Sarikela Cleaning: निर्मल नगर में 6 महीने बाद गंदगी पर एक्शन
सरायकेला-खरसावां के आदित्यपुर नगर निगम ने निर्मल नगर में सफाई अभियान चलाकर 6 महीने की गंदगी को हटाया। डस्टबिन वितरण और स्वच्छता जागरूकता ने बस्तीवासियों को स्वच्छता का संकल्प दिलाया।
20 नवम्बर 2024: सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर नगर निगम ने वार्ड-15 के निर्मल नगर में एक व्यापक सफाई अभियान चलाकर गंदगी के अंबार को खत्म कर दिया। इस सफाई अभियान ने न केवल स्थानीय निवासियों को राहत दी बल्कि उन्हें स्वच्छता के प्रति जागरूक भी किया।
6 महीने की गंदगी और शिकायत का असर
निर्मल नगर पिछले छह महीनों से गंदगी के दलदल में फंसा हुआ था। बस्ती में जगह-जगह कचरे के ढेर और दुर्गंध से लोगों का जीना मुहाल हो गया था। इस गंभीर समस्या की ओर बस्तीवासियों ने ध्यान खींचा और नगर निगम प्रशासन से मदद की गुहार लगाई। आखिरकार, प्रशासन ने कार्रवाई की और सफाई अभियान शुरू किया।
इतिहास में झलकता सफाई का महत्व
स्वच्छता का इतिहास भारत में काफी गहरा है। प्राचीन काल में ही हमारे वेद और पुराणों में स्वच्छता को ईश्वर की उपासना के बराबर महत्व दिया गया है। आधुनिक युग में, महात्मा गांधी ने भी स्वच्छता को स्वतंत्रता से जोड़ा। उन्होंने कहा था, "स्वच्छता स्वतंत्रता से अधिक महत्वपूर्ण है।" इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए भारत सरकार ने 2014 में "स्वच्छ भारत मिशन" की शुरुआत की।
अभियान का विस्तार: क्या-क्या हुआ खास?
नगर निगम प्रशासक के निर्देश पर उप नगर आयुक्त पारुल सिंह ने एक विशेष सफाई टीम गठित की। इस टीम ने तीन दिन तक निर्मल नगर में अभियान चलाया। इस दौरान भारी मात्रा में कचरे को ट्रैक्टरों के जरिए हटाया गया।
पारुल सिंह ने लगभग 88 घरों में डस्टबिन वितरित किए और महिलाओं को स्वच्छता का महत्व समझाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि हरे डस्टबिन में गीला कचरा और नीले डस्टबिन में सूखा कचरा रखा जाना चाहिए। इसके अलावा, कचरा गाड़ी के आने पर इन्हें सही तरीके से फेंकने का निर्देश दिया गया।
बस्तीवासियों की प्रतिक्रिया
बस्ती की महिलाओं ने नगर निगम के इस कदम की सराहना की। एक महिला ने कहा, "पहले हमें इस गंदगी के कारण बीमारियों का डर रहता था, लेकिन अब हमें राहत मिली है। हम वादा करते हैं कि हम अपनी बस्ती को स्वच्छ बनाए रखेंगे।"
नगर निगम की टीम का योगदान
इस अभियान में सिटी मैनेजर रवि कुमार, एरिया सुपरवाइजर अमन कुमार और कई अन्य कर्मचारी मौजूद रहे। उनकी मेहनत ने निर्मल नगर की सूरत बदल दी।
स्वच्छता के प्रति जागरूकता का संदेश
यह अभियान न केवल गंदगी हटाने तक सीमित रहा बल्कि लोगों को स्वच्छता के महत्व को समझाने का माध्यम भी बना। पारुल सिंह ने महिलाओं को स्वच्छता बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी, ताकि आने वाले समय में यह बस्ती एक उदाहरण बन सके।
सरायकेला की बदलती तस्वीर
सरायकेला जैसे छोटे शहरों में सफाई और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ना एक सकारात्मक संकेत है। नगर निगम के इस प्रयास ने दिखाया कि अगर प्रशासन और जनता साथ मिलकर काम करें, तो हर समस्या का समाधान संभव है।
आगे की योजना
नगर निगम ने अब हर घर से कचरा इकट्ठा करने के लिए साप्ताहिक योजना तैयार की है। साथ ही, कचरे के सही निस्तारण के लिए एक अलग टीम तैनात की जाएगी।सरायकेला-खरसावां का यह सफाई अभियान यह दिखाता है कि गंदगी को साफ करने के साथ-साथ स्वच्छता की आदत को अपनाना कितना जरूरी है। अगर हर बस्ती इस तरह से अपनी जिम्मेदारी समझे, तो भारत का स्वच्छता मिशन जल्दी ही सफल हो सकता है।
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