Saraikela Smuggling: रात के अंधेरे में खूनी खेल! कांड्रा-सरायकेला मार्ग पर ट्रेलर से टकराया सूमो, 7 तस्करों के मवेशी लदे, एक की मौत, पुलिस ने वाहन जब्त किया
सरायकेला खरसावां जिले में कांड्रा-सरायकेला मार्ग पर शुक्रवार देर रात कोलाबिरा के पास एक दर्दनाक हादसा हुआ। एक सूमो गाड़ी ट्रेलर से टकराकर पलट गई। सूमो में तस्करी के लिए सात मवेशी लदे थे, जिसमें एक की मौत हो गई। वाहन सवार भाग निकले।
झारखंड में अंतर-राज्यीय मार्गों पर मवेशी तस्करी का अवैध धंधा एक बार फिर सामने आया है, लेकिन इस बार दुर्भाग्यपूर्ण हादसे के रूप में। सरायकेला खरसावां जिले के सरायकेला थाना क्षेत्र अंतर्गत कांड्रा-सरायकेला मार्ग पर शुक्रवार देर रात कोलाबिरा के करीब एक सूमो गाड़ी का दर्दनाक हादसा हो गया। यह हादसा सूमो गाड़ी के एक ट्रेलर से टकराने के कारण हुआ, जिसके बाद सूमो पलट गई। हैरानी और गंभीरता की बात यह थी कि पलटी हुई गाड़ी में सात मवेशी लदे थे, जिनमें से एक की मौके पर ही मौत हो चुकी थी।
भारतीय इतिहास में और विशेषकर झारखंड जैसे सीमावर्ती राज्यों में, अवैध मवेशी तस्करी एक बड़ा कानूनी और सामाजिक मुद्दा रहा है। तस्कर अक्सर तेज रफ्तार और ओवरलोड वाहनों में जानवरों को बेदर्दी से ठूंसकर ले जाते हैं, जिससे हादसे की संभावना बढ़ जाती है और बेजुबान जानवरों की जान चली जाती है।
अंधेरे का फायदा उठाकर तस्कर फरार
हादसे की प्रकृति और उसके बाद के घटनाक्रम ने स्पष्ट कर दिया कि यह मामला केवल सड़क हादसे का नहीं, बल्कि अवैध गतिविधि का है।
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सूमो पलटा: देर रात सूमो गाड़ी ट्रेलर से टकराई और पलट गई। इस टकराव के कारण गाड़ी में अमानवीय तरीके से लदे सात मवेशियों में से एक की मौके पर ही मौत हो गई।
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तस्कर भागे: दुर्घटना के तुरंत बाद, सूमो में सवार लोग अंधेरे और हादसे के दौरान उत्पन्न हुए अराजकता का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गए। उनका भागना ही यह सिद्ध करता है कि वे किसी अवैध काम में शामिल थे।
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तस्करी का खुलासा: स्थानीय लोगों और शुरुआती जांच से पता चला कि ये सभी मवेशी तस्करी के लिए ले जाए जा रहे थे।
पुलिस ने शुरू किया रेस्क्यू ऑपरेशन
हादसे की सूचना मिलते ही सरायकेला थाना की पेट्रोलिंग वाहन तुरंत मौके पर पहुंची।
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वाहन जब्त: पुलिस ने सबसे पहले दुर्घटनाग्रस्त सूमो वाहन को जब्त किया। ट्रेलर चालक के बारे में भी जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।
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मवेशियों को बचाया: इसके साथ ही, पुलिस ने गाड़ी में फंसे जीवित मवेशियों को बाहर निकालने और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। मवेशी तस्करों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
यह घटना केवल एक दुर्घटना नहीं है, यह झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय मवेशी तस्करी के बड़े सिंडिकेट की ओर इशारा करती है। पुलिस के सामने अब बड़ी चुनौती यह है कि वह सिर्फ वाहन और मवेशियों को ही जब्त न करे, बल्कि फरार तस्करों और उनके पूरे नेटवर्क का खुलासा करके कड़ी कार्रवाई करे।
आपकी राय में, राजमार्गों पर मवेशी तस्करी के वाहन हादसों को रोकने और तस्करों को पकड़ने के लिए पुलिस को चेकिंग के अलावा कौन से दो अतिरिक्त प्रभावी रणनीतिक कदम उठाने चाहिए?
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