NASA Mystery: सुनीता विलियम्स का 8 दिन का मिशन क्यों बना 9 महीने की चुनौती?

अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स का 8 दिन का मिशन कैसे 9 महीने लंबा हो गया? जानिए उनकी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा, स्पेसवॉक रिकॉर्ड, और भारत में हुई हवन-प्रार्थनाओं की पूरी कहानी!

Mar 19, 2025 - 09:41
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NASA Mystery: सुनीता विलियम्स का 8 दिन का मिशन क्यों बना 9 महीने की चुनौती?
NASA Mystery: सुनीता विलियम्स का 8 दिन का मिशन क्यों बना 9 महीने की चुनौती?

अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर का मिशन केवल 8 दिनों का था, लेकिन एक तकनीकी खराबी ने इसे 9 महीने लंबा कर दिया! जी हां, जो यात्रा कुछ दिनों में पूरी होनी थी, वह लगभग 270 दिन तक चली। अंतरिक्ष में यह एक अनोखा अनुभव था, जिसमें सुनीता विलियम्स ने न केवल रिकॉर्ड बनाए बल्कि नासा के लिए कई ऐतिहासिक प्रयोग भी किए।

कैसे बदला 8 दिन का मिशन 9 महीने की परीक्षा में?

5 जून 2024 को सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में सवार होकर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पहुंचे। यह एक रूटीन मिशन था, लेकिन तकनीकी खराबियों के कारण उन्हें लंबे समय तक वहीं रहना पड़ा। दरअसल, ISS से लौटने के लिए जिस अंतरिक्ष यान का उपयोग किया जाना था, उसमें कई तकनीकी गड़बड़ियां सामने आईं, जिसके चलते उनकी वापसी लगातार टलती रही।

अंतरिक्ष में किया ऐतिहासिक काम!

हालांकि यह अनचाहा विस्तार था, लेकिन सुनीता विलियम्स ने इस लंबे मिशन को एक ऐतिहासिक अवसर में बदल दिया। उन्होंने ISS पर रहते हुए कई वैज्ञानिक प्रयोग किए, स्पेस स्टेशन की देखभाल में योगदान दिया और 9 बार स्पेसवॉक करते हुए कुल 62 घंटे और 9 मिनट तक स्पेस के बाहर समय बिताया। यह उपलब्धि उन्हें अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय बिताने वाली महिलाओं की सूची में शीर्ष पर ले गई।

स्पेस स्टेशन की सफाई और नए उपकरणों की स्थापना

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन फुटबॉल के मैदान जितना बड़ा है और इसकी नियमित देखभाल जरूरी होती है। सुनीता विलियम्स ने इस दौरान पुराने उपकरणों को बदला, सफाई की और नई तकनीकों को स्थापित करने में मदद की।

क्या किया गया खास वैज्ञानिक शोध?

ISS पर रहते हुए सुनीता विलियम्स और उनकी टीम ने 900 घंटे का शोध पूरा किया। उन्होंने 150 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिसमें शामिल थे:

गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव: यह शोध किया कि शून्य गुरुत्वाकर्षण में तरल पदार्थ कैसे काम करते हैं।

ईंधन कोशिकाएं और पानी की पुनर्प्राप्ति: उन्होंने नए रिएक्टर्स विकसित किए जो भविष्य में स्पेस मिशनों के लिए उपयोगी होंगे।

बायोन्यूट्रिएंट्स प्रोजेक्ट: इसमें उन्होंने जीवाणुओं की मदद से पोषक तत्वों को उत्पन्न करने के तरीकों पर शोध किया। यह शोध अंतरिक्ष यात्रियों को ताजा पोषण देने में मदद कर सकता है।

9 महीने बाद हुई ऐतिहासिक वापसी!

कई महीनों की देरी के बाद, सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर ने स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन के तहत 6 मार्च 2025 को सफलतापूर्वक पृथ्वी पर वापसी की। उनकी लैंडिंग फ्लोरिडा के तट पर हुई, जहां स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल ने उन्हें सुरक्षित लौटाया। जब वे पृथ्वी पर लौटे, तो पूरी दुनिया ने उनकी सफलता का जश्न मनाया।

भारत में हवन और प्रार्थनाएं!

भारत में सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी के लिए विशेष प्रार्थनाएं की गईं। उनके पैतृक गांव झूलासन (गुजरात) में हवन और पूजा का आयोजन किया गया। उनके परिवार ने भी विशेष यज्ञ करके भगवान से उनकी सुरक्षित वापसी की कामना की।

नासा ने किया लाइव प्रसारण!

नासा ने उनकी वापसी का लाइव प्रसारण किया। जैसे ही कैप्सूल समुद्र में स्पलैशडाउन हुआ, वहां मौजूद डॉल्फिन का एक झुंड तैरता दिखा। इस पर नासा के कमेंटेटर ने मजाक में कहा, "ये हमारी रिकवरी टीम का मानद हिस्सा हैं!"

अंतरिक्ष की रानी बनीं सुनीता!

सुनीता विलियम्स अब तक अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय बिताने वाली महिला बन चुकी हैं। उनका यह मिशन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है। उनके अनुभवों से भविष्य में अंतरिक्ष यात्राओं की योजना बनाने में मदद मिलेगी। यह मिशन साबित करता है कि किसी भी चुनौती के सामने संघर्ष, धैर्य और वैज्ञानिक सोच से सफलता पाई जा सकती है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।