Jamshedpur Protest: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ चाकुलिया में निकली प्रतिवाद यात्रा, सैकड़ों लोगों ने किया प्रदर्शन

जमशेदपुर के चाकुलिया में बांग्लादेशी हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ सैकड़ों लोगों ने प्रतिवाद यात्रा निकाली। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया।

Dec 9, 2024 - 14:48
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Jamshedpur Protest: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ चाकुलिया में निकली प्रतिवाद यात्रा, सैकड़ों लोगों ने किया प्रदर्शन
Jamshedpur Protest: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ चाकुलिया में निकली प्रतिवाद यात्रा, सैकड़ों लोगों ने किया प्रदर्शन

जमशेदपुर, 9 दिसंबर 2024: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ हिंदू जागरण मंच के नेतृत्व में चाकुलिया में एक विशाल प्रतिवाद यात्रा निकाली गई। सोमवार को नगर पंचायत के पुराना बाजार स्थित रासमंच से शुरू हुई इस यात्रा में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। नारेबाजी और झंडों के साथ प्रदर्शनकारी प्रखंड कार्यालय तक पहुंचे, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन बीडीओ आरती मुंडा को सौंपा।

आंदोलन का उद्देश्य और प्रमुख मांगे

इस यात्रा का उद्देश्य बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों की ओर ध्यान आकर्षित करना था। ज्ञापन में हिंदुओं को सुरक्षा देने, उनके धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों की रक्षा करने और बांग्लादेशी सरकार पर दबाव बनाने की मांग की गई है।

यात्रा का नेतृत्व स्वामी हंसानंद गिरि महाराज और तुलसीबनी शिवराम आश्रम के आनंद ब्रह्मचारी ने किया। उनके साथ लक्ष्मी नारायण दास, दिनेश सिंह समेत कई प्रमुख धार्मिक और सामाजिक नेता मौजूद थे।

रास्ते भर गूंजे नारे

यात्रा में शामिल लोग "बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार बंद करो," जैसे नारों से शहर की सड़कों को गुंजायमान कर रहे थे। मुख्य बाजार पथ से होते हुए यह यात्रा नया बाजार में गौशाला के पास पहुंची। वहां से यह प्रखंड कार्यालय तक गई।

प्रतिवाद यात्रा का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार कोई नया मुद्दा नहीं है। 1947 में भारत विभाजन के बाद, लाखों हिंदुओं को मजबूरन अपना घर छोड़कर भारत आना पड़ा। 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के समय भी हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया था।

हाल के वर्षों में, बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों, घरों और व्यवसायों पर हमले बढ़े हैं। यह स्थिति भारत में सामाजिक संगठनों और धार्मिक समूहों को सक्रिय कर रही है, जो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने की मांग कर रहे हैं।

महिलाओं और समाज के हर वर्ग की भागीदारी

प्रतिवाद यात्रा में पुरुषों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की चाकुलिया शाखा की रीता देवी लोधा, राजश्री रुंगटा, और राधा शर्मा समेत कई महिलाओं ने यात्रा का समर्थन किया।

ज्ञापन में शामिल प्रमुख मांगें

प्रतिनिधिमंडल ने बीडीओ के माध्यम से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में निम्नलिखित मांगें शामिल थीं:

  1. बांग्लादेशी हिंदुओं को सुरक्षा और न्याय दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
  2. अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाया जाए।
  3. बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालकर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
  4. हिंदू मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर हमलों को रोकने के लिए निगरानी प्रणाली स्थापित की जाए।

आंदोलन में शामिल प्रमुख लोग

प्रतिवाद यात्रा में डॉक्टर एसी झा, चंद्र देव महतो, राजेश कुमार लोधा, दीपक कुमार झुनझुनवाला, पतित पावन दास, और राजेंद्र सिंह जैसे प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे। इसके अलावा, पवन सिंह, चंद्र प्रकाश सिंह चौहान, गौतम शर्मा, और दुर्गा पद घोष जैसे कई नेताओं ने भी भाग लिया।

समाज में जागरूकता की जरूरत

यह आंदोलन सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक अपील थी—सभी को जागरूक होने की। सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने बताया कि बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर दुनिया को ध्यान देना चाहिए और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया

प्रशासन ने यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए पूरी सुरक्षा व्यवस्था की थी। बीडीओ आरती मुंडा ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

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