79वां स्वतंत्रता दिवस: गोंड आदिवासी संघ ने स्वतंत्रता सेनानियों को एकता के साथ सम्मानित किया
गोंड आदिवासी संघ ने भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस को कैसे मनाया?

अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ ने 79वें स्वतंत्रता दिवस को उत्साह और एकता के साथ मनाया
15 अगस्त, 2025 को भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ ने दिनेश साह की अध्यक्षता में टार कंपनी गुरुद्वारा के पीछे, ललन साह के निवास के सामने खुले मैदान में एक उत्साहपूर्ण समारोह का आयोजन किया। इस आयोजन में गोंड समुदाय के पुरुषों, महिलाओं, युवाओं और बच्चों ने एकजुट होकर देश के स्वतंत्रता सेनानियों और भारत की आजादी के ऐतिहासिक महत्व को श्रद्धांजलि अर्पित की। समारोह में झंडारोहण, देशभक्ति भरे गीत और स्वतंत्रता के मूल्यों पर विचार-विमर्श ने इस अवसर को और भी खास बना दिया।कार्यक्रम की शुरुआत गोंड समुदाय के सम्मानित बुजुर्ग श्री मदन साह के स्वागत के साथ हुई, जिन्हें मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्हें पारंपरिक शॉल और तिरंगे पट्टे से सम्मानित किया गया, जो समुदाय के उनके योगदान और बुद्धिमत्ता के प्रति सम्मान का प्रतीक था।
सुबह के आकाश में तिरंगे का रंग—केसरिया, सफेद और हरा—लहराते हुए देखकर माहौल देशभक्ति से भर गया। श्री मदन साह ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया, और उपस्थित सभी लोगों—पुरुष, महिला और बच्चों—ने एक स्वर में जन गण मन अधिनायक जय हे गीत गाया। यह गीत मैदान में गूंज उठा, जिसने सभी के मन में एकता और राष्ट्रीय गौरव की भावना को जागृत किया।इस समारोह ने गोंड समुदाय को 15 अगस्त, 1947 के ऐतिहासिक दिन को याद करने का अवसर प्रदान किया, जब भारत ने औपनिवेशिक शासन से मुक्ति प्राप्त की थी।
अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ के कई सदस्यों ने मंच पर आकर स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणादायक कहानियाँ साझा कीं और शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, और सुभाष चंद्र बोस जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी। वक्ताओं ने स्वतंत्रता, समानता और एकता के मूल्यों को संरक्षित करने के महत्व पर जोर दिया, जिनके लिए इन वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। इन चर्चाओं ने उपस्थित लोगों के दिलों को छू लिया और उन्हें उन बलिदानों की याद दिलाई, जिन्होंने आधुनिक भारत को आकार दिया।समारोह में उत्सव और एकता का माहौल जोड़ने के लिए, अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ ने बच्चों और बड़ों के बीच चॉकलेट और बिस्कुट वितरित किए। यह छोटा-सा इशारा बच्चों और बड़ों के चेहरों पर मुस्कान लाया और समुदाय के बीच आपसी भाईचारे को बढ़ावा दिया।
इस आयोजन में गोंड समुदाय के प्रमुख सदस्यों, जैसे नरेश साह, उमेश साह, रामानंद प्रसाद, लाल बिहारी साह, मनोज प्रसाद, राजेश शाह, मुन्ना प्रसाद, बॉबी साह, और हरकेश साह ने सक्रिय भागीदारी की। महिला समिति भी इस आयोजन में पूर्ण रूप से शामिल थी, जिसमें श्रीमती नीतू कुमारी, हीरा देवी, शांति देवी, अहिल्या देवी, चंपा देवी, अंबे ठाकुर, और बबीता देवी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सोहन साह और अन्य कई लोगों ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।झंडारोहण समारोह, जिसे समुदाय ने झंडू तोलन के रूप में संबोधित किया, पूर्ण शांति और गरिमा के साथ संपन्न हुआ। यह आयोजन गोंड समुदाय की राष्ट्रीय गौरव के प्रति प्रतिबद्धता और उनकी सांस्कृतिक एकता को मजबूत करने का प्रतीक था। शांतिपूर्ण माहौल और देशभक्ति की भावना ने समुदाय के भीतर गहरे मूल्यों को दर्शाया।
कार्यक्रम के समापन पर, श्री मनोज प्रसाद ने हृदयस्पर्शी धन्यवाद ज्ञापन दिया, जिसमें सभी प्रतिभागियों, आयोजकों और उपस्थित लोगों को इस अविस्मरणीय उत्सव के लिए आभार व्यक्त किया गया।अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ के लिए यह स्वतंत्रता दिवस समारोह केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह स्वतंत्रता के आदर्शों से पुनर्जनन और युवा पीढ़ी को भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत को आगे ले जाने के लिए प्रेरित करने का एक अवसर था। इस आयोजन ने समुदाय की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और भारत के गौरवशाली नागरिक के रूप में उनकी भूमिका को अपनाने की उनकी प्रतिबद्धता को उजागर किया।
श्री मदन साह जैसे बुजुर्गों का सम्मान और बच्चों को देशभक्ति गतिविधियों में शामिल करके, गोंड आदिवासी संघ ने यह सुनिश्चित किया कि स्वतंत्रता दिवस की भावना पीढ़ियों तक गूंजे।अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ का 79वां स्वतंत्रता दिवस समारोह परंपरा, देशभक्ति और समुदाय की भावना का एक सुंदर मिश्रण रहा। यह आयोजन इस बात की याद दिलाता है कि स्वतंत्रता की यात्रा निरंतर चलती रहती है, जिसमें प्रत्येक नागरिक एकता, विविधता और प्रगति के मूल्यों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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