Swiggy Fee Hike : आपकी जेब अब होगी और ढीली, क्योंकि स्विगी ने ऑनलाइन फूड ऑर्डर को बनाया और महंगा!

स्विगी ने फेस्टिव सीजन में प्लेटफॉर्म फीस 17% बढ़ाकर ₹14 कर दी, लेकिन क्या यह आपकी जेब पर भारी पड़ेगा? क्या जोमैटो भी बढ़ाएगा फीस? जमशेदपुर में ऑनलाइन फूड ऑर्डर की नई कीमत जानें।

Aug 16, 2025 - 11:07
Aug 16, 2025 - 11:41
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Swiggy Fee Hike : आपकी जेब अब होगी और ढीली, क्योंकि स्विगी ने ऑनलाइन फूड ऑर्डर को बनाया और महंगा!
Swiggy Fee Hike : आपकी जेब अब होगी और ढीली, क्योंकि स्विगी ने ऑनलाइन फूड ऑर्डर को बनाया और महंगा!

जमशेदपुर, 16 अगस्त 2025: ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी ने अपने ग्राहकों की जेब पर एक और बोझ डाल दिया है। कंपनी ने अपनी प्लेटफॉर्म फीस में 17% की बढ़ोतरी की है, जिसके बाद अब हर ऑर्डर पर ₹12 की बजाय ₹14 का शुल्क देना होगा। यह बदलाव फेस्टिव सीजन की बढ़ती मांग के बीच लागू किया गया है, ताकि कंपनी अपनी प्रति ऑर्डर मुनाफे को बढ़ा सके और वित्तीय स्थिति को मजबूत कर सके।स्विगी की फीस में लगातार बढ़ोतरी
स्विगी ने अप्रैल 2023 में पहली बार ₹2 की प्लेटफॉर्म फीस शुरू की थी, जिसका मकसद यूनिट इकोनॉमिक्स को बेहतर करना था। तब से लेकर अब तक, कंपनी ने इस फीस को कई बार बढ़ाया है। जुलाई 2024 में यह ₹6, अक्टूबर 2024 में ₹10 और अब अगस्त 2025 में ₹14 हो गई है। यह दो साल से भी कम समय में 600% की वृद्धि है। स्विगी के अनुसार, इस बढ़ोतरी का ऑर्डर की संख्या पर कोई असर नहीं पड़ता, जिसके चलते कंपनी नए फीस स्ट्रक्चर को बनाए रखती है।

कंपनी के लिए बड़ा मुनाफा
हालांकि ₹2 की बढ़ोतरी ग्राहकों के लिए छोटी लग सकती है, लेकिन स्विगी के लिए यह करोड़ों की अतिरिक्त आय का स्रोत है। कंपनी रोजाना 20 लाख से ज्यादा ऑर्डर डिलीवर करती है। ₹14 की फीस के हिसाब से, यह कंपनी को प्रतिदिन करीब ₹2.8 करोड़, हर तिमाही ₹8.4 करोड़ और सालाना ₹33.6 करोड़ की अतिरिक्त आय देगी। यह राशि कंपनी की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, खासकर तब जब स्विगी अपनी क्विक कॉमर्स यूनिट इंस्टामार्ट में भारी निवेश कर रही है।

स्विगी का बढ़ता नुकसान और रणनीति
स्विगी ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब कंपनी का नेट लॉस वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 96% बढ़कर ₹1,197 करोड़ हो गया, जो पिछले साल ₹611 करोड़ था। इस नुकसान का मुख्य कारण इंस्टामार्ट में बढ़ता निवेश है। हालांकि, कंपनी की परिचालन आय 54% बढ़कर ₹4,961 करोड़ हो गई, जो पिछले साल ₹3,222 करोड़ थी। दूसरी ओर, स्विगी की प्रतिद्वंद्वी जोमैटो ने भी पहली तिमाही में 90% की गिरावट के साथ ₹25 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया, जबकि उसकी आय 70.4% बढ़कर ₹7,167 करोड़ हो गई।

जमशेदपुर पर प्रभाव
जमशेदपुर जैसे शहरों में, जहां ऑनलाइन फूड डिलीवरी का चलन तेजी से बढ़ रहा है, यह फीस वृद्धि ग्राहकों के लिए चिंता का विषय बन सकती है। स्थानीय निवासियों, खासकर युवाओं और कामकाजी लोगों के लिए, जो अक्सर स्विगी का उपयोग करते हैं, यह छोटी-सी बढ़ोतरी भी मासिक बजट को प्रभावित कर सकती है। साथ ही, रेस्तरां मालिकों का कहना है कि स्विगी और जोमैटो की 35% तक की कमीशन दरों के कारण वे मेनू की कीमतें बढ़ाने को मजबूर हैं, जिससे ऑनलाइन ऑर्डर डाइन-इन की तुलना में 50% तक महंगे हो गए हैं।

क्या भविष्य में फीस कम होगी?
स्विगी और जोमैटो दोनों ने अतीत में हाई डिमांड वाले दिनों में फीस बढ़ाकर टेस्टिंग की है। यदि ऑर्डर की संख्या स्थिर रहती है, तो वे नई फीस को बनाए रखते हैं। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि फेस्टिव सीजन खत्म होने के बाद स्विगी फीस को ₹12 तक कम कर सकती है। फिर भी, यह कंपनी की रणनीति और मांग पर निर्भर करेगा।

डिलीवरी कर्मचारियों की स्थिति
स्विगी और जोमैटो पर बार-बार फीस बढ़ाने के बावजूद डिलीवरी कर्मचारियों की कामकाजी स्थिति में सुधार की कमी को लेकर आलोचना हो रही है। ग्राहकों को बढ़ती लागत का बोझ उठाना पड़ रहा है, लेकिन डिलीवरी कर्मचारियों के लिए बेहतर वेतन या सुविधाओं में कोई खास बदलाव नहीं दिख रहा।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।