Jamshedpur Honour: जमशेदपुर की शोभा यात्रा में पालकी साहिब का बड़ा आशीर्वाद, विकास सिंह ने गुरु नानक देव जी के किस ज्ञान को बताया दुनिया का आधार
क्या आप जानते हैं कि गुरु नानक देव जी की 556वीं जयंती पर विकास सिंह ने सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की शोभा यात्रा में शामिल होकर सिख समाज के लोगों को प्रणाम क्यों किया? पालकी साहिब जी का आशीर्वाद लेने के बाद विकास सिंह ने गुरु नानक देव जी के किस संदेश को वर्तमान समय के लिए सबसे महत्वपूर्ण बताया? पूरी जानकारी पढ़ें!
जमशेदपुर, 5 नवंबर 2025 – गुरु नानक देव जी महाराज की 556वीं जयंती का पुनीत पर्व आज जमशेदपुर में भक्ति और भाईचारे के माहौल में मनाया गया। सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (CGPC) द्वारा आयोजित भव्य शोभा यात्रा ने पूरे शहर को सिख संस्कृति के रंग में रंग दिया। इस शोभा यात्रा में समाज के सभी वर्गों के लोगों ने भाग लिया, जिसमें प्रमुख रूप से विकास सिंह भी शामिल हुए। उन्होंने पालकी साहिब जी का आशीर्वाद प्राप्त किया और सिख समाज के लोगों को प्रणाम किया, जो सिखों के प्रति उनके गहरे सम्मान और आपसी भाईचारे की भावना को दर्शाता है। 'वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह' के जयकारों से पूरा वातावरण गूंज उठा।
पालकी साहिब का आशीर्वाद: सिख समाज के साथ विकास सिंह
गुरु नानक देव जी की जयंती पर आयोजित शोभा यात्रा में विकास सिंह की उपस्थिति ने साम्प्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया।
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मान और प्रणाम: शोभा यात्रा में शामिल होकर विकास सिंह ने सिख समाज के लोगों को प्रणाम करते हुए उनका मान बढ़ाया।
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आशीर्वाद: उन्होंने पालकी साहिब जी का आशीर्वाद प्राप्त किया, जो उनको गुरु नानक देव जी के आध्यात्मिक ज्ञान और सिख धर्म के मूल्यों के प्रति आस्था को प्रदर्शित करता है।
गुरु नानक देव जी का ज्ञान: दुनिया के लिए सबसे बड़ा आधार
पालकी साहिब का आशीर्वाद लेने के बाद विकास सिंह ने गुरु नानक देव जी के शिक्षाओं के महत्व पर बात की।
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दुनिया का आधार: विकास सिंह ने कहा कि "गुरु नानक देव जी महाराज जी के आपसी भाईचारे और समानता के ज्ञान के कारण ही यह दुनिया चल रही है।" यह बयान इस बात को रेखांकित करता है कि गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं आज के संघर्षपूर्ण वैश्विक माहौल में भी कितनी प्रासंगिक हैं।
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इतिहास की झलक: इतिहास गवाह है कि गुरु नानक देव जी ने अपनी उदासी यात्राओं के दौरान जाति, धर्म और लिंग की दीवारों को तोड़ा और सभी मनुष्यों को एक समान मानने का संदेश दिया। उनकी शिक्षा में 'एक ओंकार' अर्थात् ईश्वर एक है, की मूल धारणा निहित है, जो आज भी सामाजिक समानता का सबसे मजबूत आधार है।
गुरु नानक देव जी की जयंती का यह भव्य आयोजन जमशेदपुर शहर की गंगा-जमुनी तहज़ीब और अनेकता में एकता की भावना को मजबूत करता है।
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