रशासन की बड़ी कार्रवाई!

पूर्वी सिंहभूम: झारखंड में अवैध शराब का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रशासन के लगातार अभियान के बावजूद कई इलाकों में शराब माफिया सक्रिय हैं। शुक्रवार को पोटका थाना क्षेत्र के लोवाडीह गांव में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध शराब निर्माण के खिलाफ छापेमारी की। इस दौरान छह बड़े भट्ठियों को ध्वस्त किया गया और भारी मात्रा में शराब और उससे जुड़े कच्चे माल को जब्त किया गया। इस ऑपरेशन के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।

कैसे हुआ अवैध शराब का खुलासा?

सहायक आयुक्त उत्पाद के निर्देश पर प्रशासनिक टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि पोटका के लोवाडीह क्षेत्र में जंगल के किनारे अवैध शराब का निर्माण किया जा रहा है। इसके बाद प्रशासन ने रणनीति बनाकर टीम तैयार की और मौके पर छापा मारा।

जैसे ही टीम वहां पहुंची, उन्हें नदी किनारे कई भट्ठियां जलती हुई मिलीं, जहां अवैध शराब बनाई जा रही थी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए छह अवैध शराब भट्ठियों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।

कितनी शराब और सामग्री हुई जब्त?

छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में अवैध शराब और इसके निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल को जब्त किया गया –
210 लीटर अवैध चुलाई शराब
16,000 किलोग्राम जावा महुआ (शराब बनाने का कच्चा माल)

प्रशासन ने मौके पर मौजूद कुछ संदिग्धों से पूछताछ भी की, लेकिन कई लोग पुलिस की कार्रवाई से पहले ही फरार हो गए।

अवैध शराब का इतिहास: क्यों बढ़ रहा है यह कारोबार?

झारखंड के ग्रामीण इलाकों में अवैध शराब निर्माण कई दशकों से एक गंभीर समस्या रही है। खासकर नदी किनारे और जंगलों में यह धंधा तेजी से फल-फूल रहा है, क्योंकि यहां प्रशासन की नजर से बचा जा सकता है।

  • जावा महुआ से बनने वाली शराब झारखंड, बिहार और ओडिशा के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर बनाई और बेची जाती है।
  • कई गिरोह इस कारोबार में लिप्त हैं और यह अवैध धंधा लाखों का मुनाफा देता है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी भी एक बड़ी वजह है, जिससे लोग इस अवैध धंधे में शामिल हो जाते हैं।

अवैध शराब माफियाओं पर होगी सख्त कार्रवाई!

प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि अवैध शराब कारोबार से जुड़े लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। छापेमारी के दौरान जो लोग पकड़े गए हैं, उनके खिलाफ उत्पाद अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन की इस कार्रवाई से इलाके में शराब माफियाओं में हड़कंप मच गया है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भविष्य में भी ऐसी छापेमारी होती रहती है या फिर यह कारोबार फिर से शुरू हो जाता है।

क्या यह अभियान आगे भी जारी रहेगा?

पोटका और आसपास के इलाकों में अवैध शराब के अड्डों को खत्म करने के लिए प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है। अधिकारी इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि इस कारोबार में और कौन-कौन शामिल हैं और क्या यह किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा है।

क्या प्रशासन इस अवैध कारोबार पर पूरी तरह रोक लगा पाएगा? या फिर माफिया एक बार फिर नए ठिकानों से अपना धंधा शुरू कर देंगे? यह देखना बाकी है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।