Ranchi Encounter: अपराधी ने पुलिस से पिस्टल छीनी, चली गोली, फिर हुआ ये खुलासा!
रांची में आनंद मार्ग आश्रम हत्याकांड के फरार अपराधी मो. प्रिंस को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। भागने की कोशिश में पुलिस की गोली से घायल हुआ। जानिए पूरा मामला!

रांची/मांडर: झारखंड के रांची जिले में आनंद मार्ग आश्रम दोहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपी मो. प्रिंस की गिरफ्तारी किसी फिल्मी सीन से कम नहीं थी। पहले उसने अपराध कबूला, फिर पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की और यहां तक कि थाना प्रभारी की पिस्टल छीनने का प्रयास किया। इसी दौरान चली गोली और उसका पूरा खेल खत्म हो गया। पुलिस ने बताया कि प्रिंस को मंगलवार रात बीआइटी ओपी क्षेत्र से पकड़ा गया था। गिरफ्तारी के बाद जब उसे पूछताछ के लिए जंगल ले जाया गया, तब उसने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की गोली उसके पैर में जा लगी।
आनंद मार्ग आश्रम में दोहरा हत्याकांड
घटना छह मार्च की है, जब रांची के आनंद मार्ग आश्रम में साधु मुकेश साह और ग्रामीण राजेंद्र यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस वारदात को अंजाम देने वाले छह अपराधियों में से चार (जितेंद्र यादव, अरविंद यादव, सूरज पहान और अफरोज अंसारी) को पुलिस ने 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद, पांचवें अपराधी गुलाम गौस ने 10 मार्च को कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
छठे अपराधी मो. प्रिंस (पिता: मो. जाहिद), जो रांची के पत्थलकुदवा मिल्लत कॉलोनी का रहने वाला है, सबसे लंबे समय तक फरार था। लेकिन पुलिस ने आखिरकार उसे दबोच ही लिया।
कैसे हुआ मो. प्रिंस गिरफ्तार?
पुलिस के अनुसार, मो. प्रिंस आनंद मार्ग आश्रम हत्याकांड का मास्टरमाइंड नहीं था, लेकिन उसने वारदात में सक्रिय भूमिका निभाई थी। घटना के बाद वह फरार हो गया था और खुद को बचाने के लिए कई जगह छिपता रहा। लेकिन पुलिस लगातार उसके पीछे लगी रही और आखिरकार मंगलवार की रात उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में उसने बताया कि वारदात के बाद वह अपनी जैकेट, जिस पर मृतकों के खून के छींटे लगे थे, साड़म जंगल में फेंक आया था। इसी जानकारी के आधार पर पुलिस उसे बुधवार को जंगल ले गई, ताकि सबूत बरामद किया जा सके। लेकिन यहां उसने पुलिस को चकमा देकर भागने की कोशिश की और चान्हो थाना प्रभारी की पिस्टल छीनने का प्रयास किया।
पुलिस की गोली से घायल हुआ अपराधी
जब प्रिंस ने पुलिस से पिस्टल छीनने की कोशिश की, तो अचानक अफरा-तफरी मच गई। इसी दौरान पुलिस की गोली उसके पैर में जा लगी और वह जमीन पर गिर पड़ा। घायलावस्था में पुलिस उसे तुरंत मांडर रेफरल अस्पताल लेकर गई, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे रांची के रिम्स रेफर कर दिया गया।
क्यों हुई आनंद मार्ग आश्रम में हत्या?
पुलिस अभी भी इस हत्याकांड के पीछे की असली वजह तलाश रही है। हालांकि शुरुआती जांच में पुरानी रंजिश और आश्रम से जुड़ी संपत्ति विवाद जैसी बातें सामने आई हैं। लेकिन यह भी संभव है कि अपराधियों का कोई बड़ा नेटवर्क इस घटना के पीछे हो। पुलिस अब इस दिशा में भी जांच कर रही है कि क्या यह सुपारी किलिंग का मामला था या इसके पीछे कोई और षड्यंत्र छिपा है।
झारखंड में बढ़ते अपराध और पुलिस की सख्ती
यह पहली बार नहीं है जब झारखंड में अपराधियों ने पुलिस को चुनौती दी हो। लेकिन हाल के दिनों में पुलिस की सख्ती के चलते अपराधियों का बच निकलना मुश्किल हो गया है। आनंद मार्ग आश्रम हत्याकांड के आरोपियों की तेजी से गिरफ्तारी इसका ताजा उदाहरण है।
क्या होगा आगे?
अब पुलिस बाकी गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस हत्याकांड में और कौन-कौन शामिल था। जल्द ही इस मामले में और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
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