Ranchi Illegal Shops : हटिया रेलवे स्टेशन की जमीन पर अवैध निर्माण को किया ध्वस्त, 60 साल पुरानी दुकानें और मकान उजाड़े गए

रांची में रेलवे की जमीन पर अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया। हटिया स्टेशन की जमीन पर 60 साल से बने मकान और दुकानें अब नहीं रहेंगी। जानें इस कार्रवाई के पीछे की वजह और शहर में क्या असर पड़ेगा।

Dec 15, 2024 - 17:01
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Ranchi Illegal Shops : हटिया रेलवे स्टेशन की जमीन पर अवैध निर्माण को किया ध्वस्त, 60 साल पुरानी दुकानें और मकान उजाड़े गए
Ranchi Illegal Shops : हटिया रेलवे स्टेशन की जमीन पर अवैध निर्माण को किया ध्वस्त, 60 साल पुरानी दुकानें और मकान उजाड़े गए

झारखंड के रांची में शनिवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए रेलवे ने हटिया रेलवे स्टेशन की जमीन पर बने अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई सुबह 11 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक जारी रही, जिसमें बुलडोज़र का इस्तेमाल किया गया और भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। रेलवे की जमीन पर पिछले 60 से 70 सालों से बनी इन अस्थायी और स्थायी दुकानों को लेकर स्थानीय प्रशासन और रेलवे अधिकारियों की कार्रवाई को लेकर काफी समय से चर्चा चल रही थी।

अतिक्रमण पर सख्त कदम

हटिया रेलवे स्टेशन की जमीन पर पिछले कई दशकों से लोग अवैध रूप से रह रहे थे। 60-70 सालों से इन ज़मीनों पर दुकानदार और घर बनाने वालों ने यहां अपना कब्जा किया था। रेलवे ने इस ज़मीन को खाली करने के लिए पहले ही नोटिस जारी कर दिया था, लेकिन जिन लोगों ने निर्माण नहीं हटाए, उनके खिलाफ यह सख्त कदम उठाया गया। यह पूरी कार्रवाई बिरसा चौक से एचईसी चेक पोस्ट तक की गई, जिसमें 32 स्थायी दुकानों और 100 से अधिक अस्थायी मकानों को ध्वस्त किया गया।

आरओबी के लिए जमीन की आवश्यकता

इस कार्रवाई की अहम वजह रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का निर्माण है, जो बिरसा चौक में बन रहा है। इस ओवरब्रिज का आकार मौजूदा आरओबी से काफी बड़ा है, और इसके निर्माण के लिए रेलवे को खाली जमीन की आवश्यकता थी। इसके लिए रेलवे पहले से ही इन लोगों को नोटिस दे चुका था, लेकिन निर्माण नहीं हटाए गए थे। इसके बाद रेलवे ने अपनी कार्रवाई शुरू की।

अवैध निर्माण को लेकर पुलिस और प्रशासन की सख्ती

शनिवार की सुबह जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था, और एक मजिस्ट्रेट को भी इस कार्रवाई में शामिल किया गया था। प्रशासन ने पहले ही यह घोषणा कर दी थी कि अगर लोग अपनी दुकानों और मकानों को नहीं हटाते हैं, तो वे मजबूरन ध्वस्त कर दिए जाएंगे। हालांकि, कुछ लोग इस कार्रवाई को देखते हुए समय सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे थे, लेकिन प्रशासन ने इसे खारिज कर दिया।

विभिन्न दुकानें और मकान ध्वस्त किए गए

इस अभियान में कुल 32 स्थायी दुकानों और 100 से ज्यादा अस्थायी आवासों को ध्वस्त किया गया। कुछ लोगों ने यह देखा कि उनका निर्माण टीम के पहुंचने से पहले हटाया जा सकता था, तो उन्होंने जल्दबाजी में अपनी दुकानें और घर खाली करने शुरू कर दिए। कुछ दुकानदारों ने अधिकारियों से थोड़े और समय की मांग की, लेकिन अंततः सभी निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया।

दुकानों में रखे सामान को हुआ नुकसान

अवधि से पहले कार्रवाई का सामना करने वाली एक दुकान के मालिक ने कहा कि उसके निर्माण को बिना सूचित किए ध्वस्त कर दिया गया। इस दौरान दुकान में रखे सामान जैसे फ्रीज और अन्य सामग्री नष्ट हो गई, जिससे दुकानदार को भारी नुकसान हुआ।

रांची के इस महत्वपूर्ण इलाके में रेलवे द्वारा की गई यह कार्रवाई कई सवालों को जन्म देती है। क्या यह कार्रवाई सही थी, या इसके लिए किसी प्रकार की कमी हो सकती थी? इस ध्वस्तीकरण अभियान से निश्चित रूप से यहां रहने वाले कई लोग प्रभावित हुए हैं, लेकिन रेलवे और स्थानीय प्रशासन का तर्क है कि यह एक ज़रूरी कदम था, जो शहर की यातायात और विकास को ध्यान में रखते हुए लिया गया।

अब देखना यह होगा कि भविष्य में इस तरह के अवैध निर्माण को रोकने के लिए और क्या कदम उठाए जाते हैं, और इन प्रभावित परिवारों का क्या होगा।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।