क्या डॉक्टर की लापरवाही ने ली बैल की जान? विद्यापति नगर की दिल दहला देने वाली घटना!
विद्यापति नगर में लम्बे समय से घायल बैल की दर्दनाक मृत्यु ने डॉक्टर की लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कॉलोनीवासियों का कहना है कि डॉक्टर की टालमटोल और लापरवाही ने बैल की जान ली। पढ़ें पूरी खबर।
विद्याापति नगर में घायल बैल की दुखद मृत्यु: डॉक्टर की लापरवाही पर उठा सवाल
विद्याापति नगर, बारीडीह में पिछले छह दिनों से घायल एक बैल की स्थिति गंभीर होती जा रही थी। बैल के पैर में गहरी चोट के कारण वह चलने में असमर्थ हो गया था। स्थानीय निवासियों ने बैल को उसके घर के पास से उपचार क्षेत्र में स्थानांतरित करने के लिए मिलकर प्रयास किया। इस बचाव अभियान में बांस और जूट के बोरे का उपयोग किया गया। प्लास्टिक की रस्सियों की मदद से बैल को सुरक्षित रूप से बांधकर उपचार क्षेत्र तक पहुँचाया गया।
जन सेवा संघ के सुरज ने इस अभियान में विशेष रूप से योगदान दिया, और डॉ. अंजनी कुमार ने बैल के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अभियान में बिहारी लाल, धीरज पांडेय, सोनू मोनू, बृज मोहन, सौरव, निखिल, बाबू, सत्यम, गजेन्द्र सिंह, मालय, बरुआ, रोशन झा, बंटी समेत अन्य स्थानीय निवासी भी सहयोग में शामिल हुए।
दुर्भाग्यवश, जन सेवा संघ और कॉलोनीवासियों के अथक प्रयासों के बावजूद बैल को नहीं बचाया जा सका। कॉलोनीवासियों ने डॉक्टर अंजनी कुमार पर लापरवाही का आरोप लगाया है। कॉलोनीवासियों का कहना है कि डॉक्टर ने पिछले तीन दिनों से टालमटोल किया, जिससे बैल की स्थिति और बिगड़ती गई।
डॉ. अंजनी कुमार ने कहा कि कॉलोनीवासी पैसे देने में असमर्थ थे, इसलिए उन्होंने पिछले तीन दिनों से इलाज बंद कर दिया था। लेकिन उन्होंने बताया कि कल रात दो बजे तक बैल की जान बचाने के लिए उन्होंने अपनी पूरी कोशिश की। दुर्भाग्यवश, बैल की मृत्यु हो गई। डॉक्टर ने कहा कि इस घटना से वह बहुत दुखी हैं।
डॉक्टर के अनुसार, बैल के फेफड़ों में पानी भर गया था। डॉक्टर ने सभी उपायों के साथ अपना काम किया। डॉक्टर ने कहा कि यदि वह बैल को खड़ा करने की कोशिश करते तो बैल को दिल का दौरा पड़ सकता था। इसलिए उन्होंने बैल को बचाने के लिए एंटीबायोटिक इंजेक्शन दिया।
कॉलोनीवासियों के अनुसार, उन्होंने कल डॉक्टर को 2600 रुपये दिए थे और डॉक्टर ने आज आने का वादा किया था। लेकिन बैल की मृत्यु तक डॉक्टर विद्याापति नगर नहीं पहुँचे। इस घटना से कॉलोनीवासियों में शोक की लहर दौड़ गई है।
कॉलोनीवासियों ने कहा कि डॉक्टर अंजनी का व्यवहार चिकित्सक कम और व्यापारी जैसा अधिक था, जिससे बैल की जान चली गई। स्थानीय निवासियों की एकता और जानवरों के प्रति उनकी संवेदनशीलता का यह अद्भुत उदाहरण था, लेकिन डॉक्टर की लापरवाही ने उनके प्रयासों पर पानी फेर दिया।
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