Jamshedpur Accident: भीषण सड़क हादसे में दो की मौत, तीन की हालत गंभीर!
जमशेदपुर के एनएच-33 पर भीषण सड़क हादसा! दो बाइक की आमने-सामने टक्कर में दो की मौत, तीन घायल। क्या है पूरा मामला? जानिए इस रिपोर्ट में।

जमशेदपुर: एनएच-33 पर रविवार रात हुए भीषण सड़क हादसे ने इलाके में सनसनी फैला दी। जमशेदपुर के एमजीएम थाना क्षेत्र स्थित पिपला के पास दो बाइकों की आमने-सामने भिड़ंत में अब तक दो लोगों की जान जा चुकी है, जबकि तीन अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है। इस दर्दनाक हादसे में पहले 16 वर्षीय किशोर दयाल सिंह की मौत हुई थी, और अब सोमवार देर रात इलाज के दौरान 45 वर्षीय दिगंबर सिंह ने भी दम तोड़ दिया।
कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह दुर्घटना तेज रफ्तार और लापरवाही की वजह से हुई। दोनों बाइक सवार अपनी-अपनी दिशा में जा रहे थे, तभी पिपला के पास अचानक हुई आमने-सामने की टक्कर में सभी लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई, और स्थानीय लोगों ने घायलों को तुरंत एमजीएम अस्पताल पहुंचाया।
दिगंबर सिंह की भी गई जान
दिगंबर सिंह, जो पेशे से राज मिस्त्री थे, अपने साढ़ू गौरी प्रसाद के साथ घूमने निकले थे। इस हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन सोमवार देर रात उन्होंने दम तोड़ दिया। इससे पहले, इसी दुर्घटना में दयाल सिंह नामक 16 वर्षीय किशोर की भी मौत हो चुकी थी।
दयाल सिंह की दर्दनाक कहानी
दयाल सिंह मलियंता गांव का रहने वाला था और हाल ही में होटल की नौकरी छोड़कर अपने घर लौटा था। लेकिन उसे क्या पता था कि यह सफर उसकी जिंदगी का आखिरी सफर बन जाएगा।
अन्य घायलों का इलाज जारी
इस दर्दनाक दुर्घटना में तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। दिगंबर सिंह के साढ़ू गौरी प्रसाद को रांची के रिम्स अस्पताल रेफर किया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं, दूसरी बाइक पर सवार प्रभाकर सिंह और रत्नाकर सिंह का इलाज अभी भी एमजीएम अस्पताल में चल रहा है।
एनएच-33 पर लगातार बढ़ रहे हादसे
एनएच-33, जो झारखंड के महत्वपूर्ण हाईवे में से एक है, लगातार सड़क हादसों का गवाह बन रहा है। तेज रफ्तार, ट्रैफिक नियमों की अनदेखी और अंधाधुंध वाहन चलाने की प्रवृत्ति के कारण यहां दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
हादसे का जिम्मेदार कौन?
इस दुर्घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह हादसा सिर्फ संयोग था, या फिर हमारे सड़क परिवहन व्यवस्था की नाकामी? क्या प्रशासन को अब हाईवे पर अतिरिक्त निगरानी बढ़ाने की जरूरत है?
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
मृतकों के परिवारवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। दिगंबर सिंह अपने पीछे दो बच्चों को छोड़ गए हैं, जबकि दयाल सिंह के माता-पिता को अब भी यकीन नहीं हो रहा कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा।
सड़क सुरक्षा की जरूरत
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सड़कों पर लापरवाही और तेज रफ्तार कितनी घातक हो सकती है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मार्ग पर सुरक्षा उपाय बढ़ाए, ताकि इस तरह की दुर्घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
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