Adityapur Suicide Case: घरेलू विवाद के बाद युवक ने फांसी लगाकर दी जान, गर्भवती पत्नी और 4 साल का बेटा बेसहारा
आदित्यपुर में घरेलू विवाद के बाद 32 वर्षीय जैदेव साई ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जानिए क्यों बढ़ रहे हैं आत्महत्या के मामले और इससे बचाव के तरीके।

सरायकेला खरसावां जिले के आदित्यपुर थाना क्षेत्र में सोमवार दोपहर एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। माझी टोला का रहने वाला 32 वर्षीय जैदेव साई ने अपने ही घर की छत पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जैदेव के इस कदम से पूरा परिवार सदमे में है। खासकर उसकी गर्भवती पत्नी और 4 साल का मासूम बेटा, जो अचानक बेसहारा हो गए।
परिजनों के मुताबिक, जैदेव का अक्सर अपनी पत्नी से विवाद होता रहता था, जिसकी वजह उसका नशे की लत थी। सोमवार को भी दोनों के बीच झगड़ा हुआ, जिसके बाद गुस्से में आकर जैदेव ने यह खौफनाक कदम उठा लिया। जब तक परिवार वाले उसे बचाने पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आनन-फानन में उसे टाटा मेन हॉस्पिटल (TMH) ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
नशे की लत बनी मौत की वजह?
मृतक के पिता मधुसूदन साई ने बताया कि जैदेव आदित्यपुर के इमली चौक के पास गोलगप्पे का ठेला लगाता था। चार साल पहले उसकी शादी हुई थी और जल्द ही वह दोबारा पिता बनने वाला था। लेकिन नशे की लत ने उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी।
परिवारवालों के मुताबिक, जैदेव का शराब और अन्य नशों का सेवन करना उसकी पत्नी से विवाद की बड़ी वजह थी। कई बार समझाने के बावजूद वह अपनी आदतें नहीं सुधार सका।
आत्महत्या के पीछे घरेलू कलह एक बड़ी वजह?
भारत में आत्महत्या के मामलों पर नजर डालें तो घरेलू कलह, मानसिक तनाव और नशे की लत मुख्य कारणों में से एक हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, हर साल 1.5 लाख से ज्यादा लोग आत्महत्या करते हैं, जिसमें से बड़ी संख्या में पुरुष घरेलू कलह और आर्थिक तंगी की वजह से यह कदम उठाते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, नशे की लत और पारिवारिक तनाव व्यक्ति को इस कदर तोड़ देता है कि वह आत्महत्या जैसे कठोर कदम उठाने पर मजबूर हो जाता है। जैदेव साई की आत्महत्या भी इसी मानसिक तनाव और घरेलू कलह का नतीजा मानी जा रही है।
आत्महत्या रोकने के लिए क्या करें?
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। अगर परिवार में किसी को अत्यधिक तनाव, अवसाद या नशे की लत की समस्या हो, तो समय रहते कुछ उपाय अपनाने चाहिए—
- खुलकर बात करें – आत्महत्या का एक बड़ा कारण मानसिक तनाव और अकेलापन है। परिवार और दोस्तों से खुलकर बात करें।
- काउंसलिंग लें – जरूरत पड़ने पर मनोवैज्ञानिक या परामर्शदाता की मदद लें।
- नशे से दूरी बनाएं – शराब, ड्रग्स या अन्य नशीले पदार्थों से दूर रहें, क्योंकि ये मानसिक संतुलन बिगाड़ सकते हैं।
- पॉजिटिव लाइफस्टाइल अपनाएं – योग, ध्यान और शारीरिक गतिविधियों को दिनचर्या में शामिल करें।
अगर आपके आसपास कोई व्यक्ति अत्यधिक तनावग्रस्त या अवसाद में है, तो उसे अकेला न छोड़ें और समय रहते उसकी मदद करें।
पुलिस जांच में जुटी, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
पुलिस ने जैदेव साई के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं, जैदेव की मौत से पूरा परिवार सदमे में है। उसकी गर्भवती पत्नी और मासूम बच्चे का रो-रोकर बुरा हाल है।
यह घटना एक सजग संकेत है कि पारिवारिक तनाव और नशे की लत किस तरह एक खुशहाल जिंदगी को तबाह कर सकते हैं। ऐसे मामलों से बचने के लिए परिवार और समाज को मिलकर मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाएं न हों।
What's Your Reaction?






