बिजली बंद होने से टाटा स्टील को भारी नुकसान, प्लांट में उत्पादन अब तक सामान्य नहीं

जमशेदपुर में डीवीसी और टाटा पावर की बिजली सप्लाई बंद होने के कारण टाटा स्टील को करोड़ों का नुकसान हुआ। कई प्लांट अब तक सामान्य नहीं हो पाए हैं, उत्पादन में बड़ी बाधा।

Sep 21, 2024 - 17:51
Sep 21, 2024 - 18:01
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बिजली बंद होने से टाटा स्टील को भारी नुकसान, प्लांट में उत्पादन अब तक सामान्य नहीं
बिजली बंद होने से टाटा स्टील को भारी नुकसान, प्लांट में उत्पादन अब तक सामान्य नहीं

जमशेदपुर:टाटा स्टील को बिजली आपूर्ति बाधित होने से भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। डीवीसी (दामोदर वैली कॉरपोरेशन) और टाटा पावर की बिजली सप्लाई अचानक ठप होने के कारण टाटा स्टील के कई प्रमुख प्लांटों में कामकाज पूरी तरह से रुक गया। इससे उत्पादन अब तक सामान्य नहीं हो पाया है। टाटा स्टील के ब्लास्ट फर्नेस, कोक प्लांट और अन्य कई प्लांट में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है, जिसके चलते कंपनी को करीब 1000 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।

हालांकि, टाटा स्टील के प्रबंधन की ओर से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। सूत्रों के अनुसार, कंपनी के प्लांट में उत्पादन सामान्य रूप से चल रहा था, लेकिन अचानक बिजली की आपूर्ति बंद हो जाने के कारण पूरा काम रुक गया।

बिजली आपूर्ति बंद होने से बड़ा संकट:

डीवीसी की सप्लाई ठप होने के साथ ही टाटा पावर और टाटा स्टील के पावर हाउस से भी बिजली उत्पादन बंद हो गया, जिससे कंपनी के ब्लास्ट फर्नेस समेत अन्य सभी प्रमुख उत्पादन इकाइयां ठप हो गईं। ब्लास्ट फर्नेस और स्टील मेल्टिंग जैसी प्रक्रियाओं को पुनः शुरू करना एक जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया होती है, जिसमें बड़ी मात्रा में ऊर्जा और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।

बिजली की आपूर्ति बंद हो जाने से फर्नेस में पानी भर गया और स्टील मेल्टिंग का काम भी रुक गया। इस कारण से फर्नेस को फिर से चालू करने में बड़ी मुश्किलें आ रही हैं। प्लांट को सामान्य स्थिति में लाने के लिए देश और विदेश से विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है, लेकिन अब तक स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाई है।

आर्थिक नुकसान और उत्पादन बाधित:

इस बड़े बिजली संकट के कारण टाटा स्टील को उत्पादन में भारी गिरावट का सामना करना पड़ा है। कंपनी के प्रमुख विभाग जैसे ब्लास्ट फर्नेस और कोक प्लांट के बंद होने से स्टील उत्पादन भी रुक गया है। उद्योग के जानकारों का मानना है कि इस बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण कंपनी को एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। इसके अलावा, उत्पादन में हुई इस देरी से कंपनी के कई ऑर्डर भी प्रभावित हो सकते हैं, जिससे व्यापार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है।

विशेषज्ञों की मदद और स्थिति सामान्य करने के प्रयास:

बिजली आपूर्ति बहाल होने के बाद भी, टाटा स्टील के प्लांट को पूरी तरह से सामान्य स्थिति में लाने में समय लग रहा है। ब्लास्ट फर्नेस और स्टील मेल्टिंग प्रक्रिया को दोबारा चालू करने के लिए कई तकनीकी विशेषज्ञों और इंजीनियरों की मदद ली जा रही है। देश-विदेश से एक्सपर्ट बुलाए गए हैं, ताकि जल्द से जल्द कामकाज को सुचारू रूप से चलाया जा सके।

हालांकि, अब तक स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाई है और टाटा स्टील के प्रबंधन से आधिकारिक बयान का इंतजार किया जा रहा है। कंपनी यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि उत्पादन में किसी भी प्रकार की और बाधा न आए और कामकाज जल्दी सामान्य हो सके।

यह बिजली आपूर्ति बाधित होने की घटना टाटा स्टील के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हुई है। कंपनी को न केवल आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है, बल्कि उत्पादन प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने में भी भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों की मदद से कंपनी जल्द से जल्द स्थिति को सुधारने की कोशिश कर रही है, लेकिन सामान्य स्थिति में आने में अभी और समय लग सकता है।

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Chandna Keshri चंदना केशरी, जो गणित-विज्ञान में इंटरमीडिएट हैं, स्थानीय खबरों और सामाजिक गतिविधियों में निपुण हैं।