Kavi Sammelan Mushaira : तिरंगा काव्य मंच का 54वां मासिक कवि सम्मेलन और मुशायरा सफलतापूर्वक संपन्न
तिरंगा काव्य मंच के 54वें ऑनलाईन मासिक कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन वरिष्ठ साहित्यकारों और शायरों की अध्यक्षता में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। "दिव्यांगता अभिशाप नहीं" विषय पर प्रेरणादायक कविताओं और ग़ज़लों की प्रस्तुति ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
तिरंगा काव्य मंच के 54वें ऑनलाईन मासिक कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन वरिष्ठ साहित्यकार एवं संपादक डॉ. कुंवर वीर सिंह मार्तण्ड और मशहूर शायर विनय सागर जायसवाल की अध्यक्षता में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम का संचालन महेंद्र सिंह प्रखर और अमिता गुप्ता ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ चंचल हरेंद्र वशिष्ट द्वारा देवी सरस्वती की वंदना और ईश स्तुति से किया गया। इसके पश्चात सभी कवियों और शायरों ने "दिव्यांगता अभिशाप नहीं" विषय पर सामयिक और प्रेरणादायक कविताएं प्रस्तुत कीं। कवियों और शायरों ने अपने गीत, छंद और तरही ग़ज़लों के माध्यम से दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
सम्मेलन में भाग लेने वाले कवि और शायर:
कार्यक्रम में चंचल हरेंद्र वशिष्ट, डॉ. सुभाष चंद्र शुक्ल, अमिता गुप्ता, डॉ. उषा अग्रवाल जलकिरण, भुवनेश्वर प्रसाद गोपाल, डॉ. पुष्पेंद्र कुमार अस्थाना ‘पुष्प’, डॉ. ऋषिपाल धीमान ‘ऋषि’, सवीना वर्मा ‘सवी’, विनीता निर्झर, सुमंगला सुमन, रूपम महतो, गजेंद्र नाहटा, सुरेंद्र शर्मा ‘कश्यप’, महेंद्र सिंह प्रखर, नीलम दुग्गल नरगिस, डॉ. ममता गाबा, राम पुकार सिंह ‘पुकार गाजीपुरी’, अलका मित्तल, रणजीत भारती, कालजयी घनश्याम, बसंत ठाकुर, राम शिरोमणि उपाध्याय ‘पथिक’, राम स्वरूप गंगवार मौज, गिरीश पाण्डेय, सुषमा राय पटेल और अन्य नामचीन कवियों और शायरों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
अध्यक्षीय संबोधन और प्रशंसा:
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. कुंवर वीर सिंह मार्तण्ड ने अपनी भावुक प्रतिक्रिया में कहा कि सभी कवियों की रचनाएं संवेदनाओं को झकझोरने वाली थीं। उन्होंने दिव्यांग व्यक्तियों को सहानुभूति के बजाय समानता और सम्मान दिए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मुशायरे के सदर ए मोहतरम, वरिष्ठ शायर विनय सागर जायसवाल ने सभी शायरों की ग़ज़लों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह आयोजन बेहद सफल रहा। उन्होंने चंचल हरेंद्र वशिष्ट को कार्यक्रम की रीढ़ बताते हुए उनकी सराहना की और सभी कवियों को शानदार आयोजन की बधाई दी।
आयोजन का समापन:
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और शुभकामनाओं के साथ हुआ। इस कवि सम्मेलन और मुशायरे ने साहित्य प्रेमियों के दिलों में एक नई ऊर्जा और उत्साह भर दिया। आयोजकों ने अगले कार्यक्रमों में भी इसी प्रकार की उत्कृष्टता बनाए रखने का वादा किया।
इस आयोजन ने साहित्यिक मंचों की एक नई मिसाल पेश की और "दिव्यांगता अभिशाप नहीं" विषय को लेकर जागरूकता फैलाने का महत्वपूर्ण कार्य किया।
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