Ranchi Alert : झारखंड में फिर बरसेगा पानी, IMD का ऑरेंज अलर्ट जारी
झारखंड में मानसून अभी खत्म नहीं हुआ है। रांची समेत कई जिलों में भारी बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया गया है। बंगाल की खाड़ी में नया सिस्टम सक्रिय, जानें कब तक जारी रहेगा बारिश का सिलसिला।
झारखंड में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए साफ कहा है कि आने वाले 48 घंटे राज्य के कई जिलों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं। राजधानी रांची समेत सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और सिमडेगा में भारी से बहुत भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है।
लोगों को यह समझना होगा कि भले ही सितंबर का आखिरी सप्ताह शुरू हो गया है और मानसून का अंत नजदीक है, लेकिन झारखंड में बारिश का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा।
Heavy Rain in Jharkhand : किन जिलों में अलर्ट
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक –
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पश्चिमी सिंहभूम
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पूर्वी सिंहभूम
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सरायकेला-खरसावां
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सिमडेगा
इन चार जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं राजधानी रांची और आसपास के इलाके भी तेज हवाओं व लगातार बारिश की चपेट में रहेंगे।
इससे पहले भी अगस्त और सितंबर में कई जिलों में अत्यधिक वर्षा दर्ज की गई थी, जिसके कारण बाढ़ और जलजमाव जैसी स्थिति पैदा हो गई थी। अब फिर वही हालात दोहराने की आशंका जताई जा रही है।
बंगाल की खाड़ी से नया खतरा
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम और मध्य-पूर्व हिस्सों में एक नया निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) 25 सितंबर तक बनने जा रहा है। यही सिस्टम झारखंड में अगले कुछ दिनों तक बारिश बनाए रखेगा।
इतिहास गवाह है कि बंगाल की खाड़ी से उठने वाले ऐसे ही निम्न दबाव तंत्र ने 2008 और 2017 में झारखंड में भारी तबाही मचाई थी। कई जिलों में पुल टूटे, सड़कें डूब गईं और गांवों का संपर्क पूरी तरह कट गया था। यही वजह है कि इस बार भी प्रशासन सतर्क मोड में है।
रांची का मौसम और चुनौतियां
राजधानी रांची में लगातार बारिश और तेज हवाओं के कारण आम लोगों की जिंदगी प्रभावित हो सकती है।
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जलजमाव से यातायात बाधित होगा।
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स्कूल-कॉलेज आने-जाने में परेशानी होगी।
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प्रशासन के सामने ड्रेनेज सिस्टम और बिजली सप्लाई को दुरुस्त रखना बड़ी चुनौती होगी।
मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद का कहना है कि आने वाले 48 घंटे सबसे ज्यादा असर डाल सकते हैं। अलग-अलग इलाकों में अत्यधिक वर्षा (Heavy to Very Heavy Rainfall) दर्ज की जाएगी।
गर्मी से राहत, लेकिन चिंता भी
बारिश भले ही भीषण गर्मी और उमस से राहत दिलाए, लेकिन इसके साथ ही कई खतरे भी जुड़े हैं।
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खेतों में कटाई के लिए तैयार धान की फसल डूब सकती है।
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गांवों में कच्चे मकानों को नुकसान का खतरा है।
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बिजली कटौती और सड़क जाम आम बात होगी।
झारखंड के इतिहास पर नजर डालें तो 2019 और 2021 के सितंबर महीने में भी इसी तरह के सिस्टम ने लंबी बारिश करवाई थी। तब किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा था।
स्पष्ट है कि मानसून भले ही अंतिम चरण में हो, लेकिन झारखंड अभी भी बारिश के चपेट में है। बंगाल की खाड़ी से बन रहा नया सिस्टम आने वाले दिनों को और चुनौतीपूर्ण बना सकता है।
आम जनता को सलाह है कि घर से बाहर निकलते समय सावधानी बरतें, प्रशासन के अलर्ट का पालन करें और बारिश से जुड़े खतरे को हल्के में न लें।
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