Ranchi Court: विधवा के 18 लाख पर सियासत, झारखंड सरकार की मुफ्त योजनाओं पर हाईकोर्ट ने उठाए सवाल!

झारखंड हाईकोर्ट ने विधवा के 18 लाख बकाया भुगतान को लेकर राज्य सरकार पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि जब चुनावी वादों के लिए मुफ्त योजनाएं लागू हो रही हैं, तो विधवा का भुगतान क्यों लंबित है।

Jan 28, 2025 - 13:49
 0
Ranchi Court: विधवा के 18 लाख पर सियासत, झारखंड सरकार की मुफ्त योजनाओं पर हाईकोर्ट ने उठाए सवाल!
Ranchi Court: विधवा के 18 लाख पर सियासत, झारखंड सरकार की मुफ्त योजनाओं पर हाईकोर्ट ने उठाए सवाल!

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि चुनावी वादों के नाम पर लोगों के खातों में पैसा भेजा जा रहा है, लेकिन एक विधवा के वैध और स्वीकृत 18 लाख रुपये का भुगतान तीन साल से लंबित क्यों है? जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने इस मामले में कड़ी नाराजगी जताते हुए सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े किए।

विधवा की याचिका और सरकार का जवाब

चतरा जिले की रतन देवी ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उनके पति, जो चतरा जिला लाइब्रेरी में कार्यरत थे, 1999 से 2022 तक के वेतन बकाया का भुगतान अब तक नहीं हुआ है। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि सरकार चुनावी वादे पूरे करने के लिए मुफ्त योजनाओं का लाभ बांट रही है, लेकिन बकाया राशि पर ध्यान नहीं दे रही है।

सरकार की ओर से दाखिल शपथपत्र में चतरा के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने बताया कि बकाया राशि के लिए प्रस्ताव भेजा गया है और जैसे ही धनराशि स्वीकृत होगी, भुगतान कर दिया जाएगा।

रेवड़ियां और सरकारी प्राथमिकताओं पर सवाल

झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब मुफ्त योजनाओं के तहत लाभार्थियों के खातों में पैसे भेजे जा रहे हैं, तो विधवा को उसका अधिकार क्यों नहीं मिल रहा है? कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकारी नीतियों में संतुलन होना चाहिए ताकि कमजोर वर्गों के साथ न्याय हो सके।

मनरेगा घोटाला और पूरक जांच

इस दौरान, झारखंड हाईकोर्ट ने खूंटी के चर्चित मनरेगा घोटाले में आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की भूमिका की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मामले की जांच पहले से ही सीबीआई और ईडी द्वारा की जा रही है, इसलिए अब याचिका पर सुनवाई की आवश्यकता नहीं है।

ऐतिहासिक संदर्भ

झारखंड में चुनावी वादों और सरकारी योजनाओं के बीच विधवा, पेंशनधारी, और मजदूर वर्ग अक्सर अपने हक के लिए संघर्ष करते देखे गए हैं। ऐसे मामलों में कोर्ट ने कई बार हस्तक्षेप कर सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। यह मामला भी सरकार की प्राथमिकताओं और न्याय के संतुलन को लेकर एक नजीर बन सकता है।

झारखंड हाईकोर्ट का यह हस्तक्षेप सरकार को उन वर्गों की ओर ध्यान देने की याद दिलाता है, जिनका अधिकार लंबित है। क्या सरकार विधवा रतन देवी के बकाया 18 लाख रुपये का भुगतान जल्द करेगी, या यह मामला भी लालफीताशाही में उलझ जाएगा?

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।