School Events: मुरली पब्लिक स्कूल में बसंत पंचमी पर धूमधाम से मां सरस्वती की पूजा, छात्रों ने बढ़-चढ़कर लिया भाग

बागुनहातु के मुरली पब्लिक स्कूल में बसंत पंचमी के अवसर पर आयोजित मां सरस्वती की पूजा, छात्रों ने श्रद्धा भाव से हिस्सा लिया। जानिए इस विशेष दिन के महत्व और कार्यक्रम की पूरी जानकारी।

Feb 3, 2025 - 16:09
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School Events: मुरली पब्लिक स्कूल में बसंत पंचमी पर धूमधाम से मां सरस्वती की पूजा, छात्रों ने बढ़-चढ़कर लिया भाग
School Events: मुरली पब्लिक स्कूल में बसंत पंचमी पर धूमधाम से मां सरस्वती की पूजा, छात्रों ने बढ़-चढ़कर लिया भाग

बागुनहातु स्थित मुरली पब्लिक स्कूल में बसंत पंचमी के अवसर पर मां सरस्वती की पूजा बड़े धूमधाम से मनाई गई। यह दिन सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि छात्रों के लिए शिक्षा और ज्ञान की देवी की पूजा करने का विशेष अवसर भी था। स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं और विद्यार्थियों ने मिलकर इस पावन दिन को उत्साह और भक्ति के साथ मनाया।

कार्यक्रम की शुरुआत और पूजा की तैयारी

पूरे स्कूल परिसर में 6:30 बजे से ही पूजा की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई थीं। विद्यार्थियों ने महादेवी सरस्वती की प्रतिमा को फूलों से सजाया और मंत्र उच्चारण के साथ पूजा शुरू की। इस अवसर पर वाइस प्रिंसिपल प्रियंका तिवारी ने छात्रों को सरस्वती पूजा के महत्व के बारे में बताया और कहा कि यह दिन विशेष रूप से छात्रों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है क्योंकि मां सरस्वती विद्या, बुद्धि, और संगीत की देवी हैं।

कक्षा में भक्ति और सांस्कृतिक कार्यक्रम

पूजा के दौरान, स्कूल के शिक्षकों ने छात्रों को बताया कि इस दिन को केवल धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और शिक्षा के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इसके बाद, छात्रों ने भजन, श्लोक, और संस्कृतिक प्रस्तुतियों द्वारा इस पूजा को और भी भव्य बना दिया। पूरे स्कूल में एक भक्ति भाव का वातावरण बना हुआ था, जिसमें सभी श्रद्धा से सरस्वती वंदना कर रहे थे।

बसंत पंचमी: शिक्षा और संस्कृति का प्रतीक

बसंत पंचमी का पर्व केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि ज्ञान और संस्कृति की पूजा का प्रतीक भी है। इसके इतिहास और महत्व का उल्लेख कई धर्म ग्रंथों और ऐतिहासिक किताबों में किया गया है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था, और उन्होंने ब्रह्मा जी के साथ मिलकर सृष्टि निर्माण में अहम योगदान दिया था। यह दिन विशेष रूप से शिक्षा, कला और संगीत से जुड़े लोगों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

इसके अलावा, भारतीय परंपरा में इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने और पीले रंग के पकवान खाने की परंपरा भी है, क्योंकि पीला रंग समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।

विद्यार्थियों में दिखा जोश और उत्साह

पूरे विद्यालय में छात्रों का उत्साह साफ दिखाई दे रहा था। सभी छात्रों ने मां सरस्वती के सामने अपनी किताबों और कॉपियों के साथ वाद्य यंत्र रखकर आशीर्वाद मांगा। इसके बाद, विद्यालय में एक विशेष भजन संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने मिलकर मां सरस्वती की महिमा का गुणगान किया और अपनी आवाज से कार्यक्रम को और भी सुंदर बना दिया।

प्रसाद वितरण और बच्चों का आशीर्वाद

पूजा के बाद, प्रसाद वितरण किया गया। न केवल छात्रों को, बल्कि अभिभावकों और आस-पास के निवासियों को भी मां सरस्वती का आशीर्वाद लेकर प्रसाद वितरित किया गया।

विद्यारंभ संस्कार और शुभ कार्य की शुरुआत

बसंत पंचमी का दिन विद्यारंभ संस्कार के रूप में भी जाना जाता है, खासकर छोटे बच्चों के लिए। इस दिन उन्हें लेखन की शुरुआत कराई जाती है ताकि उनका शिक्षा क्षेत्र में शुभारंभ हो सके। यह दिन विशेष रूप से शिक्षा, कला, और बुद्धिमत्ता के प्रेरणा स्त्रोत के रूप में मनाया जाता है।

मुरली पब्लिक स्कूल में आयोजित यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक था, बल्कि यह ज्ञान और शिक्षा के प्रति समर्पण और श्रद्धा का प्रतीक बन गया। बच्चों के उत्साह, भक्ति भावना, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने इस कार्यक्रम को यादगार बना दिया। इस पूजा ने विद्यार्थियों को यह एहसास दिलाया कि ज्ञान और शिक्षा उनके जीवन की सबसे महत्वपूर्ण चीज है, और मां सरस्वती का आशीर्वाद उनके लिए सफलता की कुंजी बन सकता है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।