टाटा जू में वन्यजीव सप्ताह 2024 का धमाकेदार आगाज: छात्रों की कला और प्रकृति संरक्षण का अनोखा संगम

गांधी जयंती पर जमशेदपुर के टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में वन्यजीव सप्ताह 2024 का भव्य आगाज। जानिए कैसे 2-6 अक्टूबर के बीच होने वाले इस आयोजन में विभिन्न प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों के जरिए वन्यजीव संरक्षण पर जागरूकता फैलाई जा रही है।

Oct 2, 2024 - 21:46
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टाटा जू में वन्यजीव सप्ताह 2024 का धमाकेदार आगाज: छात्रों की कला और प्रकृति संरक्षण का अनोखा संगम
टाटा जू में वन्यजीव सप्ताह 2024 का धमाकेदार आगाज: छात्रों की कला और प्रकृति संरक्षण का अनोखा संगम

टाटा जू में वन्यजीव सप्ताह 2024 की शुरुआत, छात्रों की रचनात्मकता और संरक्षण का अद्भुत मिलन

जमशेदपुर, 2 अक्टूबर 2024: गांधी जयंती के विशेष अवसर पर आज टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में वन्यजीव सप्ताह 2024 का भव्य शुभारंभ किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देना और समाज में जागरूकता लाना है। पांच दिवसीय यह समारोह 6 अक्टूबर तक जारी रहेगा, जिसमें शहर के स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

इस कार्यक्रम का उद्घाटन सबा आलम अंसारी (आईएफएस), वन प्रमंडल पदाधिकारी, जमशेदपुर, ने किया। उन्होंने वन्यजीव संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए बताया कि हमारे पारिस्थितिक तंत्र में हर जीव का महत्वपूर्ण योगदान होता है और हमें इन्हें बचाने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

वन्यजीव संरक्षण पर जोर, छात्रों की रचनात्मकता को प्रोत्साहन

इस समारोह का स्वागत भाषण डॉ. माणिक पलित, डेप्युटी डायरेक्टर सह ऑफिसर इंचार्ज, टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क ने दिया। उन्होंने वन्यजीव संरक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि ऐसे आयोजन से छात्रों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता उत्पन्न होती है। डॉ. सीमा रानी, जीवविज्ञानी सह शिक्षा अधिकारी, टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क और वन्यजीव सप्ताह समारोह 2024 की कार्यक्रम समन्वयक, ने भी सप्ताहभर चलने वाले इस समारोह की पूरी रूपरेखा प्रस्तुत की।

कार्यक्रम के दौरान मध्यम वर्ग (कक्षा VI से VIII) और उच्च वर्ग (कक्षा IX से X) के छात्रों के लिए "वन्यजीव संरक्षण" और "वन्यजीवों के साथ सहअस्तित्व" विषयों पर ऑन-द-स्पॉट पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में 15 स्कूलों के कुल 116 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और अपनी रचनात्मकता का शानदार प्रदर्शन किया। प्रतिभागियों ने अपनी पेंटिंग के जरिए यह दिखाया कि कैसे वन्यजीव संरक्षण और मनुष्य के साथ सहअस्तित्व को प्रोत्साहित किया जा सकता है।

भव्य समापन और पुरस्कार वितरण की तैयारी

इस प्रतियोगिता के विजेताओं को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 6 अक्टूबर को समापन समारोह के दौरान पुरस्कृत किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में रचनात्मकता को प्रोत्साहन देना और वन्यजीवों के महत्व को समझाना है, जिससे वे पर्यावरण और जीव-जंतुओं के प्रति संवेदनशील बनें।

डॉ. संजय कुमार महतो, क्यूरेटर, टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क, ने इस आयोजन को सफल बनाने में सहयोग देने वाले सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि इस तरह के आयोजन से न केवल छात्र बल्कि समाज के अन्य लोग भी वन्यजीव संरक्षण के महत्व को समझते हैं।

वाद-विवाद प्रतियोगिता से जागरूकता का प्रसार

कल सुबह 9 बजे से टाटा जू के पुराने नेचर एजुकेशन सेंटर में इंटरस्कूल वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इसमें विभिन्न स्कूलों के छात्र भाग लेंगे और वन्यजीव संरक्षण से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों में जागरूकता फैलाना और वन्यजीव संरक्षण के प्रति उनकी सोच को विकसित करना है।

वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास

कार्यक्रम के दौरान डॉ. नईम अख्तर, डेप्युटी डायरेक्टर, टाटा जू, शहर के विभिन्न स्कूलों के शिक्षक, चिड़ियाघर के कर्मचारी, टाटा स्टील फाउंडेशन के स्वयंसेवक और सायोक सरकार (इंटर्न-सह-स्वयंसेवक) जैसे अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।

वन्यजीव सप्ताह समारोह 2024 के जरिए टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क यह संदेश देना चाहता है कि वन्यजीव संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी है। ऐसे आयोजन न केवल बच्चों में बल्कि समाज के हर वर्ग में जागरूकता फैलाने का एक बड़ा माध्यम बनते हैं। बच्चों के लिए इस तरह के आयोजनों से उन्हें प्रकृति से जुड़ने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपने दायित्वों को समझने का अवसर मिलता है।

यह आयोजन वन्यजीव संरक्षण के प्रति समर्पण का प्रतीक है और इसे सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का योगदान सराहनीय है। वन्यजीव सप्ताह 2024 के कार्यक्रमों की इस श्रृंखला में हर दिन कुछ नया और रोमांचक होगा, जो वन्यजीवों के प्रति सभी को जागरूक करेगा।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।