Jamshedpur Controversy : टेल्को के पास स्कूटी सवार महिला को सिपाही ने दौड़कर धक्का दिया, बच्ची समेत सड़क पर गिरी घायल, पुलिसकर्मी मौके से फरार
जमशेदपुर के टेल्को थाना क्षेत्र में गोलमुरी ट्रैफिक पुलिस की चेकिंग के दौरान एक स्कूटी सवार महिला को सिपाही ने धक्का देकर गिरा दिया। हादसे में महिला घायल हो गई। स्थानीय लोगों के विरोध के बाद पुलिसकर्मी मौके से भाग निकले। इस घटना ने पुलिस के व्यवहार पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जमशेदपुर शहर में यातायात नियमों के उल्लंघन पर पुलिस की सख्ती तो जरूरी है, लेकिन नियमों को लागू कराने के तरीकों पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। टेल्को थाना क्षेत्र अंतर्गत जी हॉस्टल के पास गोलमुरी ट्रैफिक थाना की पुलिस टीम द्वारा लगाए गए वाहन चेकिंग अभियान के दौरान एक दर्दनाक और शर्मनाक घटना हुई। एक सिपाही ने एक स्कूटी सवार महिला को दौड़कर धक्का दे दिया, जिससे वह अपनी छोटी बच्ची समेत सड़क पर गिरकर घायल हो गई।
भारतीय पुलिस के इतिहास में अक्सर यह देखा गया है कि कानून का राज स्थापित करने के उत्साह में, कई बार अधिकारी मानवीय सहानुभूति और नियमानुसार कार्यवाही की सीमा को पार कर जाते हैं। चलते वाहन को दौड़कर धक्का देना सुरक्षा के सिद्धांतों के खिलाफ है, खासकर जब वाहन पर कोई महिला और बच्चा सवार हो।
सिपाही ने दौड़ाकर धक्का दिया
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चेकिंग अभियान चल रहा था जब एक महिला अपनी छोटी बच्ची के साथ स्कूटी से गुजर रही थी।
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घबराहट में मोड़ी स्कूटी: ट्रैफिक पुलिस को देखकर महिला घबरा गई और वाहन रोकने के बजाय स्कूटी मोड़कर वापस जाने लगी। यह एक लापरवाही भरा कदम हो सकता है, पर पुलिस की प्रतिक्रिया और भी खतरनाक थी।
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जानबूझकर धक्का: गोलमुरी ट्रैफिक थाना के सिपाही कमलेश राय ने उसे रोकने के प्रयास में दौड़कर स्कूटी को धक्का दे दिया। धक्का लगते ही महिला नियंत्रण खो बैठी और अपनी मासूम बच्ची समेत सड़क पर गिर गई।
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दोबारा धक्का: पहला हादसा होने के बाद भी पुलिस ने अपनी क्रूरता बंद नहीं की। जब महिला किसी तरह उठकर दोबारा जाने लगी, तो कुछ अन्य सिपाही उसके पास पहुंचे और पीछे से फिर स्कूटी को धक्का दे दिया। यह कार्रवाई पूरी तरह से अमानवीय और गैर-कानूनी थी।
सिपाही मौके से फरार, हंगामा
इस घटना में महिला घायल हो गई। अगर ज्यादा गंभीर चोट लगती तो एक बड़ी दुर्घटना भी हो सकती थी।
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पुलिसकर्मी भागे: महिला के गिरते ही सिपाही घबरा गए और स्थिति बिगड़ती देखकर तुरंत मौके से भाग निकले। जिम्मेदारी से भागना पुलिस की गलती को और भी गंभीर बनाता है।
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लोगों का आक्रोश: मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने पुलिस की इस अमानवीय कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। लोगों ने घायल महिला को अस्पताल पहुंचाया।
यह घटना यातायात पुलिस के व्यवहार और प्रशिक्षण पर कई सवाल खड़े करती है। एक सिपाही का इतनी बेशर्मी से एक चलते वाहन को धक्का देना, खासकर जब वाहन पर एक बच्ची भी सवार हो, अक्षम्य अपराध की श्रेणी में आता है। स्थानीय लोग दोषी सिपाही कमलेश राय और अन्य फरार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
आपकी राय में, ट्रैफिक चेकिंग के दौरान पुलिस द्वारा इस तरह के मानवीय और कानूनी उल्लंघनों को रोकने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को कौन से दो कड़े और तत्काल सुधार कदम उठाने चाहिए?
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