Dhanbad Election: बन्ना गुप्ता ने किया इंडिया गठबंधन के पक्ष में चुनाव प्रचार, भाजपा को दी चुनौती
बन्ना गुप्ता ने झरिया और धनबाद में इंडिया गठबंधन के पक्ष में चुनाव प्रचार किया, भाजपा को चुनौती दी और कहा- "हम परवाने हैं, तलवार को झुकना होगा!"
17 नवम्बर, 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के प्रचार में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बन्ना गुप्ता ने झरिया और धनबाद में जोरदार प्रचार किया। इंडिया गठबंधन के स्टार प्रचारक के रूप में उन्होंने भाजपा को जमकर ललकारते हुए जनता से चुनावी समर्थन की अपील की।
झरिया में बवाल: शायराना अंदाज में भाजपा को दी चुनौती
झरिया में आयोजित एक विशाल जनसभा में बन्ना गुप्ता ने अपनी शायराना अंदाज में भाजपा और एनडीए को चुनौती दी। उन्होंने कहा, "दरिया तेरी अब खैर नहीं, बूंदों ने बगावत कर ली है, लहरों ने बगावत कर ली है।" उनके इन शब्दों ने सभा में मौजूद लोगों में जोश भर दिया और भाजपा के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया।
बन्ना गुप्ता ने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव में दो विचारधाराओं के बीच मुकाबला है। एक ओर वो लोग हैं जो नफरत फैलाते हैं, धार्मिक उन्माद को बढ़ावा देते हैं, जबकि दूसरी ओर इंडिया गठबंधन है जो विकास, एकता, संविधान और शिक्षा की बात करता है।
इंडिया गठबंधन का संकल्प: विकास, रोजगार और सम्मान
बन्ना गुप्ता ने आगे कहा कि इंडिया गठबंधन ने हर वर्ग को सम्मान और अधिकार दिया है। अब हम सभी का कर्तव्य बनता है कि हम झरिया की प्रत्याशी पूर्णिमा नीरज सिंह और धनबाद के प्रत्याशी अजय दुबे को भारी बहुमत से जिताएं। उन्होंने यह भी कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन की सरकार झारखंड की हर माता और बहन को मईया योजना से जोड़ने का काम कर रही है, जो राज्य की महिलाओं के लिए एक ऐतिहासिक कदम है।
राजनीतिक मंच पर बड़े नेता: तेजस्वी यादव से लेकर अजय दुबे तक
झरिया की जनसभा में राजद के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव, प्रत्याशी पूर्णिमा नीरज सिंह, एमएलसी सुनील सिंह, डीएसएस के प्रदेश अध्यक्ष राज आनंद सिंह और असम के सांसद गौरव गोगोई जैसे बड़े नेता भी उपस्थित थे। इन नेताओं ने इंडिया गठबंधन की ताकत को मजबूती से दर्शाया और चुनावी प्रचार को गति दी।
बन्ना गुप्ता ने अपनी यात्रा के दौरान धनबाद और झरिया में कई छोटी-बड़ी सभाओं और बैठकों में हिस्सा लिया और इंडिया गठबंधन के पक्ष में प्रचार किया। उनका कहना था कि भाजपा की सच्चाई अब जनता के सामने आ चुकी है और इस बार बदलाव तय है।
झारखंड का राजनीतिक इतिहास: भाजपा और कांग्रेस की जंग
झारखंड में चुनावों के दौरान हमेशा से भाजपा और कांग्रेस के बीच संघर्ष रहा है। 2000 में राज्य की स्थापना के बाद से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दल रहे हैं। भाजपा राज्य में विकास के नाम पर सत्ता में आई, जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल हमेशा सामाजिक न्याय और समानता की बात करते रहे।
इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन और भाजपा के बीच सीधी टक्कर है। जहां एक ओर इंडिया गठबंधन विकास और रोजगार के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहा है, वहीं भाजपा अपनी चुनावी रणनीति में सांप्रदायिक और जातीय मुद्दों को प्रमुखता दे रही है।
कांग्रेस का चुनावी दांव: झरिया और धनबाद पर विशेष ध्यान
कांग्रेस ने इस बार झरिया और धनबाद को खासतौर पर अपने चुनावी प्रचार का केंद्र बनाया है। इन दोनों क्षेत्रों में भारी संख्या में मतदाता हैं और ये क्षेत्र ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। कांग्रेस ने इन क्षेत्रों में अपनी पूरी ताकत झोंकी है ताकि भाजपा के मजबूत गढ़ में सेंध मारी जा सके।
चुनावी मुकाबला रोमांचक
बन्ना गुप्ता का चुनावी प्रचार इस बार बहुत ही आक्रामक रहा है। उन्होंने भाजपा को न केवल चुनौती दी, बल्कि इंडिया गठबंधन के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए हर संभव प्रयास किया है। झारखंड की राजनीति में यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है और आने वाले दिनों में इसका परिणाम राज्य की दिशा तय करेगा।
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