World Kidney Day : झारखंड में किडनी मरीजों की बाढ़! हर 10 में से 1 व्यक्ति बीमार, जानिए वजह और बचाव

झारखंड में तेजी से बढ़ रही है किडनी की बीमारी! जानें इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपाय। क्या आपकी किडनी सुरक्षित है? पढ़ें पूरी खबर।

Mar 13, 2025 - 10:22
Mar 13, 2025 - 10:41
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World  Kidney Day : झारखंड में किडनी मरीजों की बाढ़! हर 10 में से 1 व्यक्ति बीमार, जानिए वजह और बचाव
World Kidney Day : झारखंड में किडनी मरीजों की बाढ़! हर 10 में से 1 व्यक्ति बीमार, जानिए वजह और बचाव

रांची: क्या आपको पता है कि झारखंड में हर 10 में से 1 व्यक्ति किडनी की बीमारी से जूझ रहा है? ये आंकड़ा चौंकाने वाला है! विशेषज्ञों के मुताबिक, राज्य में 35 लाख से ज्यादा लोग किसी न किसी किडनी समस्या से ग्रसित हैं, जिनमें से 8-10% मरीजों को डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। खराब जीवनशैली, जंक फूड और अनावश्यक एंटीबायोटिक्स के सेवन से यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है।

किडनी मरीजों की बढ़ती संख्या का सच

किडनी रोग विशेषज्ञों के अनुसार, झारखंड में 65% मरीज तब अस्पताल पहुंचते हैं, जब उनकी किडनी लगभग फेल होने की कगार पर होती है। हालांकि, राज्य के सभी 24 जिलों में डायलिसिस सुविधा मौजूद है और हर महीने 5,500 से ज्यादा मरीजों का इलाज किया जाता है। फिर भी, किडनी विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है। राज्य में जहां 75-80 डॉक्टरों की जरूरत है, वहीं सिर्फ 35-40 विशेषज्ञ मौजूद हैं।

क्यों बढ़ रही है किडनी की बीमारी?

1. गलत जीवनशैली:

किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित कुमार बताते हैं कि आधुनिक जीवनशैली इस बीमारी की सबसे बड़ी वजह है। लोग समय पर सोते-जागते नहीं, तनाव में रहते हैं और जंक फूड का अत्यधिक सेवन करते हैं, जिससे किडनी पर भारी असर पड़ता है।

2. ज्यादा नमक का सेवन:

अधिकांश लोग दिनभर में 8-10 ग्राम नमक का सेवन कर रहे हैं, जबकि इसकी जरूरत सिर्फ 2-3 ग्राम होती है। जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड के चलते लोग अनजाने में ही ज्यादा नमक खा रहे हैं, जिससे किडनी पर बुरा असर पड़ता है।

3. एंटीबायोटिक्स का दुरुपयोग:

बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक्स और दर्द निवारक दवाएं लेने की आदत भी किडनी खराब करने का बड़ा कारण बन रही है। डॉक्टरों का कहना है कि मरीज मामूली बीमारियों में भी खुद ही एंटीबायोटिक्स लेना शुरू कर देते हैं, जिससे किडनी को नुकसान पहुंचता है।

डायलिसिस सुविधाएं और सरकारी योजनाएं

राज्य सरकार ने सभी 24 जिलों में डायलिसिस यूनिट स्थापित किए हैं। यहां दो कंपनियों - डीसीडीसी (दिल्ली) और एस्कैग संजीवनी (कोलकाता) - द्वारा सेवाएं दी जा रही हैं।

कौन कर सकता है फ्री डायलिसिस?

  • आयुष्मान कार्डधारी: पूरी तरह मुफ्त
  • बीपीएल कार्डधारी: मुफ्त सुविधा
  • लोअर इनकम ग्रुप (सालाना आय 72,000 से कम): मुफ्त सुविधा
  • सामान्य मरीज: डीसीडीसी सेंटर - ₹1048, एस्कैग सेंटर - ₹1206

झारखंड के प्रमुख शहरों में डायलिसिस सुविधा:

  • रांची: 07 मशीनें
  • धनबाद: 02 मशीनें
  • बोकारो: 06 मशीनें
  • देवघर: 06 मशीनें
  • गिरिडीह: 05 मशीनें
  • हजारीबाग: 06 मशीनें

रांची सदर अस्पताल में हर महीने 600 से ज्यादा मरीजों का डायलिसिस होता है, जहां आयुष्मान और बीपीएल मरीजों को मुफ्त सुविधा मिलती है।

किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण:

 पैरों में सूजन
 पेशाब में झाग बनना
 पेशाब का रंग बदलना
 भूख में कमी
 जल्दी थक जाना

अगर ये लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें!

World Kidney Day 2025: जानिए इस साल की थीम

हर साल मार्च के दूसरे गुरुवार को 'वर्ल्ड किडनी डे' मनाया जाता है। 2025 की थीम है – "क्या आपकी किडनी ठीक है? प्रारंभिक निदान करें, किडनी स्वास्थ्य की रक्षा करें"। इस थीम के तहत लोगों को समय पर किडनी चेकअप कराने और जीवनशैली में सुधार करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

कैसे रखें अपनी किडनी हेल्दी?

नमक का सेवन घटाएं: दिनभर में 2-3 ग्राम से ज्यादा नमक न लें।
जंक फूड से बचें: बाहर का खाना कम करें, ताजे फल-सब्जियों को प्राथमिकता दें।
पर्याप्त पानी पिएं: रोजाना 8-10 गिलास पानी जरूर पीएं।
एंटीबायोटिक्स से बचें: बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें।
ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल रखें: हाई बीपी और डायबिटीज किडनी फेलियर का सबसे बड़ा कारण हैं।

झारखंड में किडनी की बीमारी तेजी से फैल रही है, और अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो हालात और भी खराब हो सकते हैं। अगर आपको बार-बार थकान, सूजन या पेशाब में बदलाव जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, सही खानपान रखें और जागरूक रहें ताकि इस गंभीर बीमारी से बचा जा सके।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।