जमशेदपुर राजनीति: रघुबर दास की बढ़ी सक्रियता, बस्ती विकास समिति की भी हलचल तेज, विरोधियों की बढ़ी चिंता
ओडिशा के राज्यपाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास की जमशेदपुर में बढ़ती सक्रियता ने बस्ती विकास समिति को भी सक्रिय कर दिया है। चुनावी माहौल में उनकी यह सक्रियता विरोधियों की चिंता बढ़ा रही है।
ओडिशा के राज्यपाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास की जमशेदपुर में बढ़ती सक्रियता ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। चुनावी माहौल के बीच रघुबर दास का जमशेदपुर दौरा और विभिन्न कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी ने विरोधियों की चिंता बढ़ा दी है। खासकर जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में, जहां से वह पहले विधायक रह चुके हैं, उनकी लगातार उपस्थिति ने राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है।
बस्ती विकास समिति का पुनर्जागरण
रघुबर दास के जमशेदपुर दौरे के साथ ही केंद्रीय बस्ती विकास समिति भी सक्रिय हो गई है। गौरतलब है कि इस समिति के जनक खुद रघुबर दास हैं। समिति के लोग और नेता अब तेजी से संगठन को फिर से खड़ा करने और चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं। शनिवार को बस्ती विकास समिति के एक शिष्टमंडल ने अध्यक्ष पवन अग्रवाल के नेतृत्व में रघुबर दास से एग्रिको स्थित उनके निवास पर मुलाकात की।
इस अवसर पर बस्ती विकास समिति की ओर से रघुबर दास को पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। रघुबर दास ने इस दौरान समाजहित और बस्तियों की छोटी-बड़ी समस्याओं के समाधान के लिए समिति के सदस्यों को कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने स्लम क्षेत्रों में बढ़ती नशाखोरी की समस्या पर भी चिंता व्यक्त की और समिति से आग्रह किया कि युवाओं को नशा से मुक्त कराने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए।
समिति की नई योजना
समिति के नवनियुक्त अध्यक्ष पवन अग्रवाल को रघुबर दास ने पट्टा पहनाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर पवन अग्रवाल ने कहा कि जल्द ही सामाजिक सोच रखने वाले लोगों को बस्ती विकास समिति से जोड़कर नई कमिटी का गठन किया जाएगा। इसके बाद योजनाबद्ध तरीके से जनता के मुद्दों को लेकर आवाज उठाने और कार्य करने की योजना बनाई जाएगी।
रघुबर दास के सक्रिय होने से विरोधियों की चिंता
जमशेदपुर में रघुबर दास की बढ़ती सक्रियता ने उनके विरोधियों की चिंता को और बढ़ा दिया है। दास की लोकप्रियता और उनकी बस्ती विकास समिति की पुन: सक्रियता से स्थानीय राजनीतिक दलों में हलचल मच गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले चुनावों में रघुबर दास की यह सक्रियता उनके विरोधियों के लिए चुनौती साबित हो सकती है।
महत्वपूर्ण उपस्थिति
इस बैठक में बस्ती विकास समिति के संरक्षक रामबाबू तिवारी, चंद्रशेखर मिश्रा, पूर्व अध्यक्ष खेमलाल चौधरी, दिनेश कुमार, गुंजन यादव, मिथलेश यादव, भूपेंद्र सिंह, संजीव सिंह, बोल्टू सरकार, सुशांतो पांडा, राकेश सिंह, अमरजीत सिंह राजा, टुनटुन सिंह, कमलेश सिंह, कौस्तुव राय, और दिलीप पासवान प्रमुख रूप से शामिल थे। सभी ने रघुबर दास की कार्यशैली और उनके मार्गदर्शन की सराहना की।
रघुबर दास की जमशेदपुर में बढ़ती सक्रियता और बस्ती विकास समिति की पुनः सक्रियता से यह साफ है कि चुनावी तैयारी जोरों पर है। दास के नेतृत्व में यह समिति अब सामाजिक और बस्ती सुधार के कार्यों में जुटकर चुनावी मैदान में भी अपना दमखम दिखाने की तैयारी कर रही है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस सक्रियता का स्थानीय राजनीति पर क्या असर होता है और विरोधी दल कैसे इसका सामना करते हैं।
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