Jamda Mining: अवैध खनन पर होगी बड़ी कार्रवाई, विधायक सोनाराम सिंकु ने माफियाओं को दी चेतावनी
जामदा में अवैध खनन पर कड़ा प्रहार करने के लिए विधायक सोनाराम सिंकु ने वन और खनन विभाग के साथ संयुक्त कार्रवाई की योजना बनाई। जानिए इस अभियान की पूरी कहानी।
जामदा: नया साल अवैध खनन माफियाओं के लिए मुश्किलों का साल साबित हो सकता है। विधायक सोनाराम सिंकु ने खनन माफिया पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, खनन, वन और पुलिस विभाग के साथ संयुक्त बैठक कर बड़े कदम उठाने की योजना बनाई जा रही है। अवैध खनन से हो रहे राजस्व नुकसान को रोकने और माफियाओं की जड़ें उखाड़ने के लिए यह अभियान चलाया जाएगा।
खनन माफिया की बेचैनी बढ़ी
खनन माफिया, जो पहले विधायक को हराने के लिए साजिशें रच रहे थे, अब उनके नजदीकी कार्यकर्ताओं से संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर अवैध खनन और अवैध धुलाई के मामलों के वायरल होने के बाद विधायक ने गंभीर कदम उठाने का फैसला किया।
इतिहास की झलक
झारखंड के खनिज संपदा से समृद्ध इलाकों में अवैध खनन की समस्या कोई नई नहीं है। 1990 के दशक में जब लौह अयस्क की मांग बढ़ी, तब से खनन माफिया सक्रिय हो गए। सरकारों ने समय-समय पर इन पर कार्रवाई की, लेकिन राजस्व चोरी और अवैध खनन का सिलसिला जारी रहा।
विधायक पर माफियाओं का दबाव
सूत्र बताते हैं कि जामदा और नोवामुंडी क्षेत्र में सक्रिय माफिया अब विधायक से संपर्क करने के लिए उनके कार्यकर्ताओं का सहारा ले रहे हैं। इन माफियाओं ने पहले विधायक के खिलाफ झूठी अफवाहें फैलाईं और चुनाव के दौरान उनके खिलाफ धन बल का जमकर इस्तेमाल किया। लेकिन जनता के समर्थन से विधायक ने जीत हासिल की।
कैसे काम करता है माफिया नेटवर्क?
सूत्रों के अनुसार, माफिया प्रति टन अवैध खनन के लिए पुलिस प्रशासन को 300 रुपये, राजनीतिक दलों को 200 रुपये और खनन विभाग को 100 रुपये की रिश्वत देते हैं। यह पूरा सिस्टम माफिया के हाथों बिक चुका है, जिससे उन्हें किसी भी कार्रवाई का डर नहीं है।
ईमानदार छवि पर साजिश
विधायक के नजदीकी सूत्रों के अनुसार, माफिया उनके ईमानदार छवि पर दाग लगाने की कोशिश कर रहे हैं। अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि विधायक उनके साथ मिले हुए हैं, लेकिन विधायक ने साफ कर दिया है कि वह ऐसे किसी भी माफिया नेटवर्क का हिस्सा नहीं हैं।
संयुक्त बैठक में होगी चर्चा
विधायक ने वन, खनन और पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक बुलाने का निर्णय लिया है। इस बैठक में अवैध खनन को रोकने और राजस्व हानि कम करने के उपायों पर चर्चा होगी। इसके अलावा, आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई की संभावना है।
विधायक सोनाराम सिंकु की इस पहल से खनन माफिया की नींद उड़ चुकी है। जनता को भी उम्मीद है कि यह अभियान अवैध खनन को रोकने और सरकारी राजस्व बढ़ाने में मदद करेगा।
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