महिला आयोग का बड़ा फैसला: यूपी में पुरुष टेलर नहीं लेंगे महिलाओं की माप, ना जिम में देंगे ट्रेनिंग

यूपी महिला आयोग ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम उठाते हुए प्रस्ताव दिया कि पुरुष टेलर महिलाओं के कपड़ों की माप नहीं लेंगे, और जिम में भी केवल महिला ट्रेनर ही ट्रेनिंग देंगी।

Nov 8, 2024 - 14:28
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महिला आयोग का बड़ा फैसला: यूपी में पुरुष टेलर नहीं लेंगे महिलाओं की माप, ना जिम में देंगे ट्रेनिंग
महिला आयोग का बड़ा फैसला: यूपी में पुरुष टेलर नहीं लेंगे महिलाओं की माप, ना जिम में देंगे ट्रेनिंग

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने महिलाओं की सुरक्षा और उन्हें 'बैड टच' से बचाने के लिए एक अहम प्रस्ताव पेश किया है। गुरुवार, 8 नवंबर 2024 को जारी इस प्रस्ताव के अनुसार, राज्य के सभी टेलर और जिम ट्रेनिंग सेवाओं में पुरुषों की सीमित भूमिका रहेगी। आयोग ने सिफारिश की है कि पुरुष टेलर महिलाओं के कपड़ों की माप नहीं लेंगे और पुरुष जिम ट्रेनर महिलाओं को ट्रेनिंग नहीं देंगे। 

महिला सुरक्षा की दिशा में कदम

महिला आयोग का मानना है कि इस कदम से महिलाओं को असहज स्थिति से बचाया जा सकता है। आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने एक इंटरव्यू में कहा, “हमने यह फैसला महिलाओं की सुरक्षा और उनके सम्मान को ध्यान में रखते हुए लिया है।” उनके मुताबिक, इस निर्णय से महिलाओं के प्रति होने वाली किसी भी प्रकार की अनुचित हरकतों को रोका जा सकेगा।

क्या कहता है प्रस्ताव?

प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया है कि कपड़ों की माप लेने जैसे कार्य केवल महिला टेलर ही करेंगी। इसी तरह, सैलून में केवल महिला नाई ही महिला ग्राहकों का ख्याल रखेंगी। आयोग की सदस्य हिमानी अग्रवाल ने बताया कि यह प्रस्ताव राज्य के हर क्षेत्र में लागू करने का प्रयास होगा। महिला आयोग ने राज्य प्रशासन से इस पर जल्द से जल्द अमल करने की अपील की है।

जिम ट्रेनिंग में भी बदलाव

प्रस्ताव के अनुसार, अब महिला जिम में केवल महिला ट्रेनर ही प्रशिक्षण देंगी। महिला आयोग का मानना है कि जिम जैसी जगहों पर महिलाएं अधिक सहज महसूस करती हैं जब उन्हें महिला ट्रेनर गाइड करती हैं। महिला आयोग ने पुरुष ट्रेनरों पर महिला ग्राहकों को ट्रेनिंग देने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की है। 

महिलाओं के प्रति बुरे इरादों को रोकने का प्रयास

महिला आयोग ने कहा है कि इस फैसले का उद्देश्य पुरुषों के 'बुरे इरादों' को रोकना है। आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने यह भी कहा, “बहुत सारी महिलाएं इस तरह की स्थिति में खुद को असहज महसूस करती हैं और कई बार शर्म के कारण अपनी परेशानी जाहिर भी नहीं कर पातीं।” उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव से महिलाओं को एक सुरक्षित वातावरण मिलेगा और उन्हें किसी तरह की असहजता का सामना नहीं करना पड़ेगा।

सैलून में भी आएगी नई व्यवस्था

आयोग के प्रस्ताव में सैलून सेवाओं में भी सुधार की बात कही गई है। आयोग ने सैलूनों में भी केवल महिला कर्मचारियों को महिलाओं की देखभाल का जिम्मा देने की सिफारिश की है। आयोग का मानना है कि इससे महिलाएं अधिक आरामदायक और सुरक्षित महसूस करेंगी।

समाज में मिला मिला-जुला समर्थन

हालांकि, महिला आयोग के इस कदम की कुछ लोगों ने सराहना की है, वहीं कई लोगों ने सवाल भी उठाए हैं। समाज के कई वर्गों का मानना है कि इससे पुरुषों के रोजगार के अवसरों पर असर पड़ सकता है। दूसरी ओर, कई महिलाएं इस प्रस्ताव को एक अहम सुरक्षा कदम मान रही हैं। सोशल मीडिया पर भी इस प्रस्ताव को लेकर लोगों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का यह प्रस्ताव महिलाओं की सुरक्षा और उनके सम्मान को ध्यान में रखते हुए लाया गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पर राज्य सरकार किस प्रकार अमल करती है और समाज किस तरह से इसे अपनाता है। महिला आयोग ने इस बात पर जोर दिया है कि महिलाओं को एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण मिलना चाहिए और इसके लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा।

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