गालूडीह Construction: Construction से किसानों को मिलेगा फायदा, जानिए कैसे बन रही है नई शाखा नहर
गालूडीह में नेशनल हाईवे के पास सिंचाई विभाग ने शाखा नहर का निर्माण शुरू किया। यह नहर खेतों तक पानी पहुंचाकर किसानों की खेती को लाभान्वित करेगी।
20 नवम्बर 2024: झारखंड के गालूडीह क्षेत्र में सिंचाई विभाग ने नेशनल हाईवे से सटे बड़ाखूर्शी मार्ग पर नई शाखा नहर के निर्माण कार्य को तेज़ी से आगे बढ़ाया है। यह नहर न केवल क्षेत्र के किसानों की उम्मीदों को नया जीवन देगी, बल्कि सिंचाई व्यवस्था को भी अत्याधुनिक बनाएगी।
शाखा नहर: क्यों जरूरी है यह निर्माण?
गालूडीह क्षेत्र में खेती का मुख्य आधार बारिश पर निर्भरता है। पुराने समय से ही यहां की खेती में पानी की कमी सबसे बड़ी समस्या रही है। हालांकि, यहां सिंचाई की व्यवस्था के लिए कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन समय के साथ पुरानी शाखा नहर क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। अब सिंचाई विभाग ने नई शाखा नहर के निर्माण का जिम्मा लिया है, जिससे खेतों तक पानी पहुंचाना सुनिश्चित होगा।
इतिहास: सिंचाई का भारतीय परंपरा में महत्व
भारत की सभ्यता हमेशा से नदियों और जलस्रोतों के इर्द-गिर्द विकसित हुई है। सिंचाई की परंपरा प्राचीन हड़प्पा सभ्यता में भी देखी गई थी, जहां नहरों का इस्तेमाल कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए किया जाता था। मध्यकाल में शेरशाह सूरी ने भी ग्रैंड ट्रंक रोड के साथ नहरों का निर्माण करवाया, ताकि किसानों को राहत मिल सके। आज, इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए आधुनिक भारत में सिंचाई व्यवस्था को डिजिटल और उन्नत बनाया जा रहा है।
क्या खास है इस परियोजना में?
गालूडीह में बन रही यह शाखा नहर विशेष रूप से हाईवे को पार कर दारिसाई सबर बस्ती तक जाएगी। इसके लिए हाइवे के नीचे पहले से ही ड्रेन तैयार किया गया है। यह ड्रेन शाखा नहर के पानी को आसानी से किसानों के खेतों तक पहुंचाएगा।
सिंचाई विभाग के अनुसार, इस परियोजना के तहत गार्डवाल का निर्माण किया जा रहा है, ताकि नहर मजबूत और टिकाऊ हो। नहर के मुंशी मुकेश कुमार ने जानकारी दी कि पुराने नहर के टूटने से किसानों को काफी परेशानी हो रही थी। अब यह नई नहर किसानों की खेती को सीधे लाभान्वित करेगी।
किसानों को क्या होंगे फायदे?
- पानी की उपलब्धता: खेतों तक पानी पहुंचने से सिंचाई की समस्या खत्म होगी।
- खेती में वृद्धि: समय पर पानी मिलने से फसलों की उत्पादकता बढ़ेगी।
- लागत में कमी: पानी की कमी से उत्पन्न लागत और समय की बचत होगी।
- मिट्टी की गुणवत्ता: नियमित पानी से खेत की मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
गालूडीह के किसानों ने इस परियोजना को वरदान माना है। किसान सुरेश महतो ने कहा, "यह नहर हमारी खेती के लिए नई उम्मीद लेकर आई है। अब हमें बारिश पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।"
दारिसाई बस्ती के निवासी भी खुश हैं कि यह नहर उनकी जमीन की सिंचाई के लिए मददगार होगी। महिलाओं ने कहा, "हमने हमेशा पानी के लिए संघर्ष किया है। अब हमारी फसलें लहलहाएंगी।"
भविष्य की संभावनाएं
यह परियोजना गालूडीह और आसपास के क्षेत्र में खेती की तस्वीर बदल सकती है। सिंचाई विभाग का लक्ष्य है कि यह नहर हर मौसम में किसानों को पानी उपलब्ध कराए। इसके साथ ही, सरकार से उम्मीद है कि वह इस क्षेत्र में और नहरों का निर्माण करेगी।
निर्माण कार्य की प्रगति
मौके पर तेजी से चल रहे निर्माण कार्य में मशीनों और श्रमिकों का सहयोग लिया जा रहा है। कार्य को शीघ्र पूरा करने के लिए अधिकारियों ने निर्देश दिए हैं।गालूडीह में सिंचाई नहर का यह निर्माण किसानों के लिए वरदान साबित होगा। यह परियोजना न केवल खेती को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ करेगी। सरकार और किसानों के बीच ऐसे प्रयास ही भारत के "हरित क्रांति" के सपने को साकार कर सकते हैं।
What's Your Reaction?