Ranchi Scam: ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर करोड़ों की ठगी, बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश!

रांची पुलिस ने ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया। जानिए इस गिरोह के काम करने के तरीके और पुलिस की जांच में क्या सामने आया।

Jan 28, 2025 - 13:43
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Ranchi Scam: ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर करोड़ों की ठगी, बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश!
Ranchi Scam: ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर करोड़ों की ठगी, बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश!

रांची: झारखंड में ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर मोटी रकम ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। रांची पुलिस ने इस गिरोह के पांच संदिग्ध सदस्यों को हिरासत में लिया है। इस गैंग पर आईपीएस से लेकर दारोगा स्तर तक के अधिकारियों का ट्रांसफर और ठेका मैनेज करने का झांसा देकर ठगी करने का आरोप है।

कैसे हुआ गिरोह का खुलासा?

रांची पुलिस को सूचना मिली थी कि राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर ठगी की साजिश रची जा रही है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मेन रोड अली रेसीडेंसी के सज्जाद उर्फ मुन्ना और कैप्टन सिंह सलूजा को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान इस गिरोह के अन्य सदस्यों का नाम सामने आया, जिनमें जमशेदपुर के आर्यन सरकार, हल्दी पोखर के चंदन लाल, और कडरू के सूर्य प्रभात शामिल हैं।

गिरोह का काम करने का तरीका

यह गिरोह ट्रांसफर-पोस्टिंग में रुचि रखने वाले अधिकारियों और ठेकेदारों को निशाना बनाता था। झूठे वादों और फर्जी संपर्कों का दावा कर ये लोग मोटी रकम वसूलते थे। ठगी का यह खेल लंबे समय से चल रहा था।

पूछताछ के बाद क्या हुआ?

पुलिस ने हिरासत में लिए गए सभी पांचों सदस्यों से पूछताछ की। हालांकि, स्पष्ट साक्ष्यों की कमी के कारण उन्हें कोतवाली थाना से छोड़ दिया गया। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है, और जल्द ही इस गिरोह के खिलाफ ठोस सबूत जुटाकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ठगी के मामलों का पुराना इतिहास

झारखंड में अधिकारियों और ठेकेदारों से ठगी के मामले कोई नई बात नहीं हैं। 2000 के दशक से ही ऐसे गिरोह सक्रिय रहे हैं, जो सत्ता और प्रशासन में अपनी पहुंच का दावा कर लोगों को फंसाते हैं। खासकर राजधानी रांची में इस तरह की घटनाएं ज्यादा सामने आई हैं।

रांची पुलिस की सतर्कता

पुलिस का कहना है कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए डिजिटल माध्यमों और जागरूकता अभियानों का सहारा लिया जा रहा है। पुलिस प्रशासन ने अधिकारियों और आम जनता से अपील की है कि वे इस तरह की फर्जी कॉल्स और संपर्कों से सतर्क रहें।

क्या है आगे की योजना?

पुलिस ने इस गिरोह के खिलाफ पुख्ता सबूत इकट्ठा करने की बात कही है। जांच टीम गिरोह के फर्जी नेटवर्क और लेन-देन की जानकारी जुटा रही है।

गिरोह में शामिल संदिग्धों की प्रोफाइल

  1. सज्जाद उर्फ मुन्ना: मेन रोड अली रेसीडेंसी का निवासी, गिरोह का मुख्य सदस्य माना जा रहा है।
  2. कैप्टन सिंह सलूजा: स्टेशन रोड निवासी, ठगी में अहम भूमिका निभा रहा था।
  3. आर्यन सरकार: जमशेदपुर का निवासी, गिरोह के फर्जी संपर्कों का दावा करता था।
  4. चंदन लाल: हल्दी पोखर का निवासी, ठगी के लिए नेटवर्क तैयार करता था।
  5. सूर्य प्रभात: कडरू निवासी, फर्जी लेन-देन में शामिल था।

ग्राहकों को संदेश

पुलिस ने जनता को सतर्क रहने और किसी भी तरह के झूठे वादों से बचने की सलाह दी है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी देने का आग्रह किया गया है।

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