Saraikela Accident: हाईवा हादसे ने उड़ाई नींद, पुल से नीचे गिरा वाहन
सरायकेला के राजनगर में एक हाईवा पुल से नीचे गिरा। चालक को झपकी आने के कारण हुआ हादसा। जानिए कैसे बची जान और राहत कार्य का हाल।
झारखंड के सरायकेला जिले के राजनगर थाना क्षेत्र में सोमवार सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। चाईबासा के झींकपानी से आ रहा एक हाईवा वाहन पखनाडीह पुल से करीब 30 फीट नीचे गिर गया। हादसा उस वक्त हुआ जब वाहन चालक को झपकी आ गई, और हाईवा अनियंत्रित होकर पुल की रेलिंग तोड़ते हुए नीचे पानी में जा गिरा।
हालांकि, चालक ने गाड़ी के शीशे तोड़कर अपनी जान बचाई और पानी से बाहर निकल आया। इस हादसे में चालक को हल्की चोटें आईं हैं, और उसे तुरंत प्राथमिक चिकित्सा दी गई।
कैसे हुआ यह हादसा?
चालक का बयान:
गढ़वा निवासी हाईवा चालक ने बताया कि हादसे के समय वह चाईबासा से गढ़वा जा रहा था। सुबह लगभग 4:30 बजे, नींद का झोंका आते ही उसने साइड काटने की कोशिश की, लेकिन गाड़ी का नियंत्रण खो बैठा। नतीजतन, हाईवा पुल की रेलिंग तोड़ते हुए नीचे गिर गया।
ग्रामीणों ने दी मदद:
घटना के तुरंत बाद, स्थानीय ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर पुलिस को सूचना दी। राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू किया गया। समाचार लिखे जाने तक वाहन को पानी से निकालने की कोशिशें जारी थीं।
राजमार्गों पर बढ़ते हादसे: झारखंड के लिए गंभीर संकेत
झारखंड, जो कभी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता था, अब सड़क हादसों के बढ़ते आंकड़ों का गवाह बन रहा है। राजमार्गों पर भारी वाहनों की संख्या बढ़ने और सड़क सुरक्षा उपायों की कमी के कारण ऐसे हादसे आम होते जा रहे हैं।
पिछले आंकड़ों पर नजर डालें:
- 2023 में झारखंड में 5,000 से अधिक सड़क हादसे हुए।
- इनमें से 30% मामले नींद आने या चालक की लापरवाही के कारण हुए।
क्या हैं हादसों के मुख्य कारण?
- ड्राइवरों का ओवरटाइम: लगातार लंबे समय तक गाड़ी चलाने से ड्राइवर थक जाते हैं, जिससे झपकी आने का खतरा बढ़ जाता है।
- सड़क सुरक्षा की कमी: पुलों और राजमार्गों पर सुरक्षा उपायों का अभाव, जैसे मजबूत रेलिंग।
- वाहनों की अनियंत्रित गति: भारी वाहनों के लिए गति सीमा का पालन न करना।
ऐसे हादसों को रोकने के लिए जरूरी उपाय
- ड्राइवरों के लिए विश्राम: लंबी यात्रा के दौरान ड्राइवरों को पर्याप्त आराम दिया जाए।
- सड़क सुरक्षा में सुधार: पुलों और राजमार्गों पर मजबूत रेलिंग और बेहतर संकेतक लगाना।
- वाहन फिटनेस चेक: भारी वाहनों की नियमित जांच और मरम्मत।
- सुरक्षा जागरूकता: ड्राइवरों को सड़क पर सतर्कता और ट्रैफिक नियमों के पालन के लिए प्रेरित करना।
पुल के नीचे गिरने की घटनाओं का इतिहास
पखनाडीह पुल जैसे स्थान झारखंड में नए नहीं हैं। इससे पहले भी राजमार्गों पर कई बड़े हादसे हो चुके हैं। 2021 में एक बस भी इसी क्षेत्र के पास पुल से नीचे गिर गई थी, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी।
राजमार्गों पर भारी वाहनों की लापरवाही और प्रशासन की उदासीनता इन हादसों का मुख्य कारण बनती है।
क्या कहती है जनता?
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को पुलों और राजमार्गों की सुरक्षा में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
आपकी क्या राय है? क्या सरकार को सड़क सुरक्षा के लिए और सख्त नियम लागू करने चाहिए? नीचे कमेंट में अपनी राय दें।
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