Jamshedpur Attack: बहरागोड़ा में भाजपा कार्यकर्ताओं पर झामुमो के हमले का आरोप, एसएसपी से कार्रवाई की मांग
बहरागोड़ा में भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले के आरोप के बाद, भाजपा नेताओं ने एसएसपी से कार्रवाई की मांग की। झामुमो पर झूठे मुकदमों की साजिश का आरोप।
जमशेदपुर, 9 दिसंबर 2024: झारखंड के बहरागोड़ा विधानसभा के अंतर्गत बड़सोल क्षेत्र में भाजपा और झामुमो कार्यकर्ताओं के बीच विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। भाजपा ने झामुमो कार्यकर्ताओं पर उनके कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट और घरों पर हमला करने का गंभीर आरोप लगाया है। इस मुद्दे को लेकर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशआनंद गोस्वामी और ग्रामीण अध्यक्ष चंडी चरण महतो ने मंगलवार को जमशेदपुर के सीनियर पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) किशोर कौशल को ज्ञापन सौंपा।
क्या है मामला?
भाजपा का आरोप है कि बड़सोल क्षेत्र में झामुमो के कार्यकर्ताओं ने सुनियोजित साजिश के तहत भाजपा कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया। उनके घरों पर हमले किए गए और कई कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई। दिनेशआनंद गोस्वामी ने दावा किया कि झामुमो की ओर से झूठे मुकदमे दर्ज कर भाजपा कार्यकर्ताओं को जेल भेजने की भी साजिश रची जा रही है।
भाजपा का आक्रोश
दिनेशआनंद गोस्वामी ने इस घटना को झारखंड में "लोकतंत्र के खिलाफ एक हमला" करार दिया। उन्होंने कहा,
"हमारे कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट और झूठे मुकदमों के जरिए डराने-धमकाने की कोशिश हो रही है। यह लोकतंत्र और राजनीतिक स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार है।"
भाजपा नेताओं ने एसएसपी से मामले की निष्पक्ष जांच करने और दोषी झामुमो कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
इतिहास में झांकें: झारखंड में राजनीतिक टकराव का सिलसिला
झारखंड में राजनीतिक पार्टियों के बीच टकराव का इतिहास नया नहीं है। 2000 में झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद से यहां भाजपा और झामुमो के बीच राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई चलती आ रही है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में यह संघर्ष ज्यादा गहराता दिखा है।
बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र में झामुमो का परंपरागत प्रभाव रहा है, लेकिन भाजपा ने पिछले कुछ वर्षों में यहां अपनी पकड़ मजबूत की है। यह टकराव उसी राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का परिणाम माना जा रहा है।
मांग पत्र में क्या कहा गया?
भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपने ज्ञापन में निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल किया:
- झामुमो कार्यकर्ताओं द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं पर किए गए हमलों की निष्पक्ष जांच हो।
- दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
- भाजपा कार्यकर्ताओं को झूठे मुकदमों में फंसाने की साजिश पर रोक लगाई जाए।
- भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सुरक्षा उपाय किए जाएं।
पुलिस प्रशासन की प्रतिक्रिया
एसएसपी किशोर कौशल ने भाजपा नेताओं को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा,
"हम हर बिंदु पर जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे। किसी को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।"
राजनीतिक माहौल और जनता की प्रतिक्रिया
इस घटना ने इलाके में राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। भाजपा और झामुमो समर्थकों के बीच तनाव स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। क्षेत्र की जनता इस बात को लेकर चिंतित है कि कहीं यह टकराव आगामी चुनावों से पहले हिंसक न हो जाए।
भाजपा का अगला कदम
भाजपा ने संकेत दिया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन कर सकते हैं। पार्टी का कहना है कि झामुमो द्वारा की जा रही हिंसा और साजिशों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बहरागोड़ा में भाजपा और झामुमो के बीच बढ़ते राजनीतिक संघर्ष ने राज्य में सत्तारूढ़ दलों के बीच असंतुलन को उजागर किया है। देखना होगा कि पुलिस प्रशासन और सरकार इस मामले को कैसे संभालती है।
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